स्वास्थ्य विभाग की बेहतरीन पहल, प्रदेशभर की 40 नर्सिंग ऑफिसर्स को दी जा रही है तीन दिवसीय ट्रेनिंग
punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 10:14 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : स्वास्थ्य विभाग द्वारा देश के 7 राज्यों में चल रहे बेहतरीन जागरूकता कार्यक्रम को अपनाते हुए एक केयर कैंपेनियन प्रोग्राम शुरू किया गया है। जिसके तहत प्रदेशभर के 20 जिलों में से 40 स्टाफ नर्सों को पंचकूला डीसी ऑफिस में तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है। नवजात शिशु और माताओं की देखभाल परिवार द्वारा कैसे की जानी है, शिशु को कैसे दूध पिलाना है, कैसे पकड़ना है तथा बच्चे में पीलिया इत्यादि रोग के लक्षण कैसे पहचानने हैं, इस प्रकार की जानकारियां इस प्रोग्राम के तहत प्रदेशभर से पहुंची इन नर्सों को दी जा रही है जोकि अपने अस्पतालों में पहुंचकर नवजात शिशु की माता व उनके परिवार को एक साझा कार्यक्रम के तहत समझाएंगी। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य मकसद नवजात शिशु और उसकी माता की रक्षा व सुरक्षा है। केयर कैंपियन प्रोग्राम के नाम से चलाया जा रहे इस जागरूकता कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ सरोज अग्रवाल ने बताया कि पड़ोसी राज्य पंजाब का दौरा कर जब इस प्रोग्राम की सफलता के बारे में जानकारी हासिल हुई तो बेहद खुशी के साथ एमओयू विभाग द्वारा किया गया है और हरियाणा में यह प्रोग्राम लांच करने के बेहतर रिजल्ट नजर आने की पूरी संभावनाएं हैं। प्रदेश भर की नर्सिंग ऑफिसर को न्यू बोर्न बेबी व उसकी माता बारे उनके साथ आए परिवारिक सदस्यों को भी यह नर्सिंग ऑफिसर पूरी जानकारी देंगी कि घर जाकर दोनों की देखभाल कैसे करनी है।
बच्चे व माता की उचित रक्षा-सुरक्षा देने की जानकारियां परिवार को होंगी उपलब्ध : डॉ सरोज
डॉ सरोज अग्रवाल ने बताया कि अस्पतालों में लगातार भीड़भड़ का माहौल रहता है, पारिवारिक सदस्य इधर-उधर भटकते हैं, लेकिन उन्हें बताने और पढ़ाने वाला कोई नहीं होता। इसे लेकर नर्सिंग ऑफिसर्स को उसको पूरे साधन-संसाधन, पूरे टूल दिए गए हैं ताकि वह लोगों को अच्छी तरह से यह जागरूक कर पाए कि बच्चे व उसकी माता को कैसे रक्षा और सुरक्षा देनी है और डॉक्टर के पास कब आना है। एक व्हाट्सएप के माध्यम से जिसमें अलग-अलग भाषा में पूरी जानकारी परिवार हासिल कर पाएगा कि बच्चे को कैसे मैनेज करें, कैसे उसके पीलिया के लक्षण पहचाने, बच्चे को कैसे दूध पिलाएं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ सोनिया त्रिखा खुल्लर की यह बेहतरीन सोच और पहल है। यह उन्ही का आईडिया था जो उन्हें प्रदेश के लिए काफी बेहतर लगा। इसे लेकर नूरा हेल्थ से एमओयू साइन हुआ है और हरियाणा में हर जिले में इस प्रकार के प्रोग्राम लागू करेंगे।
मॉनिटरिंग के लिए डीजी ऑफिस में तैयार किया गया है सेल
