हरियाणा की यूनिवर्सिटी में गूंजा राहुल गांधी का मुद्दा, जातिगत गणना को लेकर धरने पर बैठ गए छात्र
punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2024 - 06:46 PM (IST)
सोनीपत(सन्नी मलिक): कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मेहनत रंग लाने लगी है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जोर शोर से देशभर में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। इसके अलावा उन्होंने कई मौकों पर पिछड़ी जातियों की भागीदारी और जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार को घेरा भी। कांग्रेस नेता का यह मुद्दा राजनीतिक गलियारे से होते हुए छात्रों के बीच पहुंच गया है। सोनीपत की अशोक यूनिवर्सिटी में छात्र जातिगत गणना को लेकर धरने पर बैठ गए हैं।
मुख्य मांग हर वर्ष हो जातिगत गणना
राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के छात्र मंगलवार को यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। सैकड़ो की संख्या में धरने पर बैठे छात्रों की एक ही डिमांड है कि यूनिवर्सिटी में जातिगत जनगणना हो। इसके साथ छात्रों की दो मांगे और हैं, लेकिन सभी की मुख्य डिमांड यही है कि यूनिवर्सिटी में वार्षिक जातिगत जनगणना हो, ताकि उन्हें पता चल सके की जनरल वर्ग और पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी और छात्रों को नियम अनुसार यूनिवर्सिटी में रखा गया है या नहीं। वहीं छात्रों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मां पूरी नहीं होगी उनका धरना जारी रहेगा।
7 दिन से धरने पर बैठे छात्र-छात्राएं
धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनकी यूनिवर्सिटी में नियम के अनुसार काम नहीं किया जा रहा है। सभी छात्रों ने एक मांग उठाई थी कि यूनिवर्सिटी में जातिगत जनगणना हो, ताकि उन्हें पता चल सके कि जो बार-बार समानता की बात की जा रही है वह यूनिवर्सिटी पूरा कर रही या नहीं। इसी के साथ छात्र छात्राओं का कहना है कि यूनिवर्सिटी में हजारों की संख्या में कर्मचारी और छात्र हैं, लेकिन जो बात यूनिवर्सिटी द्वारा कही जा रही है उस पर यूनिवर्सिटी खरी नहीं उतर रही है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि धरने का आज 7वां दिन है, 6 दिन से हम यूनिवर्सिटी के अंदर ही धरने पर बैठे थे, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर सहमति नहीं जाहिर की गई है।
छात्रों की प्रमुख मांगे
छात्रों ने अपनी मांगें बताते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में वार्षिक जातिगत गणना हो, अंबेडकर स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया जाए, लेट फीस पेमेंट पर कोई भी पेनल्टी ना लगे। यूनिवर्सिटी में जनरल और पिछड़ा समाज के छात्र और कर्मचारियों की गणना बहुत जरूरी है। छात्रों का कहना जब तक मांग नहीं होगी पूरी धारना जारी रहेगा। यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने फिलहाल कैमरे से बनाई दूरी बनाई है। हालांकि विश्वविद्यालय की तरफ से एक प्रेस नोट जारी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया गया है।
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