हरियाणा के फार्मासिस्टों के हक के लिए कभी भी नहीं दबूंगा: केसी गोयल

punjabkesari.in Saturday, Apr 23, 2022 - 04:57 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल के पूर्व प्रधान केसी गोयल ने बताया कि हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल एक स्वचालित संस्था है। यह हरियाणा और केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर काम करती है। मरीजों को दवाई देने में केवल फार्मासिस्ट की ही भूमिका है। डाक्टर भी मरीज को दवाई नहीं दे सकता। डी फार्मा से लेकर पीएचडी तक सभी को फार्मेसी कौंसिल रजिस्टर्ड करती है। कौंसिल में रजिस्ट्रार लगाने का अधिकार केवल फार्मेसी कौंसिल को ही है। लेकिन आज तक सरकारें ही रजिस्ट्रार नियुक्त करती रहीं। जब जब वह कौंसिल का प्रधान बना, तो मैंने पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका नंबर 23687/15 लगाकर सेक्शन 26 में रजिस्ट्रार लगाने के लिए 8 महीने का समय दिया। इसके बाद मुझे एक उस समय के एसीएस स्वास्थ्य विभाग ने बुलाया और कहा कि एक व्यक्ति को रेगुलर रजिस्ट्रार नियुक्त किया जा रहा है। जिस पर मैंने इंकार कर दिया और 22 अगस्त 2017 को मुझे झूठाकर बनाकर निलंबित कर दिया गया। मैंने अपने प्रधान पद से निलंबन को सीडब्ल्यूपी के माध्यम से माननीय हाईकोर्ट में चुनौती दी।लेकिन उन्हें प्रधान पद से केवल निलंबित ही किया गया था, बर्खास्त नहीं किया गया था। इसलिए सरकार मेरे स्थान पर किसी को प्रधान नियुक्त नहीं किया जा सकता था।

फार्मेसी कौंसिल के पूर्व प्रधान केसी गोयल ने सी एम से अपील करते हुए बताया कि   1 मार्च 2019 को कौंसिल की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई, जिसको प्रधान एवं उपप्रधान का चुनाव करने का कोई भी अधिकार नहीं है। इस मीटिंग में चुनाव के लिए कोई भी प्रस्ताव ना पेश  किया गया और ना पास किया गया। मीटिंग में तीनों सरकारी अधिकारी मनोनीत सदस्य हाजिऱ थे। जबकि धनेश अदलखा हाजिऱ नहीं थे, लेकिन सरकार को धोखे में रखा गया। 1 मार्च 2019 की मीटिंग की कार्यवाही बदलकर लिखा गया कि धनेश अदलखा को प्रधान व सोहन लाल कंसल को उपप्रधान चुना गया है। तीनों ही सरकारी अधिकारी हाजिर नहीं लिखा गया। धनेश अदलखा जोकि बैठक में हाजिर नही थे, उन्हें बैठक में हाजिर दिखा दिया गया। सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में सरकार ने यह भी लिखकर दिया है कि 6/3/19 के बाद कभी भी सरकार सोहन लाल कंसल को कौंसिल प्रधान एवं रजिस्ट्रार नियुक्त नहीं किया गया।

फार्मेसी कौंसिल के पूर्व प्रधान केसी गोयल ने बताया कि धनेश अदलखा ने प्रधान पद पर रहते हुए निर्देश दे दिए कि हरियाणा के बाहर से 12वीं या फार्मेसी करने वाली की हरियाणा में रजिस्ट्रेशन नहीं की जाएगी।  धनेश अदलखा जोकि 1 मार्च 2019 की मीटिंग में हाजिऱ ही नहीं था, को प्रधान व सोहन लाल कंसल जिसको 27 अगस्त 2018 को ही प्रधान नियुक्त किया गया था, जिसकी अध्यक्षता में ही 1 मार्च 2019 की मीटिंग बुलाई गई, को उप-प्रधान नियुक्त करते हुए कौंसिल कार्यालय को निजी दुकान बना दिया गया।  जनरल बॉडी की बैठक तुरंत बुलाकर धनेश अदलखा की कार्यवाही पर ब्रेक लगानी चाहिए।

 


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Content Writer

Isha

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