भजनलाल-सुषमा स्वराज जैसे कद्दावर नेताओं को भी करनाल के मतदाता चटा चुके हैं धूल, खट्टर रचेंगे इतिहास ?

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2024 - 07:16 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): महाभारत के प्रसिद्ध राजा कर्ण की नगरी करनाल आज हरियाणा में लोकसभा की सबसे हॉट सीट बनी हुई है, क्योंकि यहां भाजपा के उम्मीदवार हाल ही में मुख्यमंत्री का पद त्यागने वाले मनोहर लाल हैं। यह लोकसभा क्षेत्र जीटी रोड मार्ग पर चंडीगढ़-दिल्ली के मध्य में स्थित है, इसका विशेष महत्व इसलिए भी रहा है कि राजनीतिक रूप से देश- प्रदेश की राजधानी में बैठने का सौभाग्य भी यहीं से होकर निकलता है।

कांग्रेस का करनाल में रहा है दबदबा

इतिहास की बात करें तो यहां जनता सदा से पार्टी को महत्व देती नजर आती रही है। कांग्रेस पार्टी का यहां लगभग दबदबा रहा है। नौ बार कांग्रेस के उम्मीदवारों ने यह सीट जीती है। फिलहाल पिछली दो बार लगातार 2014- 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की। 1952 से 2019 तक इस सीट पर 18 बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं। फिलहाल एक मजबूत उम्मीदवार मनोहर लाल के रूप में भाजपा ने उतारा है। एक बड़ी आबादी पंजाबी खत्री समाज की होने तथा गुजराती मानुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के कारण राजनीतिक पंडित इनकी जीत को तय बता रहे हैं।

1998 में यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन 1999 में उन्हें आईडी स्वामी से मात मिली थी। बता दें कि करनाल उत्तर भारत में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां एक महत्वपूर्ण अनुसंधान केंद्र होने के अलावा कई दिलचस्प स्मारक और इमारतें मौजूद हैं। आप कोस मीनार, प्राचीन देवी मंदिर, काला आम्ब, कलंदर शाह का मकबरा, कर्ण ताल (झील) और बाबर की मस्जिद जैसे यहां कई घूमने लायक स्थल है। यह एक औद्योगिक जिला भी है। जिसकी स्थापना राजा कर्ण द्वारा की गई थी। 

पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल को नाकार चुकी है करनाल लोकसभा

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राजा कर्ण की नगरी करनाल लोकसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं है कर्ण जैसे दानवीर

अगर करनाल लोकसभा की बात करें तो यहां की जनता ने बड़े-बड़े नेताओं के घमंड को चकनाचूर भी किया है। राजनीति की पीएचडी करें लोगों को यहां धराशाही करके घर भेजने का काम कई बार देखने को मिला है। पूर्व में तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल को 1999 में आईडी स्वामी के हाथों बुरी तरह से मात मिली थी। वहीं देश का बड़ा चेहरा रही बेहद बेबाक महिला नेत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज को करनाल लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने तीन बार 1980 -1984 -1989 में निराश किया। ऐसे में यह तो साफ कहा जा सकता है कि कर्ण नगरी क्षेत्र के मतदाता कर्ण जैसे दानवीर नहीं है जो किसी भी उम्मीदवार की झोली में बिना कुछ देख वोट दे डालें। 

  पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज को भी करनाल वासियों ने नकारा 

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करनाल सांसद रहने का किसे-किसे मिला सौभाग्य ?

