भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है : विज
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 06:00 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि आज महिलाएं पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का जो संकल्प लिया है उसमें महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है। विज आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर अंबाला के खुखरैन भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और जीवन में श्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं को आज याद किया जाता है। आज सभी सरकारें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। हमारे देश की राष्ट्रपति और दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला है जो गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि आज हरियाणा सरकार 35 श्रेष्ठ महिलाओं को सुषमा स्वराज अवार्ड से सम्मानित कर रही है जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर कार्य किए हैं। हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को 2100 रुपए प्रतिमाह देने का फैसला किया है।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने अपने जीवन में ज्ञान बांटा है और कई लोग आज उनके बताए रास्ते पर चल रहे हैं। वह कृष्णा दीदी को अपने दिल की गहराईयों से श्रद्धांजलि देते हैं। आज हम कृष्णा दीदी की याद में यहां पर एकत्रित हुए हैं। कृष्णा दीदी से वह कई बार मिले और उन्होंने उनके चेहरे पर हमेशा शांति व खुशी का भाव देखा है, उनमें परमात्मा के गुण झलकते थे।
ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि ब्रह्माकुमारी के हिंदुस्तान में पांच हजार से ज्यादा केंद्र है जो शांति और ज्ञान का संदेश रहे हैं। ज्ञान का दान देना हमारी प्रवृति में होना चाहिए। उन्होंने नदी का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार नदी का जल एक राही ने पिया तो कहा कि नदी तेरा जल बहुत मीठा है, तो नदी ने कहा कि मैनें बहुत दूर जाना है, तू सागर से जाकर पूछ। इस पर राही ने सागर से जाकर पूछा कि तेरा जल कड़वा और नदी का जल मीठा क्यों है। इस पर सागर ने जवाब दिया कि नदी एक हाथ लेती है और दूसरे हाथ देती है, मगर मैं केवल लेता हूं देता कुछ नहीं, इसलिए मेरा जल कड़वा है। मंत्री अनिल विज ने कहा कि इसलिए हमें अपना जीवन मीठा बनाने के लिए मानव सेवा के लिए कुछ करना चाहिए, जैसाकि ब्रह्माकुमारी द्वारा किया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कृष्णा दीदी को याद करते हुए कहा कि याद उन्हीं की मनाई जाती है जो अपना जीवन रहते अपने कार्यों, अपने चरणों के निशान बनाए। जो दूसरों के लिए रास्ता दिखाते रहे, ऐसे महापुरूषों की याद मनाई जाती है।
वैसे कहा गया है “यज्ञ दृष्टम, तद नष्टम“ यानि जो कुछ भी नजर आता है वह सब एक न एक दिन नष्ट होना है। मनुष्य के लिए कोई न कोई आयु सीमा है और जो आया है वो जाएगा जरूर। मगर, जो जीवन मिला उसका एक मकसद है, जीवन मिला है आत्मा को परमात्मा में विलीन करने के लिए। जब तक मनुष्य को ठीक रास्ता नहीं मिलता वो सारी जिंदगी भटकता है और वह मकसद से दूर हो जाता है। यदि उसे ठीक रास्ता मिल जाता है तो उसके चेहरे पर शांति आती है। शांति पर परमात्मा का एकाधिकार है। यह कहीं और नहीं, कुछ करने से नहीं मिल सकती। यह शांति उसे मिलती है जिसने परमात्मा को समझ लिया व पहचान लिया हो।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमारा जो मन है हमें उसे साधने एवं नियंत्रित करने की आवश्यकता है। वह कई प्रकार के लोगों से मिलते हैं और सारा दिन लोगों के चेहरे पर अलग-अलग प्रकार की चिंताएं देखते हैं। आज मनुष्य लोभ, मोह व अहंकार में फंसा है, अगर उसने ठीक रास्ता अपना लिया तो वह उसे आगे ले जाता है। उन्होंने कहा कि आप परमात्मा को हर समय याद करें तो आपके सभी कार्य स्वयं ही पूर्ण होंगे। इस पर उन्होंने एक साधु और जिन्न की एक कहानी सुनाते हुए उदाहरण भी दिया।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि कुछ लोग भटक जाते हैं और जगह-जगह जाते हैं। इस पर उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक बार एक साधु ध्यान लगाने के लिए बैठा तो वहां एक धोबी था जो कपड़े धो रहा था। इससे साधु ध्यान नहीं लगा पा रहा था, साधु और धोबी में बहस हुई और झगड़ा हो गया और धोबी ने साधु को पीट दिया। “साधु ने तब कहा हे राम, हे कृष्ण, हे हनुमान मुझे बचा लो, मगर साधु को कोई बचाने नहीं आया। इस पर साधु व्यथित हो गया और कहने लगा कि मैं इतना पूजा-पाठ करता हूं और जब आज मुझे मदद की जरूरत पड़ी तो कोई नहीं आया।
इसी बीच भगवान श्रीराम वहां प्रकट हुए और उन्होंने कहा साधु मैं आपकी मदद हेतु तुरंत आया था, मगर अगले ही पल आपने कृष्ण जी का नाम लिया तो वह लौट गए, इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान जी भी प्रकट हुए और उन्होंने भी साधु को यही बात कही कि वह मदद के लिए तो आए थे, मगर अगले ही पल आपने किसी और का नाम लिया तो वह चले गए”। मंत्री अनिल विज ने कहा कि कई लोग अलग-अलग जगहों पर आस्था रखते हैं तो फिर काम कोई नहीं आता, यदि हम एक में ही आस्था व श्रद्धा रखेंगे तो हमारे कार्य अवश्य पूर्ण होंगे।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि धर्म तीन शब्दों से बना है जिसका अर्थ है “ध से धारण करना, र से रास्ता और म से मोक्ष दिलाना”। कोई भी धर्म जिसमें यह तीनों चीजे है वह ठीक है। एक बार एक राजा ने अपने राज्य के बड़े साधु से दीक्षा मांगी और कहा कि वह नदी पार जाकर दीक्षा लेना चाहता है। इस पर साधु अगले दिन राजा को नदी पार ले जाना लगा तो राजा ने किश्ती छोटी बताते हुए जाने से इंकार कर दिया। अगले दिन फिर किश्ती मंगवाई तो राजा ने कहा यह किश्ती टेढ़ी है जो पलट जाएगी। अगले दिन साधु ने राजा को जबरन पकड़कर नदी पार ले गया और दीक्षा दिलाई। इसका अर्थ है कि जो रास्ता हमने तैयार कर लिया वह श्रेष्ठ है और इसी रास्ते से ही मोक्ष मिलेगा।
एक और उदाहरण बताते हुए उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने गीता में कहा कि “सजा उसे ही मिलती है जो काम करता है, तेरे को सजा इसलिए मिलती है कि तू मानता है मैं काम करता हूं, यदि तू माने ले कि मैं केवल तुछ प्राणली हूं तो सजा मैं भुगतूंगा और तेरे को कोई चिंता की जरूरत नहीं”।
वहीं, कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी पंजाब जोन इंचार्ज प्रेम दीदी, उत्तरा दीदी के अलावा अम्बाला ब्रह्माकुमारी शांति धाम से आशा दीदी, रानी दीदी, नीति दीदी, जानकी दीदी, वीना दीदी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।