पंचकूला में जलेगा विश्व का सबसे बड़ा रावण का पुतला, 25 लोगों की टीम ने 3 महीने में किया तैयार
punjabkesari.in Monday, Oct 23, 2023 - 08:25 PM (IST)

पंचकूला (चंद्रशेखर धरणी) : दशहरा जिसका अर्थ है दशा और हारा यानि जिसने जिसने बुरा किया उसकी क्या दशा हुई और कैसे उसकी हार हुई। यह संदेश भगवान श्री राम ने रावण का वध करके दिया है। हमारे देवी देवताओं, संत-महापुरुषों के इन संदेशों को हमारे बुजुर्गों ने खूब अपनाया और आगे भी बढ़ाया। लेकिन पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित होने वाले आज युवा युवतियों को फिर से अपनी संस्कृति की ओर मोड़ने के लिए सामाजिक, धार्मिक संगठन अपनी कोशिशों में लगे नजर आते हैं। इसी प्रकार की एक कोशिश पंचकूला के सेक्टर-5 में दुनिया का सबसे बड़ा 171 फीट ऊंचा रावण बनाकर माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट ने की है। लगभग 18 लाख की लागत बनाए गए रावण को तैयार करने में पिछले 3 महीने से 25 आदमियों की एक लंबी चौड़ी टीम मेहनत करने में लगी हुई थी। जिसे लाने और खड़ा करने के लिए दो दो क्रेनों, एक जेसीबी और 100 आदमियों की मदद लेनी पड़ी।
इस रावण के बारे में जानकारी लेने के लिए पंजाब केसरी ने रावण का पुतला तैयार करने वाली टीम के मुखिया तजेंद्र राणा से मुख्य बातचीत की। उन्होंने बताया कि वह लगातार 1987 से रावण बनाने का कार्य कर रहे हैं। पहला रावण अपने गांव अंबाला जिला के बराड़ा में उन्होंने बनाया था। पिता के कहने पर रामलीला का आयोजन किया तो आज पड़ोस के गांव में काफी खुशी थी और काफी उत्साह वर्धन हुआ। हर साल कुछ नया ओर अच्छा करने की मन मे चलती रही। साथियों की मदद से 2019 तक लगातार इस प्रकार के आयोजन चलते रहे और 2019 में विश्व का सबसे बड़ा 221 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया। लेकिन यह 171 फीट का रावण का पुतला इस साल का दुनिया का सबसे बड़ा रावण है। 1987 से चलता हुआ यह सिलसिला आज इस मुकाम पर पहुंचा है।
पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही नौजवान पीढ़ी को धर्म-संस्कृति से जोड़ने की जरूरत : राणा
तजेंद्र राणा ने कहा कि आज हमारी नौजवान पीढ़ी लगातार पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही है, लेकिन हमारे धर्म और संस्कृति भी हमारे जीवन में एक बड़ा पार्ट रखते हैं। रावण का वध करके मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने समाज को एक संदेश दिया कि बुराई कितनी भी बड़ी हो जाए उसे एक दिन समाप्त होना ही है। जिस प्रकार से श्री राम ने रावण का वध किया, इसे हर्षोल्लाह से पूरे देश में आयोजन किए जाते हैं। आज के मॉर्डन जमाने की नौजवान पीढ़ी को जोड़ने के लिए रावण के पुतले की मदद ली गई। इसकी विशालता और खूबसूरती से आकर्षित होकर बच्चे रावण को अगर सर्च करते हैं तो उन्हें श्री राम को भी जानने का मौका मिलता है। भगवान श्री राम ने किस प्रकार से त्याग किया, कैसे वह मर्यादा पुरुषोत्तम बने यह सारी बातें जानने का मौका रावण का पुतला है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने हिसाब से जिंदगी जीनी चाहिए, लेकिन धर्म और संस्कृति को भी साथ रखने की जरूरत है। बेहतरीन जीवन जीने की प्रेरणा हमारे धर्म और संस्कृति है। हमें महापुरुषों संतो देवी देवताओं से शिक्षा लेकर उन्हें जीवन में उतरना चाहिए।
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