1952 में वीरेंद्र कुमार सत्यवादी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से यहां के पहले सांसद बने थे। 1957 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से ही सुभद्रा जोशी सांसद बने। 1962 में भारतीय जन संघ से स्वामी रामेश्वरानन्द की करनाल लोकसभा से जीत हुई थी। 1967 और 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से माधोराम शर्मा यहां के सांसद बने। जनता पार्टी से 1977 में भगवत दयाल शर्मा और 1978 में मोहिंद्र सिंह सांसद बने। कांग्रेस पार्टी से ही चिरंजी लाल शर्मा लगातार चार बार 1980 -1984 -1989 -1991 में यहां से सांसद चुने गए। 1996 में भारतीय जनता पार्टी के ईश्वर दयाल स्वामी करनाल से जीतकर संसद पहुंचे थे। 1998 में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर यहां से सांसद बने थे। 1999 में फिर से ईश्वर दयाल स्वामी भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर भजनलाल को हराकर चुनाव जीते। 2004 और 2009 में लगातार दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से डॉक्टर अरविंद शर्मा इस क्षेत्र के सांसद बने। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के अश्विनी चोपड़ा सांसद बने। 2019 में संजय भाटिया यहां के सांसद चुने गए। 

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क्या कहते हैं यहां के जातिगत समीकरण ?

करनाल लोकसभा सीट पर कुल मतदाता 18 लाख 21हजार 231 है, जिसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,74,840 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 8,46,382 है। अगर जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे अधिक आबादी जाट व पंजाबी खत्री मतदाताओं की है। दूसरे नंबर पर यहां ब्राह्मण और रोड जाति लगभग बराबर की संख्या में है। ओबीसी वोट 24 फ़ीसदी तथा शेड्यूल कास्ट वोट लगभग 21 फीसदी संख्या में यहां लगभग है। पंजाबी खत्री पर दाव खेलकर भारतीय जनता पार्टी ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। पिछली 2 बार से लगातार पंजाबी उम्मीदवारों ने यहां से जीत दर्ज की है। 

किस जाति के कितने वोटर

जाट : 1,96,325
ब्राह्मण : 1,39,574
पंजाबी : 1,69,613
रोड : 1,06,261
जाटव : 1,36011
राजपूत : 74,027
जट सिख : 83,888
बनिया : 61,823
गुर्जर : 56,326
झीमर : 79,156

लोकसभा क्षेत्र करनाल की विधानसभाओं में किसके- कितने विधायक ?

करनाल लोकसभा में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र मौजूद है। जिसमें नीलोखेड़ी और इसराना आरक्षित सीट है। इंद्री, करनाल, घरौंडा, असन्ध, पानीपत ग्रामीण, पानीपत शहर और समालखा भी इसी लोकसभा क्षेत्र के हिस्सा है। 2019 विधानसभा चुनाव में इन 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 (इंद्री- करनाल- घरौंडा- पानीपत शहर- पानीपत ग्रामीण) पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी। 3 विधानसभा क्षेत्रों (असन्ध- इसराना- समालखा) के मतदाताओं ने कांग्रेस में अपना विश्वाश जताया था। वहीं 1 सीट (नीलोखेड़ी) से निर्दलीय प्रत्याशी जीता था। 

दिल्ली जा पाएंगे मनोहर लाल ?

वहीं बता दें कि सूत्रों के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा ने अंदरूनी सर्वे कराया था। भाजपा के इस अपने सर्वे में मनोहर लाल खट्टर के 10 वर्षों की एंटी इनकबेंसी देखने को मिली। मनोहर लाल के खिलाफ जनता ने खूब नाराजगी जाहिर की। इसके बाद रिकवरी के लिए मनोहर लाल ने हर जिले में जनसंवाद जैसे कार्यक्रम चलाए, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस बनी रही। सूत्रों के मुताबिक सर्वे में इस कदर नारजगी आई कि मनोहर लाल की करनाल विधानसभा सीट भी फंस सकती थी। इसके बाद प्रदेश में एक बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद भाजपा ने नयाब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। इसके बाद मनोहर लाल को करनाल से लोकसभा का टिकट दिया। वहीं दूसरी तरफ संजय भाटिया जिन्होंने 2019 में करीब 7 लाख वोट के अंतर से विजयी हुए थे। ऐसे में देखना होगा कि क्या करनाल लोकसभा वासी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिल्ली भेजेंगे? 

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Content Editor

Saurabh Pal

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