Haryana के इस जिले में डूबी हजारों एकड़ धान की फसल, किसानों ने की मुआवजे की मांग

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 05:31 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीन कुमार धनखड़) : करीब चार दशक बाद जब मातन लिंक ड्रेन का निर्माण हुआ और पम्प हाउस बनकर शुरू हुआ तो छुड़ानी गांव के किसानों को फसल बचने की उम्मीद हो गई थी। लेकिन किसानों की उम्मीद पर सिंचाई विभाग ने ही पानी फेर दिया। मातन लिंक ड्रेन के पम्प हाउस को बंद कर दिया गया जिसके कारण मातन लिंक ड्रेन ओवरफ्लो हो गई और किसानों की हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूब चुकी हैं। मातन लिंक ड्रेन का पानी केसीबी ड्रेन में डाला जाता है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने केसीबी ड्रेन की ना सफाई सही से करवाई ना ही उसकी क्षमता बढ़वाई और ना ही तटबंधो की मरम्मत करवाई जिसके कारण केसीबी ड्रेन भी खतरे के निशान पर बह रही है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए और केसीबी ड्रेन को बचाने के लिए ही छुड़ानी गांव के किसानों को डूबोने का सुनियोजित काम सिंचाई विभाग और प्रशासन ने किया है। अब किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

जब जिला उपायुक्त से छुड़ानी गांव के हालात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां हमारा प्रशासन पहुंचा हुआ है और कार्यवाही कर रहे हैं। जबकि ये बयान पूरी तरह से सच नही है। क्योंकि जिस सिंचाई विभाग के जिम्मे पम्पिंग का काम है उसी विभाग ने तो पम्प हाउस बंद कर किसानों को डूबोया है। ऐसे में कार्यवाही तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर भी बनती है लेकिन जिला प्रशासन सिर्फ अपने अधिकारियों को बचाने और सरकार के सामने अपनी भागदौड़ को दर्शाने में लगा हुआ है । किसानों की राहत के लिए कदम नही उठाए गए हैं। जिला उपायुक्त ने किसानों को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट दर्ज कराने को जरूर कहा है।

बहरहाल हकीकत ये भी है कि पिछले दो दिन से झज्जर जिले में बारिस भी खूब हुई है जिसके कारण अलग अलग इलाकों में भी जलभराव हुआ है लेकिन छुड़ानी की तस्वीर जलभराव से कहीं ज्यादा विकराल नजर आती है। वहीं मातन लिंक ड्रेन के निर्माण भी भ्रष्टाचार के आरोप किसानों ने लगाई है।

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Content Editor

Deepak Kumar

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