बच्चों पर मंडरा रहा टोमेटो फीवर का खतरा, मुंह, हाथ व पैर को करता है प्रभावित
punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 10:50 AM (IST)
फरीदाबाद : कोरोना के बाद अब जब कुछ पटरी पर आने लगा है तो अब लगातार नई बीमारियां चपेट में ले रही हैं। जहां लंपी वायरस से पशुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है तो वहीं बच्चों पर टोमेटो फीवर का खतरा मंडरा रहा है। टोमेटो फीवर भी वायरस के कारण होता है। कोरोना के बाद से पूरी दुनिया खौफ के साये में जी रही है। हर पल किसी नई बीमारी की आमद से बेचैनी बढ़ जाती है। कोरोना के बाद मंकीपॉक्स ने फिलहाल कहर मचा रखा है और अब टोमेटो फीवर ने चिंता बढ़ा दी है। देश में अब तक करीब 82 मामले टोमेटो फीवर के आ चुके हैं।
हालांकि यह नई बीमारी नहीं है। केरल से टोमेटो फीवर की शुरुआत हो चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो आमतौर पर यह बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होती है। स्कूलों के खुलने से बच्चों की जिंदगी नॉर्मल हुई है, हालांकि, इस दौरान एलर्जी का अटैक, फ्लू, टायफॉइड, डेंगू आदि जैसी बीमारियां मां-बाप को परेशान भी करती हैं। टोमैटो फ्लू भी एक ऐसी बीमारी है, जिसने पेरेंट्स की नींद छीन ली है। यह अधिक संक्रामक माना जा रहा है, जो बच्चों में तेज़ी से फैल रहा है।
क्या है टोमेटो फीवर
टोमेटो फीवर को एचएफएमडी (हैंड फुट माउथ डिजीज) कहा जाता है। यह बीमारी भी वायरस से फैलती है। इसके लिए कॉक्ससेकी वायरस जिम्मेदार है। आमतौर पर कॉक्ससेकीवायरस ए-16 हैंड, फूट एंड माउथ डिजीज के लिए जिम्मेदार है। इसे हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि मुंह, हाथ और पैर को प्रभावित करती है। चिकित्सकों के अनुसार अगर पहले से संक्रमित मरीज के लार, नाक, मुंह आदि के म्यूकस, हाथ, पैर में निकले छाले, मल आदि के संपर्क में कोई आ जाए तो उसे टोमेटो फीवर हो सकता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, किसिंग, हगिंग, एक साथ खाना खाने आदि से भी यह बीमारी फैल सकती है।
त्वचा पर लाल चकत्ते दिखें तो हो जाएं सावधान
आपके बच्चे के हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों की त्वचा पर दाने हो सकते हैं। यह कुल्हों, पैरों और बाहों पर भी दिखाई दे सकते हैं। दाने आमतौर पर खुजलीदार नहीं होते हैं। यह सपाट या थोड़े उभरे हुए लाल धब्बे जैसे दिखते हैं। इनमें भरे तरल पदार्थ और पपड़ी जो छाले के ठीक होने पर बनती है, उसमें वायरस हो सकता है जो हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का कारण बनता है। ऐसे में फफोले को साफ रखें और उन्हें छूने से बचें।
टोमेटो फीवर के लक्ष्ण
बुखार, सिर दर्द, उत्तेजना महसूस करना, गले में खराश, कमजोरी, भूख की कमी, जीभ, गाल के अंदर छाले निकलना और इसमें दर्द करना आदि इसके लक्षण हैं। इसके अलावा नितंबों, पैरों के तलवों और कभी-कभी हथेलियों पर दाने निकल आना भी इसके लक्षण हैं। हालांकि इन जगहों पर निकले दाने फफोले के रूप में नहीं आते। सामान्य तौर पर इन लक्षणों को दिखने में 3 से 6 दिनों का समय लगता है। बच्चों में पहले बुखार आ सकता है। वह पहले असहज हो सकता है।
टोमेटो फीवर का इलाज
सामान्यतया यह बीमारी ज्यादा खतरनाक नहीं है। 7 से 10 दिनों के अंदर संक्रमण अपने आप सही हो जाता है लेकिन बीमारी की गंभीरता ज्यादा न बढ़े, इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह देते हैं। दाने या छाले को कम करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक लिखते हैं। इसके अलावा दर्द को कम करने के लिए एसीटामिनोफेन या आइब्यूप्रोफेन आदि दी जाती है। हालांकि बिना डॉक्टरों की सलाह के ये दवाइयां नहीं दी जानी चाहिए। बच्चों में वायरल इंफेक्शन होने पर दर्द के लिए एस्पिरिन का इस्तेमाल कतई नहीं होना चाहिए। एस्पिरिन से रेई सिंड्रोम हो सकता है।
सावधानियां जरूरी
1. अगर बच्चे को बुखार आता है, तो उसे घर पर ही रखें जब तक बुखार उतर न जाए।
2. अगर बुखार के साथ रैशेज़ हैं, तो बच्चे को आइसोलेट कराएं जब तक रैशेज़ न चले जाएं।
3. इसमें 5 से 7 दिन लग सकते हैं। बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं।
4. संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, खाना और दूसरी चीज़ें स्वस्थ बच्चों के साथ शेयर न करें।
5. घर में साफ सफाई का पूरा ध्यान दें।
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