बारिश रुकने के बाद भी नहीं सुधरे गांवों के हालात

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 01:23 PM (IST)

यमुनानगर (नेहा): पिछले सप्ताह हुई तेज और लगातार बारिश में जिले भर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। आसपास के गांवों में तो दूर की बात शहर की सड़कों व गलियों में भी 2-2 दिनों तक बाढ़ का पानी ज्यों का त्यों खड़ा रहा। जिले के अंतर्गत पडऩे वाले विभिन्न खंडों के खेतों में खड़ी हजारों हैक्टेयर फसल का भी बहुत नुक्सान हुआ है। बाढ़ का पानी 4 दिन बीत जाने के बाद भी गांव सुढ़ैल, सूढ़ल, हसनपुर, गलोली, गुगलो, महरमपुर, छोटा टपरा, बदनपुरी, रूलाखेड़ी व रेड़का माजरा में ज्यों का त्यों ही खड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार धान, मक्की, बाजरा, ज्वार की फसलों को भारी नुक्सान हुआ है। इसके अलावा सब्जियों की खेती विशेषकर बेलदार सब्जियों घीया, तोरी, टिंडे, तोरी इत्यादि पर बुरा असर पड़ा है। 

जिला कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में लगभग 2388 हैक्टेयर धान की फसल, 483 हैक्टेयर मक्की की फसल व बाजरा, ज्वार व अन्य की 1223 हैक्टेयर फसल खराब हुई है। जिले भर में विभिन्न खंडों में धान की फसल को काफी नुक्सान हुआ है। इसकी अलावा बेलदार सब्जियों की फसल भी बुरी तरह से खराब हुई है।

क्या कहते हैं भाकियू के प्रदेश संगठन सचिव 
इस बारे में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संगठन सचिव हरपाल सुढल ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के साथ किया गया सरासर धोखा है।  लेकिन सरकार ऐसे किसानों को लाभ देना ही नहीं चाहती तभी तो इस योजना में साफ तौर पर कह दिया गया है कि जिन किसानों की धान की फसलों का नुक्सान जलभराव होने के कारण होगा, उनसे आवेदन तक नहीं लिए जाएंगे।  

क्या कहते हंै अधिकारी 
जब इस बारे में उप-कृषि निदेशक सुरेन्द्र यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक पूरे जिले में करीब 4 हजार हैक्टेयर फसल खराब होने की जानकारी मिली है। 
ऐसे किसानों को फसलों की कटाई तक का इंतजार करना होगा। उनकी फसलों की पैदावार पिछले वर्षों की अपेक्षा जितनी कम होगी, उसी के आधार पर बीमा कंपनी मुआवजा देगी। 
 


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Isha

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