SKM ने बैठक कर लिए बड़े फैसले, 18 से 31 जुलाई तक आयोजित होगी “वादाखिलाफी विरोधी सभा”
punjabkesari.in Sunday, Jul 03, 2022 - 09:29 PM (IST)
डेस्क : आज गाजियाबाद में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठनों के चुनिंदा प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय बैठक में किसान आंदोलन को लेकर तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात पर निराशा व्यक्त की है कि 9 दिसंबर 2021 को मोर्चा उठाने पर सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, उन पर केंद्र सरकार पूरी तरह मुकर गई है। ना तो एमएसपी पर कमेटी का गठन हुआ है और ना ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए गए हैं। सरकार बिजली बिल को संसद में लाने का प्रयास कर रही है। किसानों की सबसे बड़ी मांग, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी थी, जिसे लेकर सरकार विचार करने को भी तैयार नहीं है। सरकार के इस वादाखिलाफी के विरोध में, 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई शहीद उधम सिंह की शहादत दिवस तक, देशभर में जिला स्तर पर “वादाखिलाफी विरोधी सभा” आयोजित की जाएगी। इस अभियान के अंत में 31 जुलाई को सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस पर सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक देशभर में मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया जाएगा। इस आयोजन से आम जनता को परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
SKM में दोबारा शामिल हुए पंजाब चुनाव के दौरान अलग हुए किसान संगठन
आज की सभा में देश के 10 राज्यों से अलग-अलग किसान संगठनों के करीब 200 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पंजाब चुनाव के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा से अलग किए गए 16 संगठनों को आज मोर्चे में पुनः दाखिल किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने विश्वास व्यक्त किया है कि हमारे दरवाजे देश के तमाम संघर्षरत किसानों और किसान संगठनों के लिए खुले हैं। इसी के साथ यह उम्मीद व्यक्त भी की है कि दमनकारी सरकार के विरुद्ध किसानों का संघर्ष तेज तथा प्रभावी बनेगा।
अग्निपथ योजना के विरुद्ध में 7 से 14 अगस्त तक होंगे सम्मेलन
बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अग्निपथ योजना के विरुद्ध में किसान संगठन, बेरोजगार युवाओं और पूर्व सैनिकों को लामबंद करेगा, क्योंकि यह योजना राष्ट्र-विरोधी और युवा-विरोधी होने के साथ-साथ किसान विरोधी भी है। अग्निपथ योजना के चरित्र का पर्दाफ़ाश करने के लिए 7 अगस्त से 14 अगस्त के बीच देशभर में “जय-जवान जय-किसान” सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पूर्व सैनिकों और बेरोजगार युवाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
लखीमपुर खीरी की घटना पर भी फूटा किसान नेताओं का गुस्सा
लखीमपुर खीरी हत्याकांड के 10 महीने बाद भी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना देश की कानून व्यवस्था के साथ एक भद्दा मजाक है। संयुक्त किसान मोर्चा शुरू से किसानों को न्याय दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, और पीड़ित परिवारों को कानूनी व अन्य हर तरह की सहायता देता रहा है। इसी मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का पक्का मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें देश भर से किसान नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे।
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