जिन्हें हमारी नीतियां अच्छी नहीं लग रही, वह बेशक इस्तीफा दे दें :दलाल

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2023 - 11:44 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान सदा से बेहद मुखर और सटी के नजर आते रहे हैं। पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान उन्होंने फिर से कई मुद्दों पर बेहद बेबाक तरीके से अपने विचार रखे हैं। उन्होंने हाल ही में जननायक जनता पार्टी के विधायक करण काला द्वारा अपने चेयरमैन पद से इस्तीफे की बात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन्हें हमारी नीतियां अच्छी नहीं लगती वह बेशक इस्तीफा दे दें। उन्होंने भाजपा प्रदेश प्रभारी विप्लव देव द्वारा उचाना से भाजपा कैंडिडेट दीदी (प्रेमलता) तथा जजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दुष्यंत चौटाला को कैंडिडेट बनाए जाने के बयान पर भी बड़ी बात कहते हुए कहा कि हमारा गठबंधन सरकार चलाने तक है। जननायक जनता पार्टी और हमारा संगठन अपने-अपने स्तर पर काम करता है। 5 साल के लिए हुए इस गठबंधन के बाद उनकी पार्टी का किस क्षेत्र से कौन कैंडिडेट होगा, यह उनका अधिकार है और हमारी पार्टी की तरफ से कौन कहां से चुनाव लड़ेगा यह हमारा काम है। इसमें कुछ गलत नहीं है। प्रदेश प्रभारी को इस बात का पूर्ण अधिकार है और वही वह बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम प्रभारी का है, और वही वह काम कर रहे हैं। सरकार में बेशक हम दोनों दल मिलकर काम कर रहे हो, लेकिन दोनों ही अपने-अपने संगठन खुद चला रहे हैं। हमारी पार्टी अलग है और उनकी पार्टी अलग है। वह अपनी पार्टी से बेशक किसी को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बनाएं या किसी को प्रधानमंत्री का बनाएं और हमारी पार्टी भी किसी को बनाए, यह दोनों का अपना अपना अधिकार है। उन्होंने दिग्विजय चौटाला के उस बयान पर भी टिप्पणी की जिसमें उन्होंने कलम में पूरी स्याही ना होने बारे कहा था, उन्होंने कहा कि स्याही डालने का काम जनता करती है, हमारी सीटें कम थी, इसलिए सरकार चलाने के लिए गठबंधन की जरूरत बनी। आज सरकार बिल्कुल ठीक चल रही है। सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है और गठबंधन 5 साल के लिए है, आगे किस प्रकार से क्या करना है यह फैसला हमारा नेतृत्व करेगा।

 

दलाल ने शाहबाद मारकंडा में किसानों द्वारा किए गए राष्ट्रीय राजमार्ग जाम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हाल ही में केंद्र द्वारा खरीफ की फसलों पर 2023-24 के भाव में 7 से 10 फ़ीसदी की वृद्धि की गई, इसके लिए केंद्र सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद है। बाजरे-दालो और कपास के भाव में अच्छी बढ़ोतरी हुई, आज किसान को फसल बोने से पहले पता होता है कि उसे इस फसल का क्या भाव मिलेगा। आज देशभर में सबसे हितेषी किसान निति हरियाणा की है। सबसे अधिक फसलें हम एमएसपी पर खरीद रहे हैं। हमने कृषि बजट कई गुना बढ़ाया। माइक्रो इरिगेशन पर 80 फ़ीसदी की सब्सिडी हम देते हैं। लहरों का बजट कई गुना बढ़ाया गया। पशुपालन को लेकर कई नई स्कीम बनाई गई। झींगा पालन की कई नीतियां बनाई। बागवानी को लेकर हम किसान का हौसला लगातार बढ़ाते हैं। गांवों के बच्चों को रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर कई स्कीम बनाई गई है। डीबीटी के माध्यम से किसानों को मदद मिल रही है। भावांतर भरपाई योजना के तहत हम बाजरे के किसानों को लाभ दे रहे हैं। रबी- खरीफ के बीच लगभग 50 से 55000 एकड़ में सूरजमुखी की बिजाई हरियाणा में होती है, हम बिना फसल खरीदे सूरजमुखी किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को पैसा देते हैं। हैफेड को भी हमने इसके आदेश दिए हैं। बावजूद इसके एक संगठन के नेता ने हमें आंदोलन तथा रोड जाम करने की धमकी दी। हमारे अधिकारियों ने उनसे मीटिंग की। उनके सामने सारी चीजें रखी। बावजूद इसके 6 तारीख को राष्ट्रीय राजमार्ग शाहबाद में उन्होंने जाम लगा दिया। हमारी सरकार हाईकोर्ट गई और सड़क खाली करने के आदेश माननीय हाईकोर्ट ने दिए। इनके जाम की वजह से हजारों लोग सड़कों पर परेशान रहे। मजबूरन 1 घंटे का टाइम देने के बाद हमने रोड खाली करवाया।

