सब कुछ देख रहा हूं कौन अपने उत्तरदायित्व का कितना निर्वाह कर रहा, सभी का हिसाब करेंगे: विज

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 07:16 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा आज पड़ोसी राज्य दिल्ली के कारण बड़े संकट का सामना करने को मजबूर है। दिल्ली से बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज हरियाणा के अस्पतालों की ओर भाग रहे हैं। जिसके कारण प्रदेश में संक्रमण ने बहुत रफ्तार पकड़ी है। प्रदेश में आज एक लाख से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं और आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लगभग 15000 मरीज रोज नए मिल रहे हैं। हालातों के मद्देनजर प्रदेश सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं। वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मरीजों की हालत को देखते हुए काफी भावुक है। 

इन गंभीर हालातों में स्वास्थ्य मंत्री दिन रात जागकर खुद मॉनिटरिंग करने में लगे हैं। प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं निकाय मंत्री अनिल विज से पंजाब केसरी ने विशेष मुलाकात की। जिसमें मुनाफाखोरी और कालाबाजारी के खेल पर उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि उनके द्वारा तय रेट से ज्यादा जो भी प्राइवेट अस्पताल या अन्य व्यक्ति किसी मरीज से ज्यादा पैसे ठगेगा तो उसके खिलाफ जो भी सख्त कार्रवाई हो पाएगी वह करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ विभाग भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह सही ढंग से नहीं कर रहे। लेकिन वह सब कुछ देख रहे हैं और समय आने पर उनका भी हिसाब करेंगे। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-
 



प्रश्न:- क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि लॉकडाउन लगाने में देरी हुई है ?
उत्तर:- वास्तव में हम लॉकडाउन लगाना ही नहीं चाहते थे। हम चाहते थे कि लोग कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करें। लेकिन हमने देखा कि तमाम कदम उठाने के बावजूद, तमाम पाबंदियों के बावजूद लोगों ने कोरोना के नियमों का पालन सही से नहीं किया। जिसकी वजह से संक्रमण बहुत तेजी से फैला और आज हरियाणा में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या एक लाख से भी पार हो गई है और रोजाना इस संख्या में 15000 का इजाफा हो रहा है। हमें मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा है। क्योंकि हमें कोरोना की चैन को तोड़ना चाहते हैं। हमारे पास पर्याप्त इंतजाम हैं। सारा प्रशासन-सारी सरकार लगी हुई है, लेकिन इसकी रफ्तार को रोकना, इसकी चैन को तोड़ना बहुत जरूरी था। इसलिए लॉकडाउन लगाना पड़ा।

प्रश्न:- क्या इस स्थिति को हेल्थ की इमरजेंसी भी माना जा सकता है ?
उत्तर:- इतनी बड़ी आपदा कभी नहीं आई। यह एक तरह से सुनामी है। जैसे सुनामी में छोटे-बड़े पेड़ गिर जाते हैं। वैसे ही हालात बने हुए हैं। उसके बावजूद हम डटकर मुकाबला कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि सभी मरीजों को सभी सुविधाएं और ट्रीटमेंट मिले और एक भी जिंदगी न जाए। ऐसा हमारा प्रयास है।

प्रश्न:- सेना ने पिछली वेब में भी बड़ी भूमिका निभाई। इस वेब में भी अंबाला, चंडीगढ़ में सेना ने अपने अस्पतालों में मरीजों को देखना अलाउड किया। क्या अस्थाई अस्पताल भी इनके साथ मिलकर बनाए जाएंगे ?
उत्तर:- इन्होंने कहा था कि हम बनाएंगे। लेकिन अभी तक कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं आया है। अलबत्ता हम अपने संसाधनों से पानीपत और हिसार में 500 500 बेड के 2 अस्पताल बना रहे हैं। जहां ऑक्सीजन के प्लांट हैं ताकि पाइप से गैस की सप्लाई की जा सके। बकायदा हमने डॉक्टर्स की ड्यूटी लगानी शुरू कर दी है। मैनपावर का भी हम इंतजाम कर रहे हैं। मैंने आईएमए से भी अपील की है कि वह अपने डॉक्टर्स दें। हम डॉक्टरों की और पैरामेडिकल स्टाफ की अडॉप्ट भर्ती कर रहे हैं। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इन जिलों के साथ-साथ बाकी जिलों में भी जहां-जहां अतिरिक्त बेड कैपेसिटी बढ़ा सकते हैं वहां बढ़ाएं।



