कबूतरबाजी को जड़ से खत्म करने के लिए एसआईटी का हुआ गठन, अधिसूचना जारी: अनिल विज

punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2023 - 08:03 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): कबूतरबाजी के मामलों को रोकने के लिए हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने एसआईटी गठित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज प्रदेश में बढ़ते हुए कबूतरबाजी के केसों को लेकर पहले दिन से चिंतित थे। इसे लेकर गृहमंत्री द्वारा पहले भी एसआईटी का गठन कर बेहद कर्तव्यशील और इमानदार आईपीएस अधिकारी भारतीय अरोड़ा को एसआईटी के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब नवगठित एसआईटी के चीफ अंबाला रेंज के आईजी सिबास कविराज होंगे तथा अंबाला के पुलिस अधीक्षक जशनदीप रंधावा तथा कैथल के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल इसके सदस्य बनाए गए हैं। एसआईटी पूरे प्रदेश में कबूतरबाजी के शिकार हुए मामलों तथा इससे संबंधित फ्रॉड - चीटिंग के मामलों में पेंडिंग केसों की भी जांच करेंगे।

बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में लगातार दर्जनों शिकायतें कबूतरबाजी से संबंधित पहुंचने के कारण वह हमेशा एक सख्त रुख अपनाएं हुए नजर आते रहे है। कबूतरबाजी के मामलों में अधिकारियों द्वारा गृहमंत्री के आदेशों के बाद सख्त कार्रवाई भी देखने को मिलती रही है। बावजूद इसके प्रदेशभर में बेरोजगार युवाओं द्वारा मेडिएटर, एजेंटों या विदेशों में पहुंच चुके बच्चों के सगे संबंधियों के बहकावे में आकर पैसे देने के मामलों में घटोतरी की बजाय बढ़ोतरी दर्ज हो रही थी।

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने के मामले में विज के आदेशों के बाद हालांकि हरियाणा पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। वरिष्ठ आईपीएस भारती अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने सैकड़ों बूतरबाजों को भी दबोचा था। उस समय वह करनाल रेंज की आईजी थी। बड़ी मात्रा में नकदी भी बरामद की गयी। एसआईटी की परफोरमेंस इतनी बेहतर रही कि खुश गृह मंत्री अनिल विज ने भारती अरोड़ा व उनकी टीम को सम्मानित भी किया। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान अमेरिका ने बड़ी संख्या में लोगों को डिपोर्ट किया था। इनमें 75 के करीब हरियाणा के भी शामिल थे। अमेरिका से वापस हरियाणा लौटे लोगों ने कहा कि उनके साथ ठगी हुई है। विदेश भेजने के नाम पर उनसे मोटा पैसा लिया गया। इनमें से अधिकांश को मैक्सिको के जरिये गैर-कानूनी ढंग से अमेरिका भेजा गया था। यह मामला खुलने के बाद ही विज ने अरोड़ा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। जांच शुरू करने के बाद अलग-अलग जिलों में एसआईटी द्वारा कबूतरबाजी को लेकर सैकड़ों केस दर्ज किए गए। कबूतरबाजी के सबसे अधिक मामले सीएम के निर्वाचन जिला करनाल के थे। सैकड़ों लोगों को ऐसे मामलों में गिरफ्तार किया गया। एसआईटी ने ऐसे मामलों में करोड़ों रुपए की बरामदगी भी की थी। 

एसआईटी की जांच के दौरान ही हरियाणा पुलिस ने विदेशों में भेजने वाले एजेंटों के नाम वेबसाइट पर अपलोड किए गए थे। अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने वाले इन लोगों के बारे में ऑनलाइन सूचना उपलब्ध होने से लोगों में ठगी का शिकार होने के मामले कम बेशक हुए लेकिन खत्म नहीं हुए। इससे आम लोग काफी हद तक जागरूक अवश्य हुए। अवैध एजेंटों के नाम सार्वजनिक होने के बाद आम लोगों ने भी इनसे दूरी बना ली थी।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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