परिवार ने 12 पेज के बयानों में 6 अधिकारियों की दर्ज करवाई 'कर्मकुंडली'

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 01:31 AM (IST)

पानीपत, (संजीव नैन) : जैसा कि पहले ही माना जा रहा था कि हरियाणा से किसान आन्दोलन आगे निकलने के बाद पूर्व पार्षद हरीश शर्मा आत्महत्या का मामले में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी की जांच तेजी पकड़ सकती है, ठीक उसके अनुरूप ही कार्य हो रहा है। एसआईटी जांच को लेकर पुलिस अधिकारियों में हडक़म्प की स्थिति है, क्योंकि जहां इसी मामले को लेकर एसपी मनीषा चौधरी व डीएसपी क्राइम राजेश फौगाट पर बदली की गाज गिर चुकी है, वहीं निकट भविष्य में कई अन्य अधिकारियों के लपेटे में आने के संकेत एसआईटी जांच से मिल रहे हैं। एसआईटी के रूख को देखते हुए भविष्य में किन-किन पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिरेगी इस पर सभी की निगाहें हैं। परिजनों द्वारा 12 से अधिक पेज के बयानों में पुलिस के 6 बड़े अधिकारियों सहित 2 अन्य पर गम्भीर आरोप लगाए गए है। फिलहाल एसआईटी द्वारा बयान दर्ज करके आगामी कार्रवाई तेजी से शुरू कर दी है। बुधवार को एसआईटी की ओर से डीएसपी मुख्यालय रोहतक गोरखपाल राणा व दो इंस्पेक्टर की टीम थाना शहर में बने डीएसपी शहर कार्यालय में पहुंची। जहां पर पूर्व पार्षद हरीश शर्मा की पत्नी प्रेमलता, पार्षद बेटी अंजलि शर्मा, बेटे गौरव शर्मा को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए गए। अपने बयानों में पार्षद अंजलि शर्मा ने तत्कालीन डीएसपी क्राइम राजेश फौगाट, चारों सीआईए के इंचार्ज राजपाल, वीरेन्द्र व अनिल छिल्लर व एक अन्य पुलिस अधिकारी की शिकायत भी एसआईटी को दी है। इन सभी पर हरीश शर्मा व उसके परिवार को प्रताडि़त करने के आरोप लगाए गए हैं। पार्षद अंजलि शर्मा ने एसआईटी को बताया कि डीएसपी क्राइम राजेश फौगाट के कहने पर ही सीआईए की चारों यूनिटों के अधिकारियों व 2 अन्य ने उसके पिता हरीश शर्मा को अरैस्ट करने के लिए दिन रात उनके घर के बाहर गाडिय़ों में गश्त लगाई तथा गलियों में लगातार सायरन बजाते हुए दहशत फैलाने का काम किया। इन सभी के बढ़ते दबाव के चलते ही उसके पिता ने तनाव में नहर में छलांग लगाई है, इसीलिए ये सभी भी उनके पिता की मौत के जिम्मेदार है। पार्षद अंजलि शर्मा के बयानों पर एसआईटी ने इन तीनों को नाम भी शिकायत में दर्ज कर लिया है। इसके बाद पार्षद अंजलि शर्मा ने एसआईटी से पूछा कि जब पटाखे बेचने जैसे मामूली मामले में पुलिस उन्हें तुरन्त अरैस्ट करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी तो अब तक आरोपी पुलिस अधिकारी व कर्मी अरैस्ट क्यों नहीं हुए, जबकि सुसाइड के लिए मजबूर करने के मामले में तुरन्त अरैस्ट होती है। इस पर डीएसपी गोरखपाल राणा ने पार्षद को आश्वस्त किया कि जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बताया जा रहा है कि पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करके अगले दो दिनों में गृहमंत्री अनिल विज के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी सौंप दी जाएगी। एसआईटी की टीम ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की तथा उसके बाद वापस रवाना हो गई।


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Content Editor

Sanjeev Nain

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