प्रश्न:- कौन-कौन से जिलों मे सर्वाधिक मरीज आ रहे हैं। क्या मुख्य कारण दिल्ली ही है ?
उत्तर:- शुरु-शुरु में तो दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत में ज्यादा मरीजों की संख्या थी। लेकिन अब तो सारी जगह ही संक्रमण फैलता जा रहा है और लगभग अनुमान के हिसाब से 70-80 फ़ीसदी मरीज इन अस्पतालों में दिल्ली से है। लेकिन कोई भी है हम अपनी क्षमता के अनुसार सबका इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रश्न:- क्या आज प्रदेश के पास पर्याप्त ऑक्सीजन है या अभी भी कमी है ?
उत्तर:- जितनी हमें चाहिए उतनी नहीं मिल पा रही। लेकिन जितनी भी मिल रही है वह सभी जगह पर बांटी जा सके इसके लिए बकायदा हमने एक टीम खड़ी की है जो सारा दिन इसकी मॉनिटरिंग करती है। मैं भी इसको देखता हूं कि कहां से-कौन सा ट्रक चल पड़ा, कौन सा खराब हो गया। मशीनरी है खराब भी हो सकती है। इस समय ज्यादा लोड के कारण प्लांट तक गर्म होने के कारण बंद हो जाते हैं। इस प्रकार की काफी दिक्कतें सामने आ आ रही है। लेकिन हमारी पूरी टीम एक्टिव रहती है। कहीं भी कोई भी दिक्कत आने पर उस परेशानी को किसी और जगह से पूरा करने की कोशिश हम करते हैं।

प्रश्न:- 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन लगाई जानी थी। उसमें क्यों डिले हुआ। आज वैक्सीन की स्थिति क्या है ?
उत्तर:- 1 मई को वैक्सीन दोपहर को पहुंची थी। 2 मई से हमने लगानी शुरू कर दी थी। सारे हरियाणा में इंजेक्शन लग रहे हैं।

प्रश्न:- होम क्वारंटाइन वाले मरीजों तक घर में ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था क्या है ?
उत्तर:- अगर कोई डॉक्टर की रिकमेंडेशन से होम क्वारंटाइन है तो उसको ऑक्सीजन मिलेगी। क्योंकि हमें यह भी देखना है कि लोग आवश्यकता न होने पर होल्डिंग ना करें।



प्रश्न:- एमआरआई, सिटी स्कैन, टेस्टिंग, बेड, ऑक्सीजन इत्यादि के नाम पर प्रदेश में प्राइवेट अस्पताल मरीजों के साथ ठगी कर रहे हैं। क्या इस पर भी आपकी नजर है ?
उत्तर:- हमने हर चीज के रेट तय कर रखे हैं और मैंने सभी अधिकारियों को कहा है कि वह इस चीज को चेक करें कि इस आपदा के समय में कोई मुनाफाखोरी करने की तो कोशिश नहीं कर रहा। हमने कुछ लोगों को अंदर भी किया है जो रेमडेसिवर महंगे दामों पर बेच रहे थे। उसी प्रकार से आप के माध्यम से भी सबको कहना चाहता हूं कि इस मामले में मैं बहुत सख्त हूं। जो रेट तय किए हैं अगर कोई उससे ज्यादा चार्ज करेगा तो उसके खिलाफ जो भी सख्त से सख्त कार्रवाई हो सकेगी वह मैं करूंगा।

प्रश्न:- कांग्रेस आरोप लगा रही है कि ऑक्सीजन, बेड या रेट इत्यादि की स्थिति सरकार के हाथ से निकलती जा रही है ?
उत्तर:- कांग्रेसी विपक्ष में है और विपक्ष का काम है ऐसा बोलना। वह बोल रहे हैं, जबकि हमने उनको अपील की है कि आगे बढ़कर हाथ बढ़ाएं। आपदा का समय है। किसी न किसी प्रकार से मदद करनी चाहिए। बहुत चीजों की आवश्यकता होती है। बहुत लोग ऑक्सीजन जरनेटर से अरेंज कर रहे हैं। कुछ लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन कई लोग सिर्फ बातें ही कर रहे हैं।

प्रश्न:- 27 तारीख की मीटिंग में आपने 13 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें धारा 144 इत्यादि लगाना शामिल था। आखिर लापरवाही किस विभाग द्वारा रही। किसने अपना उत्तरदायित्व सही ढंग से नहीं निभाया ?
उत्तर:- अभी यह समय सही नहीं है। लेकिन मैं देख सब कुछ रहा हूं कि इस समय कौन अपने उत्तरदायित्व का कितना निर्वाह कर रहा है। समय आने पर सभी का हिसाब करेंगे।

प्रश्न:- क्या मास्क न लगाने का जुर्माना बढ़ाने का प्रावधान सरकार द्वारा किया जा रहा है ?
उत्तर:- मैंने एक सुझाव दिया था। लेकिन फैसले तो सबकी रजामंदी से होते हैं। मैंने कहा था कि मास्क न लगाने का जुर्माना कई प्रदेशों में दो हजार है। हम भी दो हजार कर दें और जो अधिकारी-कर्मचारी जुर्माना करेगा। उसे 10 फ़ीसदी इंसेंटिव दे दें। अगर हम ऐसा कर दें तो सारे हरियाणा में मास्क लग जाएगा। फिर कोताही नहीं बरती जाएगी।

