पंजाबियों के लिए शरणार्थी नहीं, पुरुषार्थी शब्द का होना चाहिए उपयोग: मनोहर लाल

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2023 - 07:42 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): शरणार्थी शब्द की बजाय पुरुषार्थी शब्द अवश्य जोड़ना चाहिए। अपना सब कुछ धर्म व देश भक्ति के लिए त्यागकर तीन कपड़ों में इस क्षेत्र में आकर मेहनत-मजदूरी करके और शिक्षा -रोजगार -उद्योगों के नाते से बहुत अच्छी-अच्छी जगह पर पुरुषार्थ कर अच्छे मुकाम हासिल किए हैं। विभाजन के वक्त अपना सब कुछ खोकर आए परिवारों को रिफ्यूजी इत्यादि शब्दों से अपमानित करने वालों के खिलाफ भी सख्त कानून बनाने की मांग सामने आई है, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि विभाजन को भी 75 वर्ष बीत चुके हैं। व्यक्तिगत रूप से मुझे यह विषय बड़ा नहीं लगता।

मनोहरलाल कहते हैं कि 1947 के बाद कई सालों तक इस प्रकार की बातें खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के शब्द सुनने को बहुत ज्यादा थे। शहरों में तो लगभग इस प्रकार की बातें समाप्त हो गई हैं। गांवों में भी नई आबादी में नए लोगों में ऐसी बातें नहीं है। सुझाव देने वालों ने हालांकि दिए हैं, हम भी इस पर विचार करेंगे कि इस पर प्रतिबंध लगाना ठीक है या वैसे ही लोगों को समझाना, उनसे अपील करना ठीक है। समाज ने आपस में मिलकर रहना होता है। सभी हरियाणवी हैं। 2014 में हमने एक मुहिम चलाई थी कि सभी लोगों को अपने आपको हरियाणवी कहना चाहिए। हम हरियाणा के हैं और हरियाणा में ही पैदा हुए हैं। 

प्रदेश की बड़ी आबादी पंजाबी भाषी लोगों के लिए घृणित शब्दों के प्रयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग भी अंबाला विधायक असीम गोयल और कांग्रेसी विधायक किरण चौधरी द्वारा की गई थी। जिसकी ज्यादा जरूरत नही होने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही है। खालिस्तानी आतंकवादी अमृतपाल पर बातचीत के दौरान उन्होंने साफ किया कि हरियाणा की जांच एजेंसियां और पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। अधिकारी इस पर नजर बनाए हुए हैं।

मनोहर लाल कहते है की हरियाणा संगठन अपराध नियंत्रण विधेयक जो  पारित किया गया है। दरअसल हरियाणा में खासतौर पर दिल्ली के आसपास संगठित अपराध गिरोह सक्रिय नजर आ रहे थे, उन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस को विशेष ताकत दिया जाना जरूरी था। 23 वर्ष पहले महाराष्ट्र में मकोका नाम का एक एक्ट ऐसे अपराधों पर काबू पाने के लिए बनाया था, उसी तर्ज पर गुजरात-दिल्ली-उत्तर प्रदेश इत्यादि कई राज्यों ने भी ऐसे फैसले लिए। हरियाणा में भी ऐसा महसूस हो रहा था कि अपराध बढ़ रहे है। उन्हें कंट्रोल करने के लिए एक हरकोका नाम का एक्ट बनाने का फैसला हुआ है, इसे पारित कर दिया गया है। हालांकि पहले भी यह पारित किया गया था। राष्ट्रपति महोदय की सहमति के लिए से भेजा गया था। लेकिन कुछ ऑब्जेक्शन लगने के कारण यह कार्य डिले हुआ। अब ऑब्जेक्शन हटाकर नए सिरे से पारित करके जल्द राष्ट्रपति महोदय की भी सहमति मिलने की उम्मीद है।

