सिरसा जेल में रेडियो पर जल्द सुनाई देगी 6 बंदियों की आवाज, आजीवन कारावास की काट रहे सजा

punjabkesari.in Saturday, Apr 17, 2021 - 04:55 PM (IST)

सिरसा(सतनाम): सिरसा जेल में रेडियो पर इसी जेल के छह बंदियों की आवाज जल्द सुनाई देगी। पहले नौ बंदियों का आॅडिशन लिया गया था और अब दूसरे दौर में आॅडिशन देकर छह बंदियों का चयन कर लिया गया है जो जेल रेडियो पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का संचालन करेंगे, जिनमें से चार बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

प्रदेश की तीन जेलों में तिनका-तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डा. वृतिका नंदा की संकल्पना से रेडियो संचालित हुए। इसी सात जनवरी में पानीपत, फरीदाबाद, अंबाला की सेंट्रल जेल में रेडियो स्टेशन का उद्घाटन हुआ है। जेल मंत्री रणजीत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा व जेल महानिदेशक के सरलराज ने इन रेडियो स्टेशनों का उद्घाटन किया। अब दूसरे चरण में रोहतक, गुरुग्राम व केंद्रीय कारागार प्रथम हिसार को शामिल किया गया। तीसरे चरण में सिरसा, सोनीपत, जींद, झज्जर व यमुनानगर जेल को शामिल किया गया है।

2019 में आगरा जेल से हुई थी शुरूआत
जेल अधीक्षक शेर सिंह ने बताया कि तिनका-तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डा. वृतिका नंदा ने 2019 में आगरा जेल से जेल रेडियो की शुरूआत की थी। तिनका मॉडल आफ प्रीजन रिफार्म के तहत जेलों में रेडियो लाए जाने का संगठन काम कर रहा है। वृतिका नंदा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कालेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं और बंदियों के सुधार के लिए कार्यक्रम चला रही हैं।

मई के प्रथम सप्ताह में हर बैरक में ये है रेडियो जेल सुनाई देगा
जेल अधीक्षक ने बताया कि तिनका-तिनका फाउंडेशन के सहयोग से जेल रेडियो की तैयारियां चल रही हैं। साउंड प्रूफ कमरा बनाया जा रहा है। प्रत्येक बैरक तक उपकरण लगाए जा रहे हैं। यह रेडियो स्टेशन केबल के माध्यम से संचालित होगा। फ्रिक्वेंशी पर आधारित नहीं है। जेल की सभी 18 बैरक में कार्यक्रम सुनाई देगा। सुबह-शाम दोनों वक्त कार्यक्रम प्रसारित होगा।

नशा जागरूकता पर रहेगा फोकस
जेल अधीक्षक शेर सिंह ने बताया कि सिरसा जेल में इस समय एक हजार बंदी हैं। जिनमें से आधे से ज्यादा नशा तस्करी के मामले में जेल आए हैं। डा. वृतिका नंदा के प्रयास से अब नशा विरोधी जागरूकता मुहिम को चलाएंगे। बंदियों के सुधारीकरण को लेकर वे पहले से कार्य कर रहे हैं और नशा मुक्ति के इस अभियान में भी उनका संगठन मिलकर काम करेगा। रेडियो के कार्यक्रम इस तरह से तय किए जाएंगे कि उसका मुख्य फोकस ही नशा जागरूकता पर हो। प्रेरक प्रसंग, संस्मरण व उन कहानियों को भी सम्मिलित किया जाएगा जो छोटी सी बात जीवन बदलने में महत्वपूर्ण हो। बंदी यहां से निकले तो अच्छे रास्ते पर चले।

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Content Writer

Isha

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