गेहूं की ट्रेडिंग से मालामाल हो रहे आढ़ती, सरकार को लगा रहे चपत

punjabkesari.in Thursday, Apr 29, 2021 - 09:55 AM (IST)

करनाल : सी.एम. सिटी की मंडी में गेहूं की ट्रेडिंग का खेल जोरों पर है। धान के सीजन में काटे गए कथित फर्जी गेटपास की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। अब फिर से सरकार को सरेआम मोटी चपत लगाई जा रही है। मंडी की निगरानी में जिन अधिकारियों की ड्यूटी थी वह इन दिनों कोरोना के कारण मीटिंग में व्यस्त हैं। महामारी के बढ़ते केसों का फायदा कई आढ़ती उठा गए। जिले के किसान सोनू, प्रदीप, सन्नी व सहदेव का कहना है कि करनाल अनाज मंडी में इन दिनों फर्जी गेटपास काटकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश से गेहूं की ट्रेडिंग कर कुछ आढ़ती मालामाल हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि उत्तर प्रदेश से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं करनाल की मंडी में मंगवाई जा रही है। इसके बाद करनाल के किसानों के नाम गेटपास कटवाए जाते हैं। इसे मंडी में 1975 रुपए प्रति क्विंटल में बेचकर सरकार को चपत लगाई जा रही है।  

ट्रैक्टर चालक बोले-उत्तर प्रदेश से लाए गेहूं 
करनाल अनाज मंडी में उत्तर प्रदेश से गेहूं लेकर आए ट्रैक्टर चालकों ने पहले खुद को हरियाणा का बताया ताकि ट्रेडिंग का भेद न खुल सके। गांव का नाम पूछने पर वह इधर-उधर देखने लगे। कुछ ने गांव का जो नाम बताया उस नाम का जिले में कोई गांव ही नहीं है। कुछ देर बाद खुद ही कहने लगे कि वह तो उत्तर प्रदेश से आढ़ती के लिए गेहूं लेकर आए हैं। गेटपास कटवाने की जिम्मेदारी आढ़ती की है। कई ट्रैक्टर चालकों ने बेझिझक कहा कि उत्तर प्रदेश से यह गेहूं लेकर आए हैं। 

पहले बोले-यह जिले की गेहूं बाद में कुछ ट्रॉली लौटाई 
उत्तर प्रदेश से लाई गई गेहूं का जिले के किसानों के नाम गेटपास कटने की बात मार्कीट कमेटी सचिव के पास पहुंची तो उन्होंने इससे इंकार किया। बिना जांच किए ही इसे जिले की गेहूं बताया। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा। प्रैशर बढ़ा तो सचिव जांच करने पहुंचे। सचिव ने पूछताछ की तो उत्तर प्रदेश से आई गेहूं की ट्रॉलियां मिली। सैक्रेटरी ने इन्हें वापस लौटाया। कुछ देर जांच कर बिना कार्रवाई सचिव वापस लौट गए।  

मंडियों में पहुंचा रहा उत्तर प्रदेश का गेहूं : ईलम सिंह 
भाजपा नेता एवं मार्कीट कमेटी कुंजपुरा के पूर्व चेयरमैन ईलम सिंह ने बताया कि इसके बारे में डी.सी. को बता दिया गया है। जिले की मंडियों में गेहूं खरीद लगभग पूरी हो चुकी है। गन्ना किसानों का एक प्रतिशत गेहूं ही बकाया है। अब उत्तर प्रदेश के व्यापारियों का गेहूं लगातार मंडियों में पहुंच रहा है। कुछ आढ़ती इनके गेटपास हरियाणा के किसानों के नाम कटवा रहे हैं। प्रत्येक अनाज मंडी में पांच-पांच व्यक्तियों की कमेटी बनाई जाए। 

20 रुपए प्रति क्विंटल में कट रहे गेटपास 
आढ़तियों के अनुसार मार्कीट कमेटी से गेटपास कटवाने के लिए 20 रुपए प्रति क्विंटल चुकाने पड़ते हैं। इस खेल में शामिल टीम इससे लाखों रुपए रोजाना कमाती है। जिले में औसत पैदावार के बावजूद जिस प्रकार से आवक का आंकड़ा बढ़ रहा है उससे ऐसे गेटपास कटने की चर्चा काफी दिन से तेज है। जिले के किसानों ने मांग की कि इस बार इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। 

ऑफ सीजन में भी हाईवे तक लगा जाम
जिले में गेहूं का सीजन लगभग पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश के गेटपास सरकार ने पहले ही बंद कर रखे हैं। इसके बावजूद बुधवार को मंडी के गेट पर जाम की स्थिति बन गई। गेट नम्बर एक पर उत्तर प्रदेश से इतनी ट्रॉलियां आई कि पुलिस को कमान संभालनी पड़ी। गेहूं की ट्रालियों की वजह से एन.एच-44 पर भी लम्बा जाम लग गया। करनाल के गेट नम्बर एक पर तैनात ऑप्रेटरों ने बताया कि दोपहर करीब 1 बजे तक 11 हजार क्विंटल गेहूं के गेटपास कट चुके हैं।  

मीटिंग में हूं, जांच के लिए ड्यूटी लगाई 
गत धान के सीजन में गेटपास की जांच में फूर्ति दिखाने वाले एस.डी.एम. आयुष सिन्हा ने कहा कि वह कोरोना को लेकर चल रही मीटिंग में हैं। करनाल मंडी में काटे जा रहे गेटपास की जांच के लिए ड्यूटी लगा दी है।

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Content Writer

Manisha rana

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