कैथल में गेहूं खराब के मामले में तीन स्तरीय जांच कमेटी का गठन,30 दिन पेश किए जाएंगे रिपोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Nov 19, 2022 - 05:49 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  कैथल में हुए गेहूं खराब का मामला तूल पकड़ते ही मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने जिला स्तर की जांच को नकारते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई इस कमेटी में 2 अनुभवी अधिकारी इसकी जांच करेंगे। जोकि यह रिपोर्ट 30 दिन में पेश करने के आदेश जारी किए गए हैं।

 

गेहूं खराब होने की वजह से 22 करोड़ का हुआ नुकसान

 

बता दें कि कैथल में अधिकारियों की लापरवाही से भारी मात्रा में गेहूं बरसात की भेंट चल गया था। जिसके चलते लगभग 22 करोड़ रुपए का नुकसान प्रदेश को हुआ। जिला लेवल पर हुई प्रशासन की जांच में किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया गया। सभी को क्लीन चिट मिलने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ गया और सरकार ने इस उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया। वहीं कैथल से भाजपा विधायक लीलाराम गुर्जर ने भी इस जांच पर सवालिया निशान खड़ा किया है और बनी गई उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर भी दावा किया है कि रिजल्ट फिर से पुराने वाला ही आएगा। मामले में लिप्त भ्रष्ट अधिकारी फिर बचेंगे यानि पारदर्शिता का दावा करने वाली प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर खुद इनके विधायकों को भी भरोसा नहीं रहा है। मामला बड़ा है, खुद उपायुक्त ने इस मामले की जांच की थी और क्लीन चिट मिलने से विपक्षियों को तो मुद्दा मिल ही गया, साथ ही खुद सरकार के आदमी इस जांच से संतुष्ट नजर नहीं आए। इस रिइन्वेस्टिगेशन को भी मात्र लीपापोती मानकर देखा जा रहा है।

 

गेहूं खराब का मामला इतना बड़ा नहीं, जितना दिया जा रहा है तूल :  जेपी दलाल

 

इस गंभीर मसले पर प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि दो-तीन साल में स्टॉक किए गए 1 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं में से 50000 क्विंटल गेहूं खराब होना ना के बराबर है। बावजूद इसके अगर कहीं किसी की लापरवाही सामने आएगी तो एक सख्त फैसला सरकार लेने को तैयार है। उन्होंने कहा कि घर में रखी 1 क्विंटल गेहूं की बोरी में से भी आधा किलो गेहूं खराब होना एक आम बात है। इसी तरह इसी एवरेज में यह गेहूं भी खराब हुआ है। गेहूं का एक दाना भी खराब होना अच्छी बात नहीं है। लेकिन जिस प्रकार से यह मुद्दा उठाया जा रहा है यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।

 

 

प्रदेश और किसानों के हित में लेंगे हर फैसला, चाहे विरोध कितना भी हो : जेपी दलाल

 

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा मौजूदा भाजपा सरकार को पोर्टल सरकार बताने के जवाब में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि सच में यह एक पोर्टल की सरकार है, क्योंकि घोटालेबाजी को रोकने के लिए पोर्टल बेहद जरूरी है। पहले की सरकारें बिचौलियों के लिए काम करती थी। आज की सरकार किसान हित में काम करती है। पोर्टल के आने से बिचौलिए तड़प रहे हैं। किसान खुश हैं। हम 48 घंटे में किसानों की फसलों की पेमेंट उनके खातों में भेज रहे हैं। धान खरीद चल रही है लेकिन 12 करोड़ की राशी हम भेज चुके हैं। किसान की फसल सरकार खरीदती थी, लेकिन पैसा तीसरा आदमी ले जाता था जो कि एक जुलम था। अब ऐसा नहीं होगा। प्रदेश और किसानों के हित में जो जो फैसले होंगे, हम लेंगे, चाहे उसका कितना भी विरोध क्यों ना हो।  

 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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