कांग्रेस जितना भूपेंद्र हुड्डा को आगे करेगी उतनी खुद पीछे जाती जाएगी : कृष्णमूर्ति हुड्डा

punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 07:57 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा की भविष्यवाणी के अनुसार अगर कांग्रेस पार्टी शैलजा, सुरजेवाला या किरण को आगे करके चुनाव लड़ेगी तो ही कांग्रेस सत्ता में लौट सकती है। अगर जनता को यह नजर आया कि हुड्डा परिवार के अलावा कांग्रेस में कोई नहीं है तो कांग्रेस सत्ता में कभी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि लिख कर देता हूं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके पुत्र से प्रदेश में तीन चौथाई आबादी वाला बहुत बड़ा वर्ग नाराज है। इसलिए कांग्रेस जितना भूपेंद्र हुड्डा को आगे करेगी उतनी कांग्रेस खुद पीछे जाती जाएगी। कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने भूपेंद्र हुड्डा को धृतराष्ट्र की संज्ञा देते हुए दावा किय कि अपने पुत्र दीपेंद्र हुड्डा को राजनीतिक रूप से उभारने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में सभी जाट नेताओं (आनंद सिंह दांगी, रघुवीर कादियान सरीखे) को मारकर रख दिया। आज इस परिवार ने लोकसभा, विधानसभा और राज्यसभा समेत कोई कुर्सी नहीं छोड़ी। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कहा कि एक व्यक्ति विशेष एक्टिविटी से वह काफी अधिक हताश हैं। प्रदेश में 3 साल पार्टी को लीड करने वाली कुमारी शैलजा ने पार्टी को मजबूत किया। जगह-जगह दौरे किए। जिस कारण भाजपा को चैलेंज करने की स्थिति में कांग्रेस लौट पाई। लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी को कैप्चर कर भाजपा के खिलाफ 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से बने कांग्रेस के पक्ष के माहौल को अपनी उपलब्धता बताया। जोकि उनकी गलतफहमी है।

6 हजार पेंशन करने के वायदे पर हाईकमान को लेना चाहिए संज्ञान

कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने दावा किया कि सरकार आने पर 6000 रुपए पेंशन करने का दावा करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने 10 सालों में मात्र 600 बढ़ाएं जो कि अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता बढ़ाने के लिए यह केवल झूठे नारे हैं। इनकी इन बातों का कांग्रेस हाई कमान को संज्ञान लेना चाहिए। खुद राहुल गांधी ने कहा कि एक विशेष वर्ग से हरियाणा में सत्ता नहीं हासिल की जा सकती। कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने भी लंबी चौड़ी बातें की। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने साफ किया कि अगर सुभाष बत्रा और मेरे जैसे वरिष्ठ नेताओं को सम्मान नहीं मिला, क्योंकि टिकट के हम असली दावेदार हैं तो हम साफ समझेंगे कि दीपक बावरिया भी झूठे वायदे करने वाले नेता हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सीनियरिटी हमारे सामने कुछ भी नहीं

बता दें कि पूर्व राज्य मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा और सुभाष बत्रा की कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हुई बैठक के बाद राजनीतिक गर्मियां काफी उफान हैं और इनके भाजपा में शामिल होने के कयास भी लगाए जा रहे थे। हालांकि इन दोनों नेताओं ने इसे शिष्टाचारिक अचानक बैठक बताया था। लेकिन कृष्णमूर्ति हुड्डा ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान साफ किया कि मुख्यमंत्री से मिलना कोई गलत बात नहीं है। अभी तक हमने कांग्रेस को छोड़ किसी अन्य पार्टी में जाने का मन नहीं बनाया। क्योंकि संभावनाओं की तलाश अभी जारी है। कांग्रेस पार्टी में भविष्य ना दिखा तो किसी अन्य पार्टी में जाने का फैसला लेना पड़ेगा। बता दें कि यह दोनों नेता कांग्रेस के सीनियर मोस्ट नेता है। 1991 से 96 तक भजनलाल सरकार में प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने दावा किया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सीनियरिटी हमारे (कृष्णमूर्ति हुड्डा-सुभाष बत्रा) सामने कुछ भी नहीं है। क्योंकि भूपेंद्र हुड्डा के परिवार द्वारा पांच बार लगातार चुनाव हारने के बाद छठा चुनाव लड़कर मैने कांग्रेस पार्टी का 1991 में पहली बार खाता खोला था। उसके बाद चौ. देवीलाल द्वारा रोहतक सीट खाली करने के बाद खुद राजीव गांधी ने उनसे इस्तीफ़ा दिलवाकर लोकसभा चुनाव लड़वाया। बावजूद इसके आज उनके संगठन निर्माण तक में किसी प्रकार की पूछ ना होने से वह काफी हताश है। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने साफ-साफ आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके साथ निजी दुश्मनी निकाल रहे हैं।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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