शैलजा को हटाने के खेल में हुड्डा के इस खेल से अनुसूचित समाज अपमानित और पीड़ित महसूस कर रहा है: कृष्ण बेदी

punjabkesari.in Thursday, Apr 28, 2022 - 05:36 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी):  अनुसूचित जाति से संबंधित वरिष्ठ नेत्री कुमारी शैलजा को इस तरह से प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर कहीं ना कहीं इस समाज से संबंधित नेताओं के दिल का दर्द झलक कर सामने आ रहा है। इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी ने कहा है कि शैलजा केवल कांग्रेस की नेत्री ही नहीं हमारे समाज की बेटी भी हैं। बिना वजह- बिना कारण केवल अपनी महत्वाकांक्षा को शांत करने के लिए हुड्डा और उनकी टीम ने जो खेल खेला, उससे हमारे समाज के लोग अपने को अपमानित और पीड़ित महसूस कर रहे हैं।

पहले उन्हें लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने दिया गया, फिर राज्यसभा में नहीं जाने दिया गया और अब प्रदेशाध्यक्ष से भी छुट्टी करवा दी गई। इसका रिजल्ट कांग्रेस पार्टी को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। पिछले विधानसभा चुनावों में 31 सीटें कांग्रेस के जीतने में शैलजा का अहम रोल रहा। उनके नाम पर वोट देने वाले मतदाता अपने को आज ठगा महसूस कर रहे हैं। शैलजा जैसे नेतृत्व को अपमानित करके कुर्सी से उतारना सिद्धू वाली जिद्द हरियाणा में हुई है।कांग्रेस के इस फैसले के कारण हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। उन्होंने नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष उदय भान को बधाई देते हुए सलाह दी कि डम्मी प्रदेशाध्यक्ष बन कर रहने की बजाए शैलजा जैसी दबंगता से कार्य करें। बेदी ने कहा कि कांग्रेस को अनुसूचित समाज की वोट तो चाहिए, लेकिन अगर इस जाति के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाए तो उसकी आवाज में यह लोग खड़क नहीं चाहते।

कांग्रेस को गर्त में पहुंचाने का काम हुड्डा व उसकी टीम कर रही है
बेदी ने इस मौके पर बहुत सुंदर उदाहरण देते हुए कहा रोटी को जलने से रोकने के लिए तवा नहीं रोटी बनाने वाला बदलना चाहिए। इसी तरह कांग्रेस पार्टी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बदलना चाहिए। कांग्रेस को गर्त में पहुंचाने का काम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उसकी टीम कर रही है। अनुसूचित जाति के लोगों को आगे करके बदनाम करने की नियत से काम किया जा रहा है। बेदी ने कहा कि पंजाब से कांग्रेस पार्टी को सीख लेने की जरूरत थी। एक प्रधान और तीन कार्यकारी प्रधान बनाकर कांग्रेस का भला पंजाब में नहीं हुआ तो फिर हरियाणा में कैसे होगा। जनता के दिलों में जगह बनाने के लिए काम करके दिखाना होता है। केवल जातिगत आधार पर कार्यकारी प्रधान बनाकर लोगों के दिलों में जगह नहीं बनाई जा सकती। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधन सरकार द्वारा  किए गए चहुंमुखी विकास, रोजगार, किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं, सड़कों के सुदृढ़ीकरण को लेकर हम जनता में जाएंगे। हमारी अव्वल खेल नीति के कारण आज देश और दुनिया में हमारे खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। हम इस दम पर जनता के बीच में जा रहे हैं।

एक विधायक - एक पेंशन" के फार्मूले की शुरुआत दिल्ली से करें केजरीवाल 
कृष्ण बेदी ने एक विधायक- एक पेंशन मामले पर बोलते हुए कहा कि यह फार्मूला केजरीवाल को दिल्ली से लागू करना चाहिए। वहां भी पूर्व विधायक हैं। उनकी तीन बार सरकार बनी। इनकी सरकार में कई विधायक दूसरी और तीसरी बार बने है। इसलिए इसकी शुरुआत केजरीवाल को दिल्ली से करनी चाहिए। कोई भी विधायक पेंशन और तनख्वाह के लिए राजनीति में नहीं आता। सभी एक विचारधारा और सोच के साथ जनता की सेवा के लिए राजनीति में आते हैं। बेदी ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल से पहले भी देश में लोकतंत्र था और केजरीवाल के बाद भी रहेगा।

लेकिन लोकतंत्र से छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति ज्यादा लंबा समय नहीं रह सकता। पंजाब में कांग्रेस की गलतियों के कारण आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है। लेकिन जहां- जहां बीजेपी की सरकारें हैं, वहां केजरीवाल को गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए। यह भारतीय जनता पार्टी है जो लोगों के दिलो और दिमाग में बसी हुई है। केजरीवाल आज हिमाचल और गुजरात में पूरी भाग दौड़ कर रही हैं। लेकिन उन्होंने गोवा और उत्तरांचल में भी अपनी गतिविधियां तेज की थी। उत्तर प्रदेश में कमाल करने की बात कही थी। मिजोरम में भी काफी भागदौड़ की थी। इसी तरह हरियाणा में उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है और जो लोग उनकी पार्टी में परिवर्तित हुए हैं, उन्हें लोगों ने पहले ही चेक कर लिया है और सभी दलों से घूम कर वह अंत में केजरीवाल के घर पहुंचे हैं। लेकिन रिजल्ट वही रहेगा। तीसरी बार मनोहर सरकार।

 

 

 

 


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Content Writer

Isha

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