सावधान ! स्कूल बसों में सुरक्षित नहीं मासूमों का सफर, जांच में मिली कई खामियां

punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2024 - 11:51 AM (IST)

यमुनानगर : हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल लाठर ने अधिकारियों के साथ स्कूल बसों की जांच की। सबसे पहले जगाधरी रैस्ट हाऊस में आर.टी.ए., रोडवेज, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बाल संरक्षण इकाई व यातायात थाना पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्हें हाईकोर्ट के सुरक्षित वाहन पॉलिसी के आदेशों की जानकारी दी गई।

अधिकारियों को बताया गया कि समय-समय पर वाहनों को चेक किया जाए। कोई भी वाहन जो बच्चों को लेकर जा रहा है। उस पर सुरक्षित वाहन पॉलिसी का नियम लागू होता है। इसके बाद वह टीम के साथ सैंट थॉमस स्कूल में पहुंचे। वहां स्कूल स्टाफ ने बताया कि उनकी 4 बसें हैं। इन बसों में जांच की गई। 3 बसों में प्रैशर हार्न लगा हुआ था। डायल 112 व 1098 किसी भी बस पर नहीं लिखा हुआ था। दो बसों में फायर एग्जीक्यूशर पर तारीख नहीं थी। एक बस में माचिस मिली और एक्सपायर फर्स्ट एड बाक्स मिला। इन सभी बसों के चालान किए गए हैं। उनकी आरसी इम्पाऊंड की गई है। स्कूल में 3 रिक्शा बच्चों को लेकर जाने के लिए खड़ी की थी। उन रिक्शाओं के चालक के पास आई.कार्ड नहीं मिला। स्कूल स्टाफ भी इसका कोई जवाब नहीं दे सका। जब उनकी पुलिस वेरिफिकेशन के बारे में पूछा तो उसकी भी स्टाफ को जानकारी नहीं थी। इसी तरह से बस चालकों की भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराई गई थी।

बस के पहिए का नेट-बोल्ट तक गायब 

स्वामी विवेकानंद स्कूल में आयोग की टीम पहुंची। यहां पर बसों की जांच की गई। किसी बस का शीशा टूटा हुआ मिला तो किसी में फर्स्ट एड बाक्स नहीं मिला। एक बस का अगले पहिए का नट बोल्ट निकला हुआ था। छह बसों में खामियां मिलने पर चालान किए गए। दो को इंपाऊंड किया गया। आयोग सदस्य अनिल लाठर ने बताया कि दो दिन तक यह निरीक्षण चलेगा। जहां पर भी खामियां मिली है। उन्हें दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। डीईओ के माध्यम से स्कूलों से रिपोर्ट ली जाएगी।

14 चालान, एक लाख 73 हजार 500 रूपए का जुर्माना

आयोग की टीम जगाधरी के एस.डी. पब्लिक स्कूल में भी पहुंची। यहां पर बसों की जांच में खामियां पाई गई। जिस पर चालान किए गए। आ.टी.ए. विभाग के मुताबिक मंगलवार को 14 स्कूली बसों के चालान किए गए हैं। जिन पर 1 लाख 73 हजार 500 रूपए का जुर्माना किया गया है। बुधवार को भी जांच जारी रहेगी। उधर बड़ा सवाल यह भी है कि यही बसें सरकारी रैलियों में जाती हैं। कनीना जैसे हादसों के बाद भी सबक नहीं लिया गया। इसके अलावा शिक्षा विभाग व बाल विभाग के पास भी जांच की जिम्मेदारी है। उन्होंने कभी इस तरह की खामियां नहीं देखी। आयोग के आने पर ही खामियां सामने आई हैं। अब देखना यह होगा कि आयोग की जांच के बाद जिम्मेदार नियमित सक्रिय रहते हैं या फिर नहीं।

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Content Writer

Manisha rana

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