प्रश्न:- हिसार-करनाल-पानीपत जैसे कई जिलों में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। इसमें आप किसे दोषी मानते हैं ?
उत्तर:- इसके लिए हमने सब जगह जांच कमेटियां बैठाई हैं, जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।



प्रश्न:- प्राइवेट हस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों से मनमानी के रेट वसूलना क्या उचित है?
उत्तर:- अस्पताल मरीजों को डिस्चार्ज नहीं करते या फिर मरीज अपने स्वार्थ के लिए डिस्चार्ज नहीं होना चाहते। ऐसे अस्पतालों का बैड ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए हर जिले में कमेटी बनाई जा रही हैं। कुछ निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से बैड के अधिक रेट लिए जा रहे हैं, साथ ही आटा, दाल और सब्जियों समेत खाद्य सामग्री के रेट भी तय किए जाएं और ज्यादा दाम पर बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 

अनिल विज ने कहा की आने वाले दिनों में हरियाणा के अंदर ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा की उन्हें अलग अलग ऐसी शिकायतें मिल रहीं हैं की प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। मानवता और पेशे के दृष्टिकोण से करना मरीजों से मनमाने दाम वसूलना उचित नहीं है। सरकार ने जो रेट निर्धारित कर रखें है उनके अनुसार ही पैसे लिए जाएं। 

एनएबीएच अस्पतालों में आइसोलेशन के लिए प्रति बेड दस हजार रुपये, नॉन एन ए बी एच हस्पतालों में आइसोलेशन बीएड अधिकतम आठ हजार रूपये, आईसीयू बेड बिना वेंटिलेटर के  नॉन एनएबीएच अस्पतालों में 13 हजार रूपये व एनएबीएच अस्पतालों में 15 हजार रुपये रेट तय हैं। आईसीयू वेंटिलेटर सहित  नॉन एनएबीएच हस्पतालों में 15 हजार रूपये व एनएबीएच अस्पतालों में 18 हजार रूपये प्रति दिन तय हैं। इस बारे में सभी उपायुक्तों को भी निर्देश दे दिए गए हैं कि वह निगरानी रखें।  

प्रश्न:- वैक्सीन कि क्या सही स्थिति है?
उत्तर:- हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि हमने केंद्रीय सरकार के माध्यम से 66 लाख वैक्सीन मांगी हुई हैं, जिनमें से कोविशील्ड 40 लाख व को-वैक्सीन 26 लाख शामिल हैं। हमे प्रतिदिन के हिसाब से वैक्सीन मिलेगी। सभी राज्यों की मांग बढ़ रही है, इसलिए वैक्सीन प्रतिदिन के हिसाब से मिलती रहेगी। 

प्रश्न:- मरीजों की बढ़ती स्पीड व स्टाफ की कमी से कैसे निपटेंगे?
उत्तर:- स्वास्थ्य विभाग में हम ऐडहोग भर्ती डॉक्टर्स, स्टाफ व पैरा मेडिकल स्टाफ की जल्दी करने जा रहे हैं। मरीजों की देखभाल के लिए हेल्थ स्टाफ की किसी तरह कमी न रहे के लिए हमारे प्रयास चल रहे हैं। जल्दी ही डायरेक्टर जरनल स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1400 एमबीबीएस या पीजी छात्रों की सर्विसिस सभी जिलों के सी एम ओस को दे दी जाएंगी। कोई भी एक भी कोरोना पेशेंट बिना बेड के न रहे के लिए एक्स्ट्रा बेड्स का इंतजाम किया जा रहा है। कोरोना की बढ़ती रफ्तार सरकार के लिए चिंता बनी हुई है। आए दिन अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या पर रोक लगाने के लिए अब सरकार ने आईएमए से साथ की अपील की है। 

आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद आईएमए के पदाधिकारियों के साथ वीसी की है। डॉक्टरों से बड़ी अपील करते हुए कहा कि अब प्रदेश में सरकार अस्पतालों और बेड्स की संख्या बढ़ाने जा रही है, लेकिन उन्हें चलाने के लिए स्टाफ की जरूरत है। ऐसे में बिना आईएमए के सहयोग के नए अस्पताल चलाना मुश्किल है। विज ने आई एम ए से अपील करते हुए कहा कि आई एम ए हर जिले में जितना संभव हो सके उतना स्टाफ मुहैया करवाए। ताकि प्रदेश में किसी मरीज की जान इलाज न मिल पाने की वजह से न जाए। 


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Content Writer

vinod kumar

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