अब किसानों को भटकने की जरूरत नहीं, एडवांस में मांग रजिस्टर्ड करने पर मिलेगा 'यूरिया'

punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2023 - 06:38 PM (IST)

यमुनानगर (अभिषेक दत्ता) : किसानों के सब्सिडी वाले यूरिया का दुरुपयोग होने एवं यूरिया के लिए किसानों के परेशानी की खबरें अक्सर आती रहती हैं। लेकिन केंद्र सरकार की नई योजना से इस पर रोक लग सकेगी। केंद्र सरकार ने हरियाणा के यमुनानगर जिले सहित पांच राज्यों के कई अन्य जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है। जहां किसानों का यूरिया के लिए पोर्टल बनाकर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। कोई भी फसल लगाने से पहले फसल के लिए कितना यूरिया चाहिए उस पर रजिस्टर्ड करना होगा। किसान के पास कितनी भूमि अपनी है, कितनी ठेके पर है उसका ब्यौरा देना होगा। फिर उसे समय आने पर उतनी मात्रा में सब्सिडी वाला यूरिया खाद उपलब्ध हो जाएगा।

हरियाणा कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप मील ने बताया कि यमुनानगर को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है, जहां जल्दी ही पोर्टल बनाकर इस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद किसानों को और यूरिया की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें बिना सब्सिडी वाला यूरिया खरीदना होगा। 

उप कृषि निदेशक प्रदीप मील का कहना है कि सब्सिडी वाले यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए इस पोर्टल को लांच किया जा रहा है, जिस पर मांग के अनुसार किसान को खाद उपलब्ध होगी। वहीं हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि किसान को उसकी जरूरत के मुताबिक पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने पर यूरिया उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इससे खाद के दुरूपयोग एवं ब्लैक मेलिंग की कार्यवाही रुकेगी। 

हरियाणा का यमुनानगर प्लाईवुड उद्योग का गढ़ माना जाता है। जहां भारी मात्रा में खाद का प्रयोग होता है। लेकिन बार-बार शिकायतें आती हैं कि सब्सिडी वाले किसानों के यूरिया का प्लाइवुड इंडस्ट्री में प्रयोग हुआ है, इसको लेकर समय-समय पर छापेमारी हुई। प्लाईवुड उद्योग मालिकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने खाद के अवैध प्रयोग को रोकने के लिए पोर्टल लॉन्च करने का निर्णय लिया है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया जा रहा है। यह योजना सफल रही तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।) 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mohammad Kumail

Related News

static