दवाई लेने गई महिला को अस्पताल से मिली प्रेरणा, घर आकर किया ये नेक काम

punjabkesari.in Sunday, May 17, 2020 - 01:48 PM (IST)

बहादुरगढ़(प्रवीण धनखड़)- कोरोना से बचाव के लिए आमजन की मदद करने के लिए देश का हर नागरिक जुटा है। कोई असहाय को खाना खिलाने व किसी ने दवाईयां और सेनेटाइजर वितरित करने के अलावा कोरोना योद्धाओं का सम्मान करने की मुहिम शुरू कर रखी है। ऐसे में भीड़भाड़ वाले चेहरों मेें कुछ चेहरे ऐसे भी है जोकि स्वयं अपनी जिंदगी का गुजर-बसर मेहनत-मजदूरी के साथ कर रहे है,लेकिन इस संकट की घड़ी में वह किसी की मदद करना भी नहीं भूलते।
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ऐसा ही एक चेहरा है झज्जर के गांव तलाव की महिला बाला देवी का। बाला देवी की माने तो वह लॉक डाउन शुरू होने से पहले झज्जर व रोहतक मैडिकल में दवाई लेने के लिए गई थी। इसी दौरान उन्हें वहां मौजूद चिकित्सकों को डेली यूज में प्रयोग करने वाले मॉस्क लगाए देखा। कई चेहरे वहां पर ऐसे भी थे कि उन्होंने अपने मुंह को ढकने के लिए गमछे का सहारा लिया हुआ था। इसी बात से प्रेरणा लेकर वह जब घर पहुंची तो उन्होंने अपनी संदूक से वह पुराने
कपड़े निकाले जोकि मॉस्क बनाने के लिए न सिर्फ क्वालिटी वाईज अच्छे थे,बल्कि उन्हें उपयोग भी कई माह तक किया जा सकता था।

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इसी के चलते उन्होंने इन्हीं पुराने कपड़ों से मॉस्क बनाकर उन्हें जरूरतमंदों के अलावा ईंट-भ_ों पर जाकर वितरित किया और उन्हें इस बीमारी से बचाव के टिप्स दिए। बाद में उन्होंने अपने द्वारा बनाए गए इन मॉस्क व कार्यक्रम को जब सोशल मीडिया पर डाला तो उन्हें सोनीपत की एक कम्पनी से मॉस्क बनाने का आर्डर मिल गया। बाला देवी अपने घर में ही सिलाई का काम करती है और इसी से अपने परिवार की जिदंगी को आगे बढ़ाती है। लेकिन इन दिनों वह न सिर्फ आर्डर पर मॉस्क बना रही है,बल्कि अपने पुराने कपड़ों से भी मॉस्क बनाकर जरूरतमंदों को वितरित कर रही है। बाला देवी का कहना है कि उनका मकसद केवल लोगों को महामारी से बचाना है।बाइट- महिला बाला देवी 

 

 

 


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Isha

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