SYL Meeting: SYL को लेकर दिल्ली में बैठक खत्म, हरियाणा सीएम बोले- इस मुद्दे पर जल्द निकलेगा रास्ता

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 05:44 PM (IST)

SYL Meeting: सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) को लेकर आज दिल्ली में बैठक खत्म हो गई है है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और पंजाब के सीएम भगवंत मान दिल्ली में श्रम शक्ति भवन में मौजूद रहे। 

SYL बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से मिलने पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि बहुत गंभीर विषय हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बातचीत हुई है। सीएम ने कहा कि बहुत गंभीर विषय है। इस पर बातचीत हुई है। पंजाब को पानी मिलेगा तो हमें क्या दिक्कत है। पंजाब के सीएम ने कहा कि हमने बैठक में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि SYL पानी मामले पर अगली बैठक 5 अगस्त को होगी। सीएम मान ने कहा कि हरियाणा दुश्मन नहीं है हमारा भाई है। आज तक बस इस मसले पर राजनीति हुई है।

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सीएम भगवंत मान ने कहा कि पाकिस्तान को जा रहे पानी को पंजाब को दे दिया जाए तो 23 MAF पानी मिलेगा। अभी अब तक 2- 3 MAF ही पानी मिलता है। अगर 23 MAF पानी मिल जाएगा तो हरियाणा के साथ अन्य राज्यों में भी पानी की दिक्कत खत्म हो जाएगी।  एसवाईएल पर साफ सीएम ने कहा कि अब कोई नई नहर निर्माण नहीं होगा। हम बस इस समस्या का हल निकालेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपना यानी पंजाब का हक नहीं जाने देंगे। साथ में सीएम ने कहा कि चिनाव और रावी का पानी पंजाब में आ जाएगा। 

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वहीं, बैठक के बाद हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि एसवाईएल मुद्दे पर सार्थक चर्चा हुई है। उम्मीद है जल्द रास्ता निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा का विवाद लंबा नहीं चलना चाहिए। इसपर पंजाब के सीएम ने भी हामी भरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा भाई है। जल्द ही इस मसले का हल निकालना जाएगा।

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SYL मुद्दे पर हो चुकी 3 बैठकें

बता दें इससे पहले इस मुद्दे पर 3 बैठकें हो चुकी है, लेकिन किसी भी बैठक में कोई समाधान नहीं निकल पाया है। पंजाब और हरियाणा के सीएम की पहली मीटिंग 18 अगस्त 2020 को हुई थी, जबकि दूसरी मीटिंग 14 अक्टूबर 2022 और तीसरी मीटिंग चार जनवरी 2023 को हुई थी। नए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अगुआई में यह उनकी पहली मीटिंग होगी। इससे पहले की बैठकें बिना नतीजे रही थीं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं।

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212 किलोमीटर लंबी इस नहर में हरियाणा का 92 किलोमीटर हिस्सा बन चुका है, जबकि पंजाब के 122 किलोमीटर हिस्से का निर्माण अब तक अधूरा है। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब को नहर निर्माण का आदेश दिया था, लेकिन 2004 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में कानून पास कर 1981 के समझौते को रद्द कर दिया था।

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Content Editor

Deepak Kumar

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