असंध-सोहना-दादरी-गोहाना और मानेसर को जिला बनाने की मांग क्या होगी पूर्ण?

punjabkesari.in Sunday, Oct 22, 2023 - 06:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : आजादी के बाद से देश में कभी पृथक राज्‍य तो राज्‍यों में अलग जिले बनाने की मांग उठती रही है। कई बार सरकारों ने मांग को मानते हुए नए राज्‍यों की स्‍थापना की तो कभी नए जिलों में मंजूरी दे दी। राजस्‍थान में 23 नए जिले बनाने के बाद हरियाणा में भी नए जिले बनाने की न केवल मांग हो रही है, वहीं सरकार भी इस तरफ कदम उठाने के बारे में विचार करती दिखाई दे रही है। असंध, सोहना, दादरी, गोहाना और मानेसर को जिला बनाने  की मांग क्या पूर्ण होगी।

राजस्थान से छोटे प्रदेश छत्तीसगढ़ व गुजरात में 33-33 जिले हो गए हैं। छत्तीसगढ़ में 9 लाख की आबादी पर एक जिला है। हरियाणा में 13 लाख की आबादी पर एक जिला है। मध्य प्रदेश में 52 जिले हैं। राज्‍य में 15 लाख की आबादी पर एक जिला है। सियासी दल ही नहीं, सामाजिक संगठन व आम लोग भी जिलों की मांग में सुर मिलाने से पीछे नहीं रहते। मध्‍य प्रदेश में तो लोगों के साथ सत्तापक्ष के विधायक भी नए जिले की मांग में शामिल हो गए थे। कमोबेश यही हाल राजस्‍थान का भी रहा।

अलग प्रदेश की स्थापना के वक्त यहां केवल 06 जिले थे। उसके बाद नए जिले बनते गए और आज इनकी संख्या बढक़र 22 हो चुकी है। अभी 5 नए जिले बनाए जाने की चर्चाएं छिड़ी हुई हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ कस्बों को जिला बनाने की घोषणा की। हांसी और डबवाली को पुलिस जिला पहले ही बना दिया गया।

हरियाणा में कुल 24 पुलिस जिला मुख्यालय हैं। 22 जिले मुख्यालय एक-एक सभी 22 जिलों में तथा शेष 2 हांसी, हिसार तथा मानेसर गुरुग्राम में। अब असंध, सोहना, दादरी, गोहाना और मानेसर को जिला बनाने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यह अलहदा बात है कि सरकारी तौर पर इस तरह की घोषणा नहीं हुई है। छोटे स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था के पहुंचने से हालांकि लोगों के काम आसान होते हैं और उनके खर्च घटते हैं, परंतु नए जिलों के गठन से सरकार पर भारी भरकम बोझ पड़ता है। जिससे विकास प्रभावित होता है।

केवल सियासी लाभ लेने की गर्ज से जिलों का गठन किया जाना जनता के गले नहीं उतरता। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में भी नए जिलों का गठन किया गया। जबकि चौ. बंसीलाल, भजनलाल व ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में भी नए जिले बनाने का सिलसिला चला।

नए जिले बनाए जाने से उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, सेशन जज समेत तमाम प्रशासनिक मूवमेंट बढ़ती है जिससे भारी भरकम खर्च सरकार को उठाना पड़ता है। चुनाव के वक्त में राजस्थान सरकार ने अनेक नए जिलों का गठन करने की घोषणा करके बाकी प्रदेशों के लिए चर्चा शुरू कर दी। देवीलाल ने भी 1987 से 1990 के मध्य 4 जिले बनाये थे। इस तरह की घोषणाओं में जनता भी शामिल हो जाती है। फतेहाबाद, झज्जर व चरखी दादरी को जिला बनाने के पीछे मकसद समझ नहीं आता, जबकि यहां जिलों जैसी कोई बात नहीं है। हरियाणा छोटा सा प्रदेश है, जहां का पूरा चक्कर एक दिन में लग जाता है। कभी 6 जिलों से काम चल रहा था लेकिन अब 22 जिलों के बाद भी और जिले बनाने की मांग उठ रही है।

अगर हरियाणा के अंदर नए जिले बनाए जाते हैं तो जो नए जिले बनेंगे वहां पर प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ होगी तथा आला अधिकारी जिला मुख्यालय पर मौजूद रहेंगे। यही व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया के अंदर रहेगी तथा जिला सेशन जज की अदालत भी वहां खुलेंगे तथा बनेगी। कांग्रेस के विधायक शमशेर सिंह गोगी  ने बताया की उन्होंने ढाई साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर असंध को जिला बनाने की मांग रखी। इसी के साथ दस अन्य मांग भी  सीएम के समक्ष रखी।

इनमें असंध-करनाल मार्ग से टोल टैक्स को हटाकर जींद की सीमा पर लगाए जाने की मुख्य मांग है। उन्होंने सीएम को लिखित में मांग की है कि जिस प्रकार चरखी दादरी, हांसी, गोहाना को दूसरे जिलों से कम दूरी होने पर भी जिला बनाया गया है। इसी तरह असंध चार जिलों जींद, कैथल, पानीपत, करनाल से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसलिए असंध को भी जिला बनाया जाए। मानेसर एक शहर और नगर निगम है, जो भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम जिले में न्यू गुरुग्राम शहर के रूप में जाना जाता है और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक हिस्सा है।

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Content Writer

Saurabh Pal

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