कुसुम को कृषि मंत्री ने दी खुशी...कोरिया में खेल पाएगी बॉक्सिंग चैम्पियनशिप (Watch Pics)

punjabkesari.in Saturday, Aug 27, 2016 - 02:09 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीन कुमार): ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता हरियाणा की बेटी साक्षी मलिक पर नोटों की बारिश हो रही। वहीं हरियाणा की एक बेटी ऐसी भी है जो खेलने  के लिए पैसों की मोहताज हो गई है। झज्जर की किक बाक्सर कुसुम भारत की उन 3 बेटियों में से एक है जिन्हें कोरिया में एशियन किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के लिए चुना गया है। 2 से 9 सितंबर तक रिपब्लिक ऑफ कोरिया में ये प्रतियोगिता होनी है। कोरिया तक जाने के लिए कुसुम के पास पैसे नहीं है। अब हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कुसुम को कोरिया भेजने के लिए मदद करने की बात कही है। कुसुम ने भी मदद की पेशकश पर मंत्री का धन्यवाद करते हुए गोल्ड मैडल लाने की बात कही है।

 

हरियाणा की एक और बेटी झज्जर के गोयला कलां गांव की किक बॉक्सर कुसुम बेहद होनहार खिलाड़ी है। किक बॉक्सिंग में कुसुम हरियाणा स्टेट चैम्पियन और माईनस 60 किलो भार में नेशनल चैम्पियन है। 2014-15 की एशियन किक बॉक्सिंग में रजत पदक भी जीत चुकी है। एशियन किक बॉक्सिंग 2016 के लिए कुसुम का चयन भी हो गया है, लेकिन इस बार ये प्रतियोगिता कोरिया में हो रही है। जहां जाने के लिए कुसुम के पास पैसे ही नहीं है। कुसुम के पास हुनर है लेकिन पैसा नहीं है। 

 

कुसुम ने साल 2014 में किक बॉक्सिंग शुरू की थी। कोच जसवंत जय मॉडर्न स्कूल में लड़कियों को सैल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने आए थे वहीं से कुसुम की किक बॉक्सिंग की शुरूवात हुई। शुरूवाती साल में किक बॉक्सिंग में कुसुम जिले की नंबर एक खिलाड़ी बन गई। उसके बाद 49 वीं हरियाणा स्टेट स्कूल प्रतियोगिता 2015 में पहला स्थान, वाको नेशनल किक बॉक्सिंग में पहला स्थान, 60वें नेशनल स्कूल गेम्स के अंडर 17 में रजत पदक और 2015-16 के नेशनल किक बॉक्सिंग और फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक हासिल किया। कुसुम को बेस्ट प्रो किक बॉक्सिंग चैम्पियन का अवार्ड भी मिल चुका है। कुसुम की उपलब्धि और मजबूरी की सूचना मिलने के बाद कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कुसुम को मदद की पेशकश कर दी है। मंत्री ने बॉक्सिंग हरियाणा एसोसिएशन के अध्यक्ष और अपनी एसोसिएशन को कुसुम के कोरिया जाने की व्यवस्था करने के आदेश दे दिए हैं। मंत्री का कहना है कि होनहार खिलाडि़यों को सरकार पूरी मदद मुहैया करवाएगी।

 

मंत्री के हाथ जब कुसुम की मदद के लिए आगे बढ़े तो कुसुम की आंखे भर आई। जैसे कुसुम के सपनों को एक बार फिर से पंख मिल गए हो और वो उड़ान के लिए फिर से तैयार हो गई । रुंधे गले से कुसुम ने मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को मदद के लिए धन्यवाद किया और वादा किया कि कोरिया से गोल्ड मैडल लेकर आएगी जिससे वो अपने परिवार, गांव, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सके।

 

कुसुम अपने परिवार की सबसे छोटी बेटी है। कुसुम से बड़ी एक बहन और एक भाई भी है। पिता परिवार के गुजर बसर के लिए दुल्हेड़ा गांव में इलेक्ट्रिशियन की दुकान चलाते हैं। भाई ने भी अब प्राइवेट जॉब शुरू की है ताकि परिवार को कुछ मदद कर सके। कुसुम के भाई का कहना है कि उसकी बहन होनहार है। परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है, लेकिन उनके पिता फिर भी कुसुम को खेलने के लिए मदद करते रहते हैं। भाई मंजित को भी उम्मीद है उनकी बहन देश और परिवार का नाम रोशन करेगी।

 

कुसुम की ट्रेनिंग दुल्हेड़ा गांव के स्टेडियम में हुई है। उस स्टेडियम के जहां किक बॉक्सिंग के लिए कोई सुविधा नहीं है। घास के मैदान में ही कोच जसवंत कुसुम को ट्रेनिंग देते रहे और उनकी ट्रेनिंग में कुसुम जिले से निकलकर प्रदेश की टॉपर बनी फिर नेशनल और इंटरनेशनल में देश का नाम चमकाने के मुकाम पर पुहंच गई है।

 


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