हुड्डा को बिश्नोई की चुनौती पर उदयभान का जवाब, बोले- आम कार्यकर्ता भी कुलदीप को हराने में है सक्षम

punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 09:56 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): कुलदीप बिश्नोई द्वारा विधायक पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ आदमपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई को हराने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव लड़ने की आवश्यकता नहीं है, हमारा एक छोटा-सा कार्यकर्ता भी उन्हें पटकनी देने में सक्षम है। उदयभान ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ, अपरिपक्वता, इनकम टैक्स की कार्रवाई और दलित विरोधी मानसिकता के चलते बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया है। इस फैसले में दूर-दूर तक जनता, जनहित और विचारधारा नजर नहीं आती। 

चौधरी उदयभान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा एक दलित को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में उठाया गया यह कदम ना सिर्फ कुलदीप बिश्नोई बल्कि उनको आश्रय देने वाली बीजेपी के लिए भी घातक सिद्ध होगा। क्योंकि बीजेपी और कुलदीप बिश्नोई दोनों ही दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित हैं। लेकिन समाज एक तबके के प्रति उनकी कटुता को कभी माफ नहीं करेगा। आदमपुर में समाज वोट की चोट से उन्हें जवाब देगा।

 

उदयभान ने कहा, 2019 के चुनावों में बिश्नोई ने की भाजपा की मदद

 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिश्नोई और बीजेपी का संगम अंदरखाने तो बहुत पहले हो चुका था। लेकिन यह अब जाकर सार्वजनिक हुआ है। अब स्पष्ट हो चुका है कि 2019 विधानसभा चुनाव में बिश्नोई पर बीजेपी की मदद के जो आरोप लगते आए हैं, वह पूरी तरह सच हैं। उन्होंने जानबूझकर अपने कोटे से ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिलवाई थी, जिनकी हार सुनिश्चित थी। विधानसभा में लगातार गैर हाजिरी, जनता के तमाम मुद्दों पर उनकी चुप्पी और आदमपुर हलके में उनकी निष्क्रियता बार-बार इस बात की तस्दीक करती रही कि बिश्नोई भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में तो उन्होंने खुद ही इस बात का ऐलान कर दिया था।

 

कुलदीप बिश्नोई पर कांग्रेस के साथ भीतरघात के लगाए आरोप

 

उदयभान ने कहा कि बिश्नोई कांग्रेस के भीतर रहकर लगातार उसे कमजोर करने की कोशिशों में लगे हुए थे। पार्टी के भीतर रहकर उसे खोखला करने वाले लोग अगर बाहर जाते हैं तो इससे संगठन को नुकसान होने की बजाए मजबूती ही मिलेगी। वैसे भी कुलदीप बिश्नोई के लिए पार्टी छोड़ना, पाला बदलना और अपने बयानों से पलटी मारना कोई नई बात नहीं है। वो उस बीजेपी में जा रहे हैं, जिस पार्टी के नेता खुद कह रहे हैं कि बिश्नोई के बीजेपी में आने से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा। अपनी इसी राजनीतिक अपरिपक्वता और पार्ट टाइम राजनीति के चलते उन्होंने चौधरी भजनलाल जी की बड़ी राजनीतिक विरासत को एक विधानसभा हलके तक समेट दिया। आने वाले समय में आदमपुर हलके से भी बिश्नोई की हार तय है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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