Haryana Weather Update: हरियाणा में मौसम ने बदला रुख, 17 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का पारा, यहां जानें अपने शहर का हाल

punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 08:33 AM (IST)

डेस्कः हरियाणा में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। राज्य के कई हिस्सों में तापमान गिरकर 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। फरीदाबाद समेत कई जिलों में रात की ठंड बढ़ गई है। वहीं, बारिश के चलते खेतों में नमी बनी हुई है, जिससे रबी की फसलों की बुआई के लिए यह मौसम अनुकूल साबित हो रहा है।

फरीदाबाद में बढ़ा प्रदूषण, एक्यूआई फिर ‘खतरनाक’

दूसरी ओर, फरीदाबाद में दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है। खासकर बल्लभगढ़ क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में अचानक उछाल देखा गया है। शुक्रवार को यहां AQI 258 तक पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले यह केवल 162 था। शहर में लगी प्रदूषण मापने वाली कई मशीनें लगातार खराब हो रही हैं, जिससे सटीक डेटा लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। रविवार को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक बल्लभगढ़ का AQI वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हो सका। सेक्टर 16-A की मशीन भी काम नहीं कर रही थी। हालांकि सुबह 9 बजे तक बल्लभगढ़ में पीएम 2.5 का स्तर 185 और पीएम 10 का स्तर 150 रिकॉर्ड किया गया।

तापमान में गिरावट, ठंडी रातें शुरू

हरियाणा में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हिसार, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में रात का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अक्टूबर के पहले नौ दिनों में ही करीब 30 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि आमतौर पर इस अवधि में केवल 4 मिमी बारिश होती है। इस बार बारिश सामान्य से 64.9% अधिक हुई है। 2004 के बाद यह पहली बार है जब अक्टूबर में इतनी अधिक वर्षा दर्ज की गई। तब पूरे महीने में 58.4 मिमी बारिश हुई थी।

रबी फसलों के लिए अनुकूल मौसम

बारिश के बाद तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। महेंद्रगढ़ की रात सबसे ठंडी रही, जहां न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री दर्ज किया गया। ठंडी रातों के चलते लोगों ने कूलर और एसी का इस्तेमाल बंद कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ने के बाद 14 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा। दिन में हल्की धूप और रात में ठंड का यह मौसम रबी फसलों की बुआई के लिए उपयुक्त है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को इस समय सरसों, चना और गेहूं जैसी रबी फसलों की बुआई कर देनी चाहिए, ताकि फसल की पैदावार बेहतर हो।


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Content Editor

Deepak Kumar

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