अनिल विज को बधाई देने पहुंचे युवा उद्योगपति चंदन विज, बताया कैसे शुरू हुआ विज का राजनीतिक सफर
punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 05:44 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा विधानसभा चुनाव में सातवीं बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। पानीपत के युवा उद्योगपति और निर्यातक चंदन विज ने अनिल विज से मुलाकात कर जीत पर उन्हें बधाई दी। इस दौरान चंदन विज ने कहा कि अनिल विज अंबाला छावनी से इस बार 7वीं बार विधायक चुने गए हैं। यह उनकी जनता के प्रति की गई सेवा का ही नतीजा है कि जनता उनके साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़कर एक पारिवारिक सदस्य की तरह से उनका साथ देती है।
34 साल पहले शुरू किया था राजनीतिक सफर
चंदन विज ने बताया कि करीब 34 साल पहले 27 मई 1990 को तत्कालीन सातवीं हरियाणा विधानसभा में दो रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उस समय ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री हुआ करते थे। तब दडवा कला हलके से जनता दल की टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अंबाला कैंट से अनिल कुमार विज विधायक निर्वाचित हुए थे। तब अनिल विज की आयु 37 वर्ष की थी। बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अनिल विज 2019 में हुए 14वीं विधानसभा के चुनाव में लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार अंबाला छावनी से चुनाव जीते थे। दो बार यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में अनिल विज भी जीते हैं।
दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा चुनाव
चंदन विज ने बताया कि राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के चलते अनिल विज एक अप्रैल 1996 तथा फऱवरी 2000 में हुए दो विधानसभा चुनावों में निर्दलीय के रूप में अंबाला कैंट से विधायक बने। 2005 में विधानसभा के आम चुनाव में अनिल विज 615 वोट से अपनी हैट्रिक बनाने से चूक गए। 2007 में उन्होंने विकास परिषद के नाम से अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी भारतीय चुनाव आयोग से पंजीकृत करवाई। 2009 में हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उन पर फिर से भरोसा जताया गया और उन्हें भाजपा की टिकट दी गई। विज 2009, 2014, 2019 में लगातार तीन बार विधायक बने और अपनी हैट्रिक लगाई।
अनिल विज को पूरा समर्थन
चंदन विज ने बताया कि जिस प्रकार से अनिल विज के जनता दरबार में पूरे प्रदेश के लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचते थे, उससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऐसे में यदि बीजेपी की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाता है तो पार्टी आने वाले कईं सालों तक हरियाणा में सत्तासीन रह सकती है। सभी जातियों तथा धर्मों के लोग अनिल विज को जाति व धर्म से अलग होकर अपना समर्थन दबी जुबान में अवश्य करते हैं।