‘सैल्फी विद माई स्टूडेंट्स बर्थ-डे’ मुहिम से बढ़ा रहे बेटियों का रुतबा

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2020 - 12:41 PM (IST)

सिरसा(हरभजन): आपने सैल्फी विद माई डॉटर के नाम से एक सामाजिक मुहिम के बारे में अवश्य सुना होगा लेकिन एक सरकारी अध्यापक ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को एक नया आयाम देते हुए सैल्फी विद माई स्टूडैंट बर्थ-डे की अनुकरणीय पहल शुरू की हुई है। संस्कृत अध्यापक धर्मेंद्र शास्त्री बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं, वहीं उनकी उच्चतर शिक्षा प्राप्ति में आने वाली अड़चनों को भी अपने प्रयास के द्वारा दूर करने की पूरी कोशिश करने में जुटे हुए हैं।

सैल्फी विद माई स्टूडेंट्स बर्थ-डे के रूप में उन्होंने उन बेटियों को एक नई पहचान दिलवाने की कोशिश की है जो परिवार की गरीबी व तंगहाली की वजह से इंटरनैट जैसे संसाधनों से कोसों दूर थी। अब तक हजारों बेटियों संग सैल्फी की फोटो उनके फेसबुक अकाऊंट पर पोस्ट हो चुकी हैं। शास्त्री हर स्कूली बच्चे का जन्मदिन खास अंदाज में मनाते हैं, वहीं खुद का बर्थ-डे भी स्कूली बच्चों के साथ ही विश करते हैं। शास्त्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 19 अप्रैल 1993 में मेरी ज्वाइनिंग सिरसा जिले के गांव बरासरी में हुई थी।

गांव के लोग बहुत ही कम संख्या में बेटियों को शिक्षा दिलवाने के लिए स्कूल में भेजते थे, और जो स्कूल में आती थी वह भी 8वीं कक्षा के बाद आगे नहीं पढ़ पाती थी, क्योंकि परिजन उनको पढऩे के लिए दूसरे गांवों में भेजने को कतई तैयार नहीं थे। टीचर शास्त्री के अनुसार, उसी दौरान बरासरी स्कूल से ही छात्राओं का जन्मदिन मनाने की शुरूआत की। प्रार्थना सभा में ही छात्रा को बर्थ-डे विश किया जाता और सभी बच्चे तालियां बजाकर उसे बधाई देते थे। साथ ही बेटियों को खास तवज्जो देकर साइकिल चलाना सिखाया।

टीचर शास्त्री ने बच्चों के मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए सोशल मीडिया को माध्यम बनाया हुआ है। स्कूली बच्चे के बर्थ-डे पर उनके साथ सैल्फी लेकर उसे फेसबुक व व्हाट्सएप जैसे माध्यम से प्रचारित करते हैं, जिससे बच्चों में गर्व की अनुभूति होती है।


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Edited By

vinod kumar

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