हरियाणा में गंदगी फैलाने वालों की खैर नहीं, एनजीटी की गाइडलाइन को लेकर नियम सख्त

punjabkesari.in Tuesday, Jun 14, 2022 - 05:00 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन की पालना प्रदेश में सही ढंग से हो और हरियाणा वास्तव में पूरी तरह से स्वच्छ बने, इसे लेकर एनजीटी हरियाणा मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने प्रदेश लोकल बॉडी डायरेक्टर एवं हरियाणा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सेक्रेटरी को सख्त हिदायतें दी हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन की अवहेलना करने वाले लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के भी निर्देश दिए गए हैं। जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा है कि वह प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश जारी करें कि सभी संबंधित अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में हाईवे, सड़कें व रेलवे लाइन के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से साफ सुथरा रखें और अगर कोई व्यक्ति या राजनीतिक दल किसी कार्यक्रम के दौरान यहां गंदगी फैलाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

अर्बन लोकल बॉडीज और हरियाणा पॉल्यूशन बोर्ड को भी दिशा-निर्देश जारी

उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले मॉनिटरिंग कमिटी ने पानीपत और सोनीपत में अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें आगामी निकाय चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आमतौर पर रैलियों -बैठकों व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के बाद वेस्ट सामान वहीं फेंक देने की परंपरा देखने को मिलती रही है। प्लास्टिक की प्लेट, खाने का वेस्ट सामान, डिस्पोजल गिलास फेंक देने से क्षेत्र पूरी तरह से गंदा हो जाता है और मक्खियां- मच्छर इत्यादि भी पनपते हैं। इसलिए इस कचरे को सड़क पर फेंकने वालों के खिलाफ सख्त आदेश जारी हुए हैं। जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने बताया कि अर्बन लोकल बॉडीज और हरियाणा पॉल्यूशन बोर्ड सेक्रेटरी को भी हिदायतें दी गई है कि एनजीटी के आदेशों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि संबंधित आयोजकों को चिन्हित करके, उन्हें नोटिस दें और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।

संबंधित लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी होगी कार्यवाही- जस्टिस प्रीतम पाल सिंह

जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने बताया कि इस मामले में एनजीटी पूरी तरह से गंभीर है और सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे मामलों में लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित हो। इसके लिए मॉनिटरिंग कमेटी सरकार को भी लिख सकती है और एनजीटी को भी रिपोर्ट कर सकती है। उनकी एसीआर के बारे में भी लिखा जा सकता है। पंजाब के एक हाई लेवल अधिकारी को ऐसे ही मामले में पेनल्टी भी लगाई गई है, जिसने एनजीटी की डायरेक्शन की अवहेलना की थी। जस्टिस ने बताया कि बीती 8 जून को सोनीपत प्रशासन के साथ बैठक हुई। जिसमें निर्देश जारी हुए कि संबंधित क्षेत्र के हाईवे -रेलवे पर कोई गंदगी नजर नहीं आनी चाहिए ताकि हरियाणा से निकलने वाले लोगों को हरियाणा की साफ-सफाई नजर आ सके ना कि गंदगी। उन्होंने बताया कि ढाई साल पहले 2019 में गुड़गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हरियाणा के सभी संबंधित अधिकारियों ने इस काम के लिए 1 महीने का समय मांगा था। जिसके बाद एक बड़ा बदलाव नजर आया था। अधिकारियों ने रुचि लेकर कार्य किया और हरियाणा को स्वच्छ बना कर दिखाया। अब इस कार्यक्रम को दोबारा से गति दी गई है। चंडीगढ़ से दिल्ली व हरियाणा के किसी भी क्षेत्र के लिए चाहे रेल- बस-कार इत्यादि से कोई गुजरेगा तो उसे हरियाणा की सफाई व्यवस्था नजर आएगी। इसके लिए अधिकारियों से अपील भी की गई है और अधिकारियों ने बड़े जोश के साथ इसे स्वीकार किया है।

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Content Writer

Vivek Rai

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