बीफ पर बवाल का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
punjabkesari.in Friday, Sep 16, 2016 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (विवेक): हरियाणा में बीफ पर फैला विवाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा बिरयानी के सैंपलों को भरवाकर बीफ चैक करने के लिए जारी किए गए आदेशों को मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए मेवात के नूंह निवासी हसीन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि धर्म विशेष के लोग हरियाणा गौ सेवा आयोग के इस निर्णय से आतंकित हैं। वहीं, एक अन्य जनहित याचिका भी हाईकोर्ट में लंबित है जिसमें हरियाणा प्रदेश में बीफ पर प्रतिबंध को चुनौती दी गई है।
मामले में नूंह के अधिवक्ता हसीन की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद अरशद के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा मेवात क्षेत्र में बिरयानी के सैंपल लेने के जो आदेश दिए गए हैं वे धर्म विशेष को निशाना बनाने वाले हैं। इसके साथ ही आयोग ने केवल मेवात में इन सैंपलों को भरने के आदेश दिए हैं जो सीधे तौर पर इस क्षेत्र को टारगेट करना है। पूरे प्रदेश में कहीं और इस प्रकार की जांच नहीं हो रही है और केवल मेवात क्षेत्र को टारगेट किया गया है।
याची ने कहा कि हरियाणा में इन आदेशों के चलते अल्पसंख्यक दहशत में हैं। इस प्रकार के आदेश सीधे तौर पर संविधान की धारा 14, 19, 21 और 25 की उल्लंघना है। याची ने कहा कि गौ सेवा आयोग द्वारा बिरयानी की जांच के लिए रोड साइड बैठने वाले वैंडरों को टारगेट बनाते हुए 24 अगस्त को यह आदेश जारी किए थे। यह आदेश बकरीद से ठीक पहले दिए गए हैं जो सही नहीं है।
मामले में नूंह के अधिवक्ता हसीन की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद अरशद के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा मेवात क्षेत्र में बिरयानी के सैंपल लेने के जो आदेश दिए गए हैं वे धर्म विशेष को निशाना बनाने वाले हैं। इसके साथ ही आयोग ने केवल मेवात में इन सैंपलों को भरने के आदेश दिए हैं जो सीधे तौर पर इस क्षेत्र को टारगेट करना है। पूरे प्रदेश में कहीं और इस प्रकार की जांच नहीं हो रही है और केवल मेवात क्षेत्र को टारगेट किया गया है।
याची ने कहा कि हरियाणा में इन आदेशों के चलते अल्पसंख्यक दहशत में हैं। इस प्रकार के आदेश सीधे तौर पर संविधान की धारा 14, 19, 21 और 25 की उल्लंघना है। याची ने कहा कि गौ सेवा आयोग द्वारा बिरयानी की जांच के लिए रोड साइड बैठने वाले वैंडरों को टारगेट बनाते हुए 24 अगस्त को यह आदेश जारी किए थे। यह आदेश बकरीद से ठीक पहले दिए गए हैं जो सही नहीं है।
यह याचिका संभवत: सोमवार को सुनवाई के लिए पहुंचेगी। वहीं एक अन्य याचिका पर वीरवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली निवासी सी.आर. जया सुकीन ने इस याचिका के माध्यम से हरियाणा में बीफ पर बैन को चुनौती दी है। इस याचिका में बीफ पर बैन को संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। याची ने कहा कि देश में सभी को अपना मनपसंद भोजन खाने की अनुमति है और ऐसे में बीफ को बैन कैसे किया जा सकता है।