कांग्रेस के एक सम्माननीय सदस्य ने एक प्रशन अवश्य पूछा, वह थोड़ा नाराज भी हुए, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हम इसका विरोध नहीं करते। संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए शिकंजा कसना जरूरी है। क्योंकि विपक्ष का एक अपना तरीका और नजरिया भी रहता है, कुछ जिज्ञासा भी रहती हैं कि कहीं कोई सामान्य व्यक्ति इसमें ना फंस जाए। इसे लेकर कुछ विचार अवश्य सामने आए। लेकिन बता देना चाहता हूं कि हमने इसमें बहुत सेफ गार्ड्स रखे हैं। कोई भी व्यक्ति जो इस प्रकार का दोषी नहीं होगा, उस पर इसका कोई असर नहीं होगा। कई बार सामान्य एक्ट की वजह से बड़े अपराधी दोषी होने के बावजूद भी निकल जाते हैं। पुलिस एक्शन या कोर्ट में बच जाते हैं। इस एक्ट में इस प्रकार का कोई भी दोषी अब नहीं छूट पाएगा। दो बार का कोई ऐसे अपराध करने वाला अपराधी जिस पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है, चार्ज शीट हो चुका है, वह किसी ऐसे सिंडिकेट में आता है, वह जरूर इस एक्ट में आएगा।

मनोहरलाल का कहना है कि इस एक्ट की परमिशन डीआईजी से अवश्य लेनी होगी। उनकी सहमति के बाद ही एफ आई आर लिखी जा सकती है। इसमें कन्फेशन एसपी के सामने वीडियोग्राफी करके ही मानी जाएगी और तुरंत जुडिशल मैजिस्ट्रेट के सामने अपराधी को पेश करना होगा और उनके सामने स्टेटमेंट होगी। दरअसल पड़ोसी राज्य में इस प्रकार का कानून लागू होने के कारण इस प्रकार के अपराधी दिल्ली के इर्द-गिर्द हरियाणा में सक्रिय होते नजर आ रहे थे। हमारे विधायक को भी कॉल आना इसका प्रमाण है। पंजाब में चल रही गतिविधियों के चलते बहुत से लोग हरियाणा में लिंक बनाकर यहां भी पहुंच रहे होंगे। राष्ट्रविरोधी गतिविधियां- आतंकवादी गतिविधियां और ड्रग्स के तस्करों से मिलकर बड़े-बड़े अपराध सामने आना चिंता का विषय था। दरअसल बड़े गैंग बड़े अपराधियों का दायरा उनके पकड़े जाने पर ही पता चलता है। यह बेहद सुरक्षित मानकर अपराध करते हैं और इनका मुकाबला कई बार तो पुलिस के लिए भी आसान नहीं होता। इसलिए पुलिस को स्पेशल पावर इन्हें कंट्रोल करने के लिए दी गई है। कांग्रेस को बात समझाई तो उन्होंने भी इसे सही माना और सहयोग की बात कही। पहले अवश्य मांग थी कि से सेलेक्ट कमेटी को दे दिया जाए। लेकिन क्योंकि पहले दो बार यह पारित हो चुका है। दोनों बार छोटे-छोटे संशोधन करने के लिए कहा गया। हमने संशोधन किए हैं। इसलिए और डिले का कारण अब नहीं है।

मनोहर लाल ने कहा कि  वित्त मंत्री के रूप में यह चौथा बजट पेश किया। कुल 45 घंटे इस बजट पर काम हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सभी विधायकों ने प्रदेश के साथ-साथ अपने क्षेत्रों की डिमांड और समस्याएं उठाई। सभी को नोट किया गया है। कुछ पर आश्वासन दिया है। जो जो बातें पूरी करने वाली होंगी, अगले वर्ष मे उन डिमांडस को हम पूरा करेंगे। बजट में कुल 7 अधिनियम रखे गए। जिसमें से 6 पारित हुए और एक वापस लिया गया। 6 में से 2 अधिनियम हरियाणा विनियोग संख्या 1, हरियाणा विनियोग संख्या 2 बजट से ही संबंधित है। नगरीय क्षेत्र विकास अधिनियम संशोधन विधेयक पारित हुआ। पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय में भी छोटा सा संशोधन था।, पंडित की जगह दादा किया गया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा संशोधन विधेयक में भी एक प्रावधान किया गया है। एडिड स्कूलों के सभी अध्यापकों को सरकारी अध्यापकों के साथ ही अर्जेस्ट किया जा चुका था। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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