हिसार से हैं नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले जज, भजनलाल सरकार के खिलाफ केस जीत कर मिली थी ख्याति

punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2022 - 10:21 PM (IST)

डेस्क : पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बेहद सख्त टिप्पणी की है। नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाली बेंच में जस्टिस सूर्यकांत का नाम भी शामिल हैं, जो हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं। हिसार के उपमंडल नारनौंद के पेटवाड़ गांव से संबंध रखने वाले जस्टिस सूर्यकांत पहले भी कई मामलों में सख्त टिप्पणी कर चुके हैं। नूपुर शर्मा और दिल्ली सरकार पर टिप्पणी करने के बाद जस्टिस सूर्यकांत एक बार फिर सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं।

शुरू से ही किसी भी मुद्दे पर बहस करने को तैयार रहते थे जस्टिस सूर्यकांत

नूपुर शर्मा के बयान को उदयपुर हत्याकांड के पीछे की बड़ी वजह बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शर्मा को टीवी पर पूरे देश से माफी मांगने को टिप्पणी की है। यही नहीं अदालत ने दिल्ली पुलिस को भी नूपुर शर्मा पर कार्रवाई ना करने को लेकर लताड़ लगाई है। ऐसे ही कई मामलों में सख्त रवैया अपना चुके, जस्टिस सूर्यकांत की पृष्ठभूमि हिसार के एक मध्यवर्गीय ग्रामीण परिवार से है। बताया जाता है कि जस्टिस सूर्यकांत परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी विषय पर बहस करने को तैयार हो जाते थे। वे शुरू से ही अपना पक्ष रखने में आगे रहते थे। तभी तो सूर्यकांत एक ऐसे परिवार में रहकर भी वकील बने जहां दूर-दूर तक की रिश्तेदारी में भी कोई वकील नहीं था। सूर्यकांत ही परिवार के पहले वकील बने। उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से लॉ करने के बाद चंडीगढ़ जाकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद सूर्यकांत ने सिविल और सर्विस मैटर से जुडे मामलों की पैरवी करनी शुरू कर दी।

पराली से प्रदूषण होने के मामले में भी की थी सख्त टिप्पणी

जस्टिस सूर्यकांत इससे पहले पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के मामले में सुनवाई करते हुए भी इसी प्रकार की टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि, 'दिल्ली में 5 स्टार होटल में बैठकर किसानों को दोष देना सही नहीं है। कृषि कानूनों के बाद उनकी भूमि का क्या हुआ? इतनी छोटी जोत के साथ, क्या वे इन मशीनों को खरीद सकते हैं? यदि आपके पास वास्तव में कोई वैज्ञानिक वैकल्पिक है तो उन्हें इसका प्रस्ताव दें, वे उन्हें अपना लेंगे।' उनकी यह टिप्पणी तब आई जब पराली जलाने का मुद्दा चर्चा में था। उन्होंने कहा कि एक किसान के रूप में वह किसानों की कठिनाइयों को समझने की स्थिति में हैं।

भजनलाल सरकार के खिलाफ केस जीता था केस

 1985 से चंडीगढ़ में वकालत शुरू करने वाले जस्टिस सूर्यकांत को ख्याति तब मिली, जब उन्होंने हरियाणा में भजन लाल सरकार के खिलाफ वन विभाग के प्रिंसिपल कंजर्वेटर गुरनाम सिंह का केस लड़ा था। दरअसल गुरनाम सिंह सरकार के उस फैसले के खिलाफ कोर्ट चले गए थे, जिसमें तत्कालीन प्रदेश सरकार ने गुरनाम सिंह को उनके पद के समकक्ष एक पद बनाकर उस पर स्थानांतरित कर दिया था। सूर्यकांत ने उनका केस लड़ा और उन्हें जीत दिलाई थी। इसके विरोध में हरियाणा सरकार सुप्रीम भी गई थी, लेकिन सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में भी यह केस जीत लिया था।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vivek Rai

Recommended News

Related News

static