Kaithal के ट्रक ड्राइवर को ट्रांसपोर्टर ने किया किडनैप, पैर तोड़े...सिर में भी मारी  चोट

punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2024 - 03:43 PM (IST)

कैथल: डिलीवरी के दौरान सामान कै्रक होने को लेकर कैथल के ट्रक ड्राइवर व ट्रांसपोर्टर के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा की ट्रांसपोर्टर ने अपने साथियों सहित ट्रक ड्राइवर का अपहरण कर लिया। इस दौरान ड्राइवर के साथ जमकर मारपीट की गई। ट्रांसपोर्टर द्वारा मारपीट करने से ट्रक ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके पैर तोड़ दिए गए। सिर में भी चोट मारी गई।

ट्रक ड्राइवर की हालत बिगड़ने पर ट्रांसपोर्टर उसे जालंधर से कार की डिग्गी में डालकर कैथल के कलायत ले आए। सुबह के समय ट्रांसपोर्टर उसे एक निजी अस्पताल में फेंककर भाग गए। आरोपियों ने मारपीट को हादसा बताने की धमकी दी और पुलिस को शिकायत देने पर जान से मारने की धमकी दी। बलकार का आरोप है कि पुलिस ने भी उसकी शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

 कैथल के कौल गांव के रहने वाले बलकार सिंह ने बताया कि वह पेशे से ट्रक ड्राइवर है, उसका छोटा भाई मुकेश भी ट्रक ड्राइवर है। मुकेश कलायत में ट्रांसपोर्टर के पास ड्राइवर का काम करता है। उसे 13-14 दिसंबर को ट्रक लेकर गुजरात जाना था, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई। उसके भाई ने अपनी जगह पर उसे ट्रक ले जाने के लिए कहा। इसके बाद वह गुजरात में माल की डिलीवरी के लिए निकला। उसने वहां ट्रक से सामान डिलीवर किया। इसके बाद ट्रक मालिक ने उसे गुजरात से पंजाब के जालंधर में माल पहुंचाने के लिए कहा। वह माल लोड करके जालंधर पहुंच गया।

 
पीड़ित बलकार ने बताया कि ट्रक मालिक सुबह उसे लोकेशन देने वाला था। उसने नकोदर से 10 किलोमीटर दूर ट्रक रोक दिया। अपने कंडक्टर के साथ खाना खाने के बाद वह गाड़ी में ही सो गया। 20 दिसंबर की रात को अचानक ट्रक मालिक कुछ लोगों को गाड़ी में लेकर नकोदर पहुंच गया। पहले उन्होंने कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा। जिसके बाद कंडक्टर ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद ट्रक मालिक ने ड्राइवर को बुरी तरह पीटा और उसके पैरों व सिर पर हमला कर दिया। जिससे उसके पैरों की हड्डियां टूट गईं। हमलावरों ने उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल लिया और कलायत ले आए।

बलकार ने बताया कि जहां भी गाड़ी रोकी गई। उसे गाड़ी से बाहर खींचकर पीटा गया। सुबह तक उसकी हालत बिगड़ गई। आरोपियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टरों से कहने का दबाव बनाया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है। वे निजी अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मोबाइल से अपने परिजनों को कॉल किया, जिसके बाद उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां उसने अपनी आपबीती उन्हें बताई। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई और वहां से उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसका सही से इलाज नहीं हुआ। इसलिए 23 दिसंबर को वह करनाल के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। जहां उसका इलाज चल रहा है।


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Content Writer

Isha

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