चिराग योजना के जरिए गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना हुआ पूरा

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 07:44 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): प्रदेश सरकार ने गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना पूरा किया है। चिराग योजना लागू कर गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के तहत सरकार दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए निजी स्कूलों को 700 रुपये दे रही है, जबकि छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 900 रुपये और 9वीं से 12वीं के लिए 1100 रुपये का भुगतान कर रही है। यह राशि प्रति छात्र प्रति माह दी जा रही है। अब तक लगभग 2500 से अधिक बच्चों का दाखिला हो चुका है।



स्कूलों के पाठ्यक्रमों में किया आमूलचूल परिवर्तन



प्रदेश सरकार ने समय की मांग के अनुसार स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भी आमूलचूल परिवर्तन किया है। बच्चों में राष्ट्र प्रेम, स्वाधीनता व मानवीय गुणों की भावना पैदा करने के लिए पुस्तकों में नई विषय सामग्री शामिल की है। इतिहास की पुस्तकों का पुनर्लेखन किया गया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इतिहास की कई नवीन पुस्तकों का अंग्रेजी भाषा में भी अनुवाद किया है। 9वीं व 10वीं कक्षाओं की इतिहास विषय की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

बच्चों की पठन-पाठन सामग्री में विषयों की समग्रता पर विशेष ध्यान दिया गया है। नवीन पुस्तकों में इतिहास का समग्र व व्यापक रूप से उल्लेख किया गया है। पहले की पुस्तकों में जहां सिन्धु घाटी सभ्यता से ही भारतीय इतिहास पढ़ाया जाता रहा है, वहीं अब सरस्वती नदी का उल्लेख शामिल किया गया है। प्राचीन विश्व की प्रमुख घटनाओं के साथ-साथ मध्यकालीन यूरोप, विदेशी आक्रमण, उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद तथा भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन व स्वतंत्रता संग्राम सरीखी घटनाओं का समावेश किया गया है। इसके साथ-साथ नवीन पुस्तकों में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में हरियाणा की भूमिका का भी विस्तार से वर्णन किया गया है। 1857 की महान क्रांति में हरियाणा का योगदान विषय पर विशेष बल दिया गया है, ताकि युवा पीढ़ी को पता चले कि स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा वासियों ने किस प्रकार बलिदान दिए और अंग्रेजी हुकूमत की यातनाएं सही।

राजा नाहर सिंह, जिन्हें 1857 ई. की क्रांति में भाग लेने पर दिल्ली के चांदनी चौक में सरेआम फाँसी पर लटका दिया गया था, का भी वर्णन है। अंग्रेजों ने लाला हुकमचंद जैन को इसी दौरान हांसी में फांसी पर लटका दिया था। रेवाड़ी के राव तुलाराम का भी स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में हरियाणा की महिलाओं की भूमिका का भी इतिहास की पुस्तकों में वर्णन किया गया है। इसी प्रकार दीनबंधु चौधरी छोटूराम ने अपना जीवन दरिद्र किसानों व मजदूरों की सेवा में समर्पित कर दिया, इसलिए वे किसानों के मसीहा कहलाए, का वर्णन भी इतिहास की पुस्तकों में समायोजित किया गया है। 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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