नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर महिलाओं ने मंत्री कमलेश ढांडा को तलवार भेंट कर किया सम्मानित
punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2023 - 04:31 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): भले ही भारत सरकार द्वारा हाल ही में राज्यसभा व लोकसभा महिलाओं को 33 प्रतिशत हिस्सेदारी देने के लिए में पास किया गया नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू नहीं हो पाया हो।लेकिन प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने गांव ठोल में महिला शक्ति से सम्मान लेकर केंद्र में प्रदेश सरकार कि इस उपलब्धि को जमीन स्तर पर मूर्त रूप देने का संदेश दिया है। जनसंवाद कार्यक्रम के उपरांत जैसे ही राज्य मंत्री भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रविंद्र सांगवान के निवास पर जलपान के लिए पहुंची थी!
इसी दौरान यहां पहुंचने पर राज्य मंत्री को सम्मान स्वरूप पगड़ी, तलवार व दौशाला गांव की महिलाओं सहित रविंद्र सांगवान की धर्मपत्नी मधु सांगवान ने भेंट किया !इसमें मजेदार बात यह रही जब मंत्री जी को उक्त सभी सम्मान दिए जा रहे थे! तो इन्हे पकड़ने का जिम्मा खुद रविंद्र सांगवान संभाले हुए थे। मंत्री द्वारा इस तरह से महिलाओं के सम्मान को लेकर केंद्र सरकार के मास्टर स्ट्रोक के रूप में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर सीधा संदेश देने का कार्य किया गया है।
जन संवाद कार्यक्रम के उपरांत राज्य मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रविंद्र सांगवान के निवास स्थान पर पहुंचने के उपरांत जब एक अन्य कमरे में जलपान ले रही थी उसके बाद जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके यहां पर एक निजी रिश्तेदारी है तो वह तुरंत कमरे से बाहर आई और हरियाणवी संस्कृति के अनुरूप गांव की एक महिला को गले मिल जादू की झप्पी देते हुए शगुन स्वरूप 500 का नोट भी थमा दिया ।
उल्लेखनीय है कि गांव ठोल एक जाट बहुल गांव है और जहां पर शुरू से ही आर्य समाज और शिक्षा का अधिक प्रभाव होने के चलते ज्यादातर प्रदेश भर के जाट यहां पर शिक्षा ग्रहण करके गए हैं !क्योंकि यहां पर जाट शिक्षा समिति द्वारा स्कूल बनाया हुआ था! जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ,पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सहित प्रदेश के तमाम दिग्गत जाट नेताओं के रिश्तेदारियां ठोल में है! इसके अलावा मौसम मौजूदा विधानसभा में भी बहुत से विधायक ऐसे हैं जो कि गांव ठोल से शिक्षा ग्रहण करके गए हैं।
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