पराली का ईंधन के रूप में प्रयोग करने वाले उद्योगों का पता लगाएं: धनखड़

punjabkesari.in Thursday, Dec 21, 2017 - 05:48 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे उद्योगों का पता लगाएं, जिनमें ईंधन के रूप में धान की पराली का अधिकतम उपयोग हो सके। इसके अलावा, धान की पराली से राष्ट्रीय ताप बिजली परियोजना के मानदंडों के अनुरूप पैलेट व ब्रिक्युएट बनाने वाले उद्योगों को भी सार्वजनिक निजी सहभागीदारिता पद्धति पर बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाए, ताकि वर्ष 2018 धान खरीद मौसम से पहले-पहले हम धान की पराली का खेतों में न जलाना सुनिश्चित कर सकें।

धनखड़ आज परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार के साथ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बिजली, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अक्षय ऊर्जा विभागों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने अवगत करवाया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धान की पराली का कम से कम 10 प्रतिशत उपयोग राष्ट्रीय ताप बिजली परियोजना के संयंत्रों में होना है और अगले वर्ष हरियाणा में लगभग 65 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन होने की संभावना है और इतनी ही मात्रा में पराली भी होगी।

हरेडा 9 लाख टन अवशेषों से ऊर्जा उत्पादन करेगा
बैठक में अक्षय ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता ने अवगत करवाया कि बायोमास ऊर्जा संयंत्रों में लगभग 1.75 लाख टन कचरे का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें धान, सरसों, कपास तथा गन्ने के अवशेष शामिल हैं। अगले वर्ष लगभग 6.75 लाख टन के उपयोग के लिए सहमति पत्र जारी कर दिए हैं। इस प्रकार हरेडा लगभग 9 लाख टन अवशेषों से ऊर्जा उत्पादन कर सकेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static