शख्सियत दमदार होती है तभी दुश्मन भी बनते हैं: हुड्डा

punjabkesari.in Wednesday, May 17, 2017 - 12:53 PM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल):मानेसर जमीन अधिग्रहण रद्द करने के फैसले पर सी.बी.आई. पूछताछ के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वह जांच में हर तरह का सहयोग करेंगे, लेकिन राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज किए जा रहे मुकद्दमों से वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले यह तो पता कर लें जिन नेताओं की सिफारिश पर जमीन रद्द करने का फैसला लिया, वह कौन हैं। उन्होंने कहा कि उन 2 नेताओं में 1 भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री तथा दूसरा सांसद हैं। यहां बता दें कि बीते दिवस सी.बी.आई. ने हुड्डा से करीब 9 घंटे पूछताछ की थी। अपने फ्लैट पर पत्रकारों से बातचीत की शुरूआत शायरना अंदाज से की। 

उन्होंने कहा कि शोर करते रहो तुम सुर्खियों में आने के लिए, मेरी तो खामोशी भी पूरा अखबार है। शख्सियत दमदार होती है तभी दुश्मन भी बनते हैं, वरना कमजोरों को यहां पूछता ही कौन है। हुड्डा ने कहा मौजूदा सरकार प्रदेश में एक भी नया प्रोजैक्ट नहीं ला पाई और एक भी सड़क की ढंग से मुरम्मत नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि हालातों के चलते कोई भी निवेशक हरियाणा में निवेश करने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री के विदेश दौर के संदर्भ में उन्होंने कटाक्ष किया कि पहला ट्रायल तो विफल हो गया। अब यदि मुख्यमंत्री कोई निवेश ला पाते हैं तो वे उनकी तारीफ करेंगे।

मेरे और तंवर के बीच मिस-अंडरस्टैंडिंग नहीं रही
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर व उनके बीच कभी मिस-अंडरस्टैंडिंग नहीं रही। यह तो सिर्फ मीडिया को गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन के चुनाव में हरियाणा भी शामिल है। हरियाणा में पार्टी नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ही बता सकते हैं।

इनैलो सरकार में हुआ था जमीन अधिग्रहण
हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2004 में जब जमीन का अधिग्रहण हुआ, तब प्रदेश में इनैलो की सरकार थी। मैंने तो लोगों के हित में जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया था, क्योंकि वहां लोगों के पुश्तैनी पक्के मकान, सड़कें और बिजली पानी के कनैक्शन थे। लोग जमीन रिलीज करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने बावल में 3600 एकड़ जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर दिया। सरकार कहती है कि लोगों के कहने पर छोड़ा तो मैं भी यही कह रहा हूं कि मैंने भी लोगों के हित में उनके कहने पर जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया था। 


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