कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कोरोना को लेकर की ये मांग

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 04:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने हरियाणा में बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में कुमारी शैलजा ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज व दवाइयों का पूरा खर्च हरियाणा सरकार से वहन करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पत्र में मांग की है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज की जिम्मेदारी तथा ऑक्सीजन और दवाइयों की आपूर्ति व उपलब्धता के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाए, जो मरीजों के इलाज में होने वाली किसी भी कोताही के लिए जिम्मेदार हो। 

इससे कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, कोरोना योद्धाओं और वालंटियर्स पर कुछ हद तक दबाव कम हो सकेगा। कोरोना महामारी को लेकर प्रत्येक उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। साथ ही 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण की उपलब्धता अविलंब सुनिश्चित की जाए।

कुमारी शैलजा ने कहा है कि हरियाणा सरकार कोरोना की महामारी को न केवल रोकने में असफल रही है बल्कि आज वह कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन व दवाइयां उपलब्ध करवाने में बुरी तरह असफल रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामी के कारण हरियाणा के लोगों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के लोगों पर एक बार फिर से लॉकडाउन लगाकर उनकी रोजी-रोटी छीनने का काम किया है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाना प्रदेश सरकार की असफलता को घोतक है क्योंकि लगभग 13 महीनों से देश व प्रदेश की सरकार को कोरोना की महामारी की न केवल जानकारी थी बल्कि इस महामारी की दूसरी लहर के संबंध में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक व मीडिया सरकार को सावधान कर रहे थे, मगर सरकार ने इस ओर कोई प्रयास नहीं किया, जिसका परिणाम है कि पूरे प्रदेश को एक बार फिर से लॉकडाउन में रहने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज का खर्च सरकार को स्वयं वहन करना चाहिए।

हरियाणा सरकार से मांग की कि एक ओर पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया है, दूसरी ओर प्रदेश में प्रतिदिन 13 से 15 हजार के बीच कोरोना के नए मरीज आ रहे हैं तथा प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की मौत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी गंभीर आपदा के समय दवाइयों व ऑक्सीजन के बिना तड़प-तड़प कर लोगों को मौत का ग्रास बनना विकसित समाज के लिए जहां चिंता का विषय है, वहीं सरकार के लिए एक काला धब्बा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि तुरंत कोरोना मरीजों का इलाज सरकारी कोष से न केवल करने की घोषणा करें बल्कि प्रत्येक उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर कोरोना के मरीजों को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करवाने से लेकर इलाज के सभी प्रबंध करें।

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऑक्सीजन व दवाइयों की कमी के साथ-साथ इनकी कालाबाजारी को न रोक पाने के लिए सरकार को दोषी बताते हुए शैलजा ने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है तथा इस विपदा के समय में प्रदेश की जनता को कुछ प्राइवेट नर्सिंग होमों द्वारा जिस ढंग से नोचे जा रहा है, वह अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने एक बार फिर से प्रदेश सरकार से अपील है कि सरकार सभी कोरोना मरीजों के इलाज, दवाइयों व ऑक्सीजन का न केवल प्रबंध करे बल्कि अपने खर्चे से इलाज करवाए। आपदा के समय में यह सरकार की जिम्मेवारी है कि वह अपने प्रदेश के लोगों की सुरक्षा करे। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और बेड के लिए लोग एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन मरीज को न आक्सीजन मिल रही है और न ही बेड।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि एक पोर्टल तैयार किया जाए जिसमें किस किस सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में कितने बेड हैं, ऑक्सीजन है कहां पर वेंटीलेटर है और किन-किन अस्पताल में बेड खाली पड़े हैं, ताकि मरीजों को इधर से उधर चक्कर काटने न पडे। उन्होंने कहा कि सही जानकारी न मिलने पर मरीज की जान मुसीबत में पड़ जाती है साथ ही धन और समय की भी बर्बादी होती है। समय पर उपचार मिलने पर मरीज की जान बच सकती है।


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Content Writer

vinod kumar

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