फिजिकल वैरीफिकेशन के आदेश से ITI में डीसी रेट पर कार्यरत गेस्ट फैकल्टी के छूटे पसीने, जाएगी नटवरलालों की नौकरी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 06, 2024 - 07:17 PM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर): कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग आईटीआई में डीसी रेट व अनुबंध के आधार पर कार्यरत अनुदेशकों तथा 2019 के बाद नियमित भर्ती हुए कर्मचारियों की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाने का फैसला लिया है।  इसे लेकर विभाग के महानिदेशक ने प्रदेश की सभी आईटीआई के मुखियाओं को पत्र जारी कर 15 दिन के अंदर-अंदर सभी कर्मचारियों की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाते हुए इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के आदेश दिए हैं।

फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों पर गिरेगी गाज

जहां विभाग के इन आदेशों ने आईटीआई मुखियाओं की रात की नींद हराम कर दी है तो वहीं फर्जी व नकली प्रमाण पत्र व अनुभव प्रमाण पत्र पर नियुक्त नटवरलाल अनुदेशकों व अन्य कर्मचारियों के माथे पर पसीने देखे जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार या विभाग द्वारा ईमानदारी से यह फिजिकल वैरीफिकेशन करवाई जाती है तो इससे भर्ती में अनियमितता बरतने वालों का बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि आईटीआई में सैकड़ों कर्मचारी फर्जी अनुभव तथा योग्यता प्रमाण पत्रों के सहारे कार्यरत हैं।

बता दें कि गत वर्ष जैसे ही आईटीआई की भर्ती के लिए सीबीटी व अन्य परीक्षाओं का आयोजन करवाया गया था तो उसमें भी भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। आईटीआई में अनुदेशकों की सूची जारी होने से पूर्व ही सूत्रों द्वारा चयनित होने वालों की सूची जारी कर दी थी जिसमें से करीब 70 प्रतिशत कर्मचारियों का नाम पाया गया था। ऐसे में सरकार व विभाग ने अपनी किरकरी से बचने के लिए मामले को दबा दिया था तथा चयनित सूची जारी कर दी थी।

अब नियमित आधार पर चयनित होने वाले कर्मचारियों की ज्वाइनिंग को लेकर डीसी रेट व अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारियों ने न्यायालय में चुनौती दी थी जिस पर न्यायालय द्वारा ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी गई थी। जैसे ही फर्जी प्रमाण पत्र व अनुभव प्रमाण पत्रों की शिकायत सरकार व विभाग के पास पहुंची तो विभाग के महानिदेशक ने तुरंत प्रभाव से योग्यता प्रमाण पत्रों तथा अनुभव प्रमाण पत्रों की फिजिकल वैरीफिकेशन के आदेश जारी किए हैं।

बिना इपीएफ व इएसआई वाले अनुभव प्रमाण पत्र पर हो सकती है कार्रवाई

विभाग द्वारा फिजिकल वैरीफिकेशन के मानकों में रोजगार विभाग, शिक्षुता विभाग, न्यूनतम वेतन, वेतन का रिकार्ड व योग्यता संबंधी रिकार्ड मांगा है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में बिना इपीएफ व इएसआई वाले अनुभव प्रमाण पत्र पर भी कार्रवाई हो सकती है। 

राजनीतिक आकाओं की ले रहे शरण

ऐसा बताया जा रहा है कि जैसे ही विभाग द्वारा फिजिकल वैरीफिकेशन करवाने के आदेश जारी किए हैं तो तभी से नटरवरलाल राजनीतिक आकाओं की शरण ले रहे हैं। उनका मानना है कि जैसे तैसे कर फिजिकल वैरीफिकेशन को रोक दिया जाए तो उनकी दुकानदारी चलती रहेगी।

दूसरे प्रदेशों से बनवाए हैं अनुभव प्रमाण पत्र

ऐसा बताया जा रहा है कि सैकड़ों युवाओं ने दूसरे प्रदेशों से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल कर ली है। इन नटवरलालों ने जैसे-तैसे कर डाक के माध्यम से अनुभव प्रमाण पत्र का वैरीफिकेशन करवा दिया है, लेकिन अब फिजिकल वैरीफिकेशन में इनकी पोल खुलती नजर आ रही है।

ये होंगे जांच कमेटी में शामिल

1 आईटीआई की प्रधानाचार्य या वर्ग अनुदेशक इंचार्ज

2 आईटीआई का वरिष्ठ वर्ग अनुदेशक या वर्ग अनुदेशक

3 आईटीआई का अधीक्षक या वरिष्ठ कर्मचारी 

आईटीआई के जिला नोडल अधिकारी एवं राजकीय आईटीआई कैथल के प्राचार्य सतीश मच्छाल ने बताया कि निदेशालय द्वारा कर्मचारियों की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए कमेटियां गठित कर दी गई हैं जो कर्मचारियों के दस्तावेजों की संबंधित फर्म या प्रतिष्ठान में फिजिकल तौर से जाकर जांच करेंगी। 

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Content Editor

Saurabh Pal

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