मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Sunday, Mar 15, 2020 - 01:46 PM (IST)

ढांड (विनोद) : बरसात से खराब हुई फसलों के मुआवजे के फार्म नहीं लिए जाने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा के नेतृत्व में ढांड में सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। पबनावा ने कहा कि एक तरफ तो प्रकृति के कहर से किसानों की गेहूं की फसलें खराब हो गई हैं। दूसरी ओर, बैंक तथा कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को मुआवजे के फार्म के नाम पर बेवजह परेशान करने में लगे हुए हैं। सरकार द्वारा बरसात से खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे के लिए आदेश दिए हुए हैं।

जिन किसानों ने फसली बीमा करवाया हुआ है, उन्हें बीमा कम्पनी तथा जिन्होंने फसलों का बीमा नहीं करवाया हुआ है, उन्हें सरकार अपने स्तर पर मुआवजा देगी। जब किसान मुआवजे के फार्म बैंक में जमा करवाने जाते हैं तो बैंक अधिकारी यह कहकर टरका देते हैं कि यह फार्म तो बीमा कम्पनी में या कृषि विभाग के कार्यालय में जमा होंगे, जबकि किसानों का कहना है कि जब बैंक ने उनके खाते से बीमा की रकम काट रखी है तो मुआवजे के फार्म लेना भी बैंक की जिम्मेदारी बनती है और जिन्होंने बीमा नहीं करवाया उनके लिए जिला प्रशासन खंड स्तर पर फार्म लेने की व्यवस्था करें। ढांड में कृषि विकास अधिकारी का पद होते हुए भी यहां कोई नहीं बैठता।

जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पबनावा का कहना है कि किसान कई दिनों से कभी बैंक तो कभी सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुके हैं लेकिन उनके फार्म जमा नहीं हो रहे हैं। जिससे किसानों को लगता है कि उन्हें मुआवजे से वंचित रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है जोकि उनके साथ सरासर अन्याय है। जिसको वो किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। भाकियू ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मुआवजे के फार्म जमा करवाने के लिए ढांड में कृषि विकास अधिकारी की व्यवस्था की जाए और बीमित किसानों के फार्म उसी बैंक में जमा करवाएं जाएं।

अन्यथा भाकियू किसानों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी। इस अवसर पर संजीव राणा, हरपाल संगरौली, महेंद्र सिंह साकरा, ईश्वर, मेवा राम धेरढू, प्रदीप कौल, महेंद्र कौल, ईशम सिंह, बलजिंद्र सिंह, मानसिंह व बलकार सिंह भी मौजूद रहे। ओ.बी.सी. ढांड के मैनेजर से बात की तो उन्होंने बताया कि किसानों की फसलों के मुआवजे के फार्म लेना संबंधित बीमा कम्पनी जिम्मेदारी बनती है। जिसके लिए बीमा कम्पनी के कर्मचारी जिला स्तर पर बैठकर फार्म ले रहे हैं। उसके लिए किसानों को कैथल भेजा जा रहा है। 


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Isha

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