 

 

 कृषि मंत्री ने कहा कि मैं खुद किसान हूं, किसान का बेटा हूं और किसानों का भला चाहता हूं। लेकिन किसानों के नाम पर विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस राजनीति कर रही है। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले कुछ शरारती लोगों के कारण बिना कसूर हजारों लोग भटकने को मजबूर रहे, क्या वह देशवासी नहीं है। उनका आखिर क्या कसूर था। अगर हमसे शिकायत है तो हमारे कार्यालय- हमारे घर पर धरना दें। शहरवासियों से उन्हें क्या शिकायत है। किसान हितेषी होने का दावा करने वाले इन लोगों ने राजनीतिक दल बनाया। पंजाब में चुनाव लड़े, लेकिन उनकी जमानत भी जब्त हुई। 1-1 फ़ीसदी भी वोट उन्हें नहीं मिले। हरियाणा में भी वह चुनाव लड़ चुके हैं। विपक्षी दलों का उन्हें समर्थन मिल जाता है। किसान हितेषी होने का यह लोग ढोंग करते हैं। सही मायने में यह किसान का भला नहीं चाहते। किसान को बदनाम करके यह लोग राजनीति करने में लगे हैं। सड़कों पर किसानों के नाम पर जाम लगाया जाता है। आखिर किसान उसमें बदनाम होता है। जेपी दलाल ने कहा कि किसान आंदोलन में इस प्रकार का भ्रम पैदा किया गया कि सारे देश के किसान भाजपा के खिलाफ हैं। लेकिन चुनाव हुए और आंदोलन करने वाले लोगों की जमानत जब्त हुई। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को हटाओ का प्रचार किया गया। लेकिन सही मायने में सच यह है कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल सीधा-सीधा भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकते। तीसरा मुद्दा पैदा करके यह लोग छददम युद्ध करना चाहते हैं। लेकिन देश के किसानों का धन्यवाद करता हूं कि वह समझदार हैं और हमारी नीतियों से संतुष्ट है। आम आदमी जो खेत में काम कर रहा है, गांव में रह रहा है उसे पता है कि भाजपा उनके हित में है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समय में 2-2 रुपए के चेक किसानों के बने। वह सूरजमुखी- बाजरा- सरसों खरीदते ही नहीं थे। आज इन मुद्दों पर सरकार पर उंगली उठाते हैं। बाजरे का आज से आधा भाव उनके समय में होता था। 3- 3 महीने तक फसल खराब होने के बाद पैसा किसानों को नहीं मिलता था। हमने डीबीटी के माध्यम से मई के आखिरी दिन ही 181 करोड रुपए की राशि किसानों के खातों में डाल दी। किसान हित में हमारे द्वारा लिए जाने वाले तुरंत फैसले विपक्ष को हजम नहीं हो रहे। इसलिए तरह-तरह के हथकंडे विपक्षी दल अपना रहे हैं।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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