डॉ सरोज अग्रवाल ने बताया कि काउंटर चेकिंग को लेकर भी पूरा सिस्टम बनाया गया है। जैसे ही यह सेशन शुरू होगा उसकी फोटो और डेली रिपोर्ट डीजी हेल्थ ऑफिस में भेजनी होगी। डीजी ऑफिस में एक सेल स्थापित किया गया है। जिसकी नोडल ऑफिसर डॉ सुचिता रहेंगी। नूरा हेल्थ और डीजी ऑफिस के माध्यम से इसकी रिपोर्ट तैयार होगी। डॉ सरोज ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत के 1 साल के बाद मातृ मृत्यु दर व नवजात शिशु मृत्यु दर में क्या फर्क आएगा, इसके भी फिगर तैयार किए जाएंगे। देखना होगा कि प्रोग्राम के माध्यम से हमने हासिल क्या किया है।
इस जागरूकता मिशन को अपनाने वाला हरियाणा आठवां राज्य : डॉ होमां
नूरा हेल्थ से पहुंची डॉ होमां ने बताया कि हरियाणा इस प्रकार के कार्यक्रम अपनाने वाला आठवां राज्य है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश- पंजाब- मध्य प्रदेश- कर्नाटक- तेलंगाना और महाराष्ट्र में यह सफलतापूर्वक अपना सफर तय कर चुका है। ना केवल नवजात शिशु और माताएं बल्कि अस्पतालों में आने के बाद सर्जरी के बाद महिलाओं को क्या-क्या दिक्कतें आती हैं, उन्हें किस प्रकार की सपोर्ट की जरूरत होती है, इस प्रकार की जानकारियां भी परिवार को दी जाएंगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से पेशेंट और परिवार को स्टाफ की भी पूरी मदद मिलेगी। यह बुधवार को पहली ट्रेनिंग पंचकूला में संपन्न हुई है। 3 दिवसीय ट्रेनिंग में 20 जिलों की 40 नर्सिंग ऑफिसर शामिल हुई। उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल न्यूबॉर्न संबंधित ट्रेनिंग हुई है, इसके बाद जरूरत के अनुसार और विषयों पर भी इस प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे। अस्पताल में पहुंची सभी 40 नर्सिंग ऑफिसर पूरी तरह से ट्रेंड हो चुकी है और अगले ही दिन अपने अस्पताल में जाकर वह इस प्रकार के कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकेंगी।
अनपढ़ को भी आसानी से समझाने का बेहतरीन तरीका है यह : सुषमा
पलवल से ट्रेनिंग के लिए पहुंची नर्सिंग ऑफिसर सुषमा ने बताया कि उन्हें इस प्रोग्राम के लायक समझा गया यह उनका सौभाग्य है। क्योंकि यह एक बिल्कुल अलग ऐसी ट्रेनिंग है जिसके माध्यम से एक अनपढ़ व्यक्ति को भी स्टेप बाय स्टेप बिल्कुल आराम से समझाया जा सकता है। इसमें इंग्लिश या मेडिकल लाइन से संबंधित कोई शब्द नहीं है। इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ सकता है। इसमें चार्ट भी हमें दिए गए हैं, जिसमें छपी तस्वीरों के माध्यम से एक अनजान व्यक्ति भी देखकर यह समझ सकता है कि आखिर क्या समझाया जा रहा है। भोजन इत्यादि संबंधित जानकारियां भी इसम उपलब्ध रहेंगी।
स्टाफ का भी बचेगा समय और अच्छे से बात आएगी समझ : प्रवीण शर्मा
अंबाला से ट्रेनिंग के लिए पहुंचे स्टाफ नर्स प्रवीण शर्मा ने बताया कि आमतौर पर बार बार अलग-अलग मरीज या परिवार हमस आकर पूछता है कि बच्चे को कैसे पकड़े, कैसे छाती के साथ लगाएं, कैसे दूध पिलाएं, इस प्रकार से बार-बार अलग अलग लेडीज को समझाने में स्टाफ को काफी समस्याएं रहती थी, समय भी काफी लगता था, अब हम बचे हुए समय में मरीजों की अच्छी केयर कर पाएंगे। अब एक ही सेशन में सभी को एक बार में समझा सकेंगे कि कैसे बच्चे की देखभाल करनी है और कैसे मां की। यह वास्तव में एक बहुत बेहतरीन पहल है और बहुत शानदार इसके परिणाम रहेंगे।
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