लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार व निगम अधिकारियों की क्लास लेंगे कमिश्नर

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 11:58 AM (IST)

सोनीपत (मनीष): ड्रेन-6 को कवर किए जाने व सौंदर्यीकरण का काम जिस जोर-शोर से शुरू हुआ था, उससे कहीं अधिक तेजी से बंद हो गया। करीब 4 माह से कम्पनी ने ड्रेन के निर्माण कार्य से हाथ खींच लिए हैं तो वहीं निगम अधिकारी कम्पनी पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। वहीं एजैंसी ने भी निगम पर आरोप लगाया कि नगर निगम क्लीयर साइट नहीं कर रहा है। दोनों की बात जानने के लिए आनंद मोहनर शरण प्रधान सचिव शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा  मंगलवार को ड्रेन-6 का निरीक्षण करने के लिए आ रहे हैं। 

बता दें कि शहर के बीचोंबीच डे्रन-6 की गंदगी से निजात दिलवाने के लिए एक व्यापक योजना के तहत ड्रेन को कवर करने व इसे गुरुग्राम की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया गया था। यही नहीं, करीब 88 करोड़ के इस प्रोजैक्ट का टैंडर भी 27 सितम्बर 2017 को एक कम्पनी को अलॉट कर दिया गया था। कम्पनी ने 2018 की शुरूआत में काम शुरू कर दिया तो लगा कि अब शीघ्र ही गंदगी से निजात मिलेगी लेकिन शुरू करने के कुछ दिन बाद ही कम्पनी ने काम बंद कर दिया। इस पर निगम अधिकारियों ने आरोप लगाया कि कम्पनी जानबूझकर काम में लापरवाही कर रही है और कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही। जनवरी माह में इस संबंध में निगम अधिकारियों व कम्पनी प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक भी हुई जिसका कोई नतीजा नहीं निकल सका था। डे्रन-6 का निर्माण दोबारा से सुचारू रूप से शुरू हो सके इसके लिए शहरी स्थानीय विभाग के प्रधान सचिव मंगलवार को निरीक्षण करेंगे। ऐसे में जो भी डे्रन-6 के निर्माण में देरी व लापरवाह पाया तो उनकी जरूर क्लास लग सकती है।  

गुरुग्राम की तर्ज पर होना है डे्रन-6 का निर्माण
शहर के बीचों-बीच बनी डे्रन-6 को अम्र्रुत योजना के तहत गुरुग्राम की तर्ज पर आर.सी.सी. से बॉक्स आकार में पक्का करना है। यह राठधाना रोड तक पक्की करनी है, जिसे नगर निगम बनाएगा। इससे आगे की बात करें तो पी.डब्ल्यू.डी. पक्की करवाएगा। डे्रन-6 के ऊपर से रोड बनाया जाएगा, जिस पर आसानी से वाहन चालक आवागमन कर सकेंगे। इससे न सिर्फ वाहन चालकों का समय बचेगा बल्कि शहर में लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। 

463 परिवारों को देनी है जमीन
डे्रन-6 के सौंदर्यीकरण के चलते प्रभावित होने वाले 463 परिवारों की एक सूची बनाई थी। सूची में जो परिवार के नाम शामिल थे, उन्हें नगर निगम ने रेवली के पास जमीन देनी थी लेकिन रेवली की जमीन महंगी होने के चलते यह मामला राह में अटक गया था। इस मसले को सुलझाने के लिए रोहतक मंडलायुक्त ने 10 नवम्बर को निगम अधिकारियों से एक बैठक की जिसमें पब्लिक हैल्थ कार्यकारी अभियंता रणजीत मलिक के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। टीम ने सर्वे करके 22 नवम्बर को रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजनी थी लेकिन यह रिपोर्ट भी लेटलतीफी की शिकार हो गई। 


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kamal

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