ग्लोबल वार्मिंग से बिगड़ रही है मौसम की चाल, 60 साल बाद हुई नवंबर माह में सर्वाधिक बारिश

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 12:22 PM (IST)

हिसार(राठी): ग्लोबल वाॄमग का असर इन दिनों मौसम में देखने को मिल रहा है। कहीं ओलावृष्टि हो रही है, तो कहीं तेज बारिश। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 60 साल बाद नवम्बर माह में सर्वाधिक बारिश हुई। वर्ष 1959 में 48.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी। अब इस माह में अब तक 17.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। 

उल्लेखनीय है कि इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पिछले 10-15 दिन में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादलवाही ज्यादा रही, जिससे दोपहर का पारा ज्यादा बढ़ नहीं पाया। वहीं बारिश और बादलवाही से क्षेत्र में ठिठुरन बढ़ गई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दो दिन में क्रमश: 11.5 और 5.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। 

किन कारणों से नहीं गिरा पारा
मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ के कारण नवम्बर माह में इस बार रात्रि के समय तापमान में गिरावट नहीं आ पा रही है। इस कारण से बारिश और दोपहर के वक्त बादलवाही जरूर हो रही है। वैसे रात्रि तापमान में 1962 के बाद से 3 डिग्री सैल्सियस से नीचे नहीं आ पाया है। 1962 में जरूर यह तापमान 2.5 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया था। उसके बाद से यह तापमान 6.1 डिग्री सैल्सियस से लेकर 9.3 डिग्री सैल्सियस के बीच में चल रहा है। 27 नवम्बर 2019 को रात्रि तापमान 15.1 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया।

जो सामान्य से 5 डिग्री सैल्सियस ज्यादा है। वैसे इस साल नवम्बर माह में सिर्फ एक बार रात्रि तापमान 9 डिग्री सैल्सियस तक पहुंचा। अन्य दिनों में 10 डिग्री सैल्सियस से ऊपर ही रहा है। जो सामान्य से ऊपर चल रहा है। रात्रि तापमान जरूर इन दिनों सामान्य से नीचे चल रहा है। यह पारा सामान्य से 5-6 डिग्री सैल्सियस नीचे है। वीरवार को यह पारा 21.0 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। 

10 साल में 5 बार नवम्बर माह में नहीं हुई बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आई.एम.डी.) के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो हिसार में नवम्बर माह में पिछले 10 साल में 5 बार बारिश का आंकड़ा शून्य रहा। वर्ष 2016, 2014, 2011, 2010 व 2009 में नवम्बर माह में बारिश नहीं हुई। 

फसलों के लिए फायदेमंद है बारिश
नवम्बर माह में हुई यह बारिश गेहूं और सरसों के लिए लाभदायक है। जहां ओलावृष्टि हुई है वहां जरूर फसलों को नुक्सान पहुंचा है। किसानों की मानें तो बारिश से गेहूं की पैदावार बढ़ेगी। साथ ही सरसों में भी कम बीमारियां पनपेंगी।

क्या कहना है मौसम वैज्ञानिक का
हकृवि कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डा. मदनलाल खिचड़ ने बताया कि 29 नवम्बर से मौसम खुश्क रहेगा। रात्रि तापमान में गिरावट आएगी।  


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Edited By

vinod kumar

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