''चिराग'' के जरिए अब जरूरतमंद बच्चों में शिक्षा का ''उजाला'' भरेगी सरकार !

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 09:06 AM (IST)

चंडीगढ़(  संजय अरोड़ा): प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए मनोहर लाल सरकार ने नई पहल की है और हरियाणा सरकार इसके लिए 'चिराग' नाम से एक महत्वाकांक्षी योजना लेकर आई है । इस योजना के पीछे सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के बच्चों में 'चिराग' के माध्यम से शिक्षा का उजाला भरा जाए। इस योजना के अंतर्गत अब हरियाणा में 24 हजार से अधिक बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में करवाने की प्रक्रिया जारी है। इस योजना के बाद जरूरतमंद परिवारों के पात्र बच्चे निजी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों का ड्राप आऊट रुकेगा। खास बात यह है कि जरूरतमंद गरीब परिवारों के बच्चे आर्थिक तंगी के चलते चाह कर भी निजी स्कूलों में नहीं पढ़ पाते थे, मगर अब सरकार की यह नई योजना ऐसे बच्चों का सपना साकार करेगी और वे भी सरकारी मदद से निजी स्कूलों में दाखिला ले पाएंगे, मगर इसके लिए फिलहाल सीमित सीटें रखी गई हैं ।

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार शुरू से ही शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे को बेहतर व हाईटैक बनाने के मकसद से लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में पहले 9वीं से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त टैब दिए गए और विशेष तौर पर लड़कियों के लिए रिकॉर्ड कालेज-स्कूल खोले गए। गुणवत्तापरक शिक्षा के बजट को बीस हजार करोड़ रुपए किया गया,  लड़कियों के लिए विशेष बसों का संचालन किया गया। 

निजी स्कूलों में दाखिले हेतु तय की गई सीटें

अब इस कड़ी में सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हरियाणा चिराग योजना का आगाज किया है। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 2 से 12वीं तक 24,687 बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में करवाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार दूसरी कक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या 2370 तय की गई है। तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या 2411 तय की गई है। चौथी कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या दाखिला के लिए 2443 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या निजी स्कूलों में दाखिले के लिए 2384 ही होनी चाहिए। जबकि छठी कक्षा के लिए 2413, सातवीं कक्षा के लिए 2400, आठवी कक्षा के लिए 2383, नौवीं कक्षा के लिए 2211, दसवीं कक्षा के लिए 2174, ग्यारवीं कक्षा के लिए 1858 और बारहवीं कक्षा के लिए 1940 सीटें ही तय की गई हैं। 
विशेष बात यह है कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सत्र से कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढऩे का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग) महत्वकांक्षी योजना शुरू की गई है।

इन बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ

गौरतलब है कि प्रदेश के इस बार के बजट में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि अकेले शिक्षा में विस्तार के लिए रखी गई है । इसी के तहत प्रदेश सरकार सभी बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए नई-नई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू कर रही है। 'चिराग' योजना भी प्रदेश के गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चों जिनके माता-पिता/ अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है और वे बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं,  उनके दाखिले इन निजी विद्यालयों में कक्षा दूसरी से बारहवीं तक किए जाएंगे। खास बात यह है भाजपा सरकार ने पिछले पौने आठ वर्षों में महिलाओं की शिक्षा को लेकर खूब काम किए हैं। इसी कड़ी में हरियाणा में रिकॉर्ड 42 महिला कालेज खोले गए हैं। अब हरियाणा में 67 महिला कालेज हैं। पिंक कलर की 150 विशेष बसें चलाईं तो 500 बसों में कैमरे लगाए गए। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के लिए अलग से विशेष बसें संचालित की जा रही हैं।

शिक्षा को लेकर संजीदा हैं सरकार

अहम पहलू यह भी है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद शिक्षा को लेकर काफी संजीदा हैं। यही वजह है कि स्कूली और उच्चस्तरीय शिक्षा दोनों में सुधार को लेकर कई बड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार ने सबसे पहले शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया ऑनलाइन कर बड़ी राहत अध्यापकों को दी। शिक्षा विभाग में 15 हजार से अधिक भर्तियां की गईं। हरियाणा में 113 नए संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गए। स्कूलों में स्मार्ट क्लास रुम, सौर ऊर्जा पैनल लगाने के अलावा आधुनिक ड्यूल डैस्क उपलब्ध करवाए गए। होनहार विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की प्रक्रिया शुरू की। इसके अलावा बच्चों के पोषण पर ध्यान देने के लिए काम किया। लडक़ों-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय बनवाए। इसके साथ ही तकनीकी शिक्षा पर खास जोर दिया गया। रोहतक के सुनारियां में भारतीय प्रबंधन संस्थान, कुरुक्षेत्र के उमरी में नैशनल डिजाइन इंस्टीच्यूट, सोनीपत के किलोहड़ में आई.आई.आई. टी, पंचकूला में राष्ट्रीय फैशन संस्थान की स्थापना की गई। इस सरकार की एक विशेष पहल यह भी रही कि विदेश में उच्च शिक्षा पाने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों के लिए सरकार ने क्रेडिट फंड की स्थापना भी की। इसके साथ ही कालेजों में पासपोर्ट बनाने की पहल की गई। पिछले सात वर्षों के दौरान 38 स्वपोषित डिग्री व 6 लॉ कालेज खोले गए। 1534 सहायक प्रोफेसर्स की नियुक्ति भी की गई। 

गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए उठाए रहे हैं प्रभावी कदम: खट्टर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि उनकी सरकार द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं । 'चिराग' योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रुपए, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रुपए एवं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रुपए प्रति माह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा 24987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है। मुुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से बारहवीं तक कोई फीस नहीं ली जाती और कक्षा पहली से आठवीं तक वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। ऐसे सभी विद्यार्थियों जिनके जिनके माता-पिता या अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है,  उनके लिए भी निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। 1 लाख 80 हजार रुपए से ऊपर की सालाना आमदन वाले परिवारों के बच्चों से नाममात्र मासिक अंशदान लिया जाता है।


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Content Writer

Isha

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