हरियाणा को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए आज जापान रवाना होंगे मुख्यमंत्री
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:45 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 5 अक्तूबर की रात्रि को तीन दिवसीय जापान यात्रा पर रवाना होंगे। यह यात्रा हरियाणा सरकार के अंतरराष्ट्रीय निवेश सहयोग को मज़बूती देने और राज्य को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल, विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी. कुमार, उद्योग विभाग के महानिदेशक डॉ. यश गर्ग, तथा सलाहकार (विदेश सहयोग विभाग) पवन चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जापानी कंपनियों को हरियाणा में निवेश के लिए आकर्षित करना तथा दोनों पक्षों के बीच औद्योगिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाना है। मुख्यमंत्री अपने प्रवास के दौरान जापान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों और निवेशकों से भेंट करेंगे।
हरियाणा–जापान संबंधों की सुदीर्घ यात्रा
हरियाणा और जापान का औद्योगिक संबंध 1980 के दशक में शुरू हुआ, जब मारुति सुज़ुकी ने हरियाणा में अपना पहला संयंत्र स्थापित किया। यह निर्णय न केवल हरियाणा की औद्योगिक दिशा को बदला, बल्कि भारत–जापान आर्थिक सहयोग का आधार भी बना।
आज हरियाणा देश में सर्वाधिक जापानी कंपनियों की उपस्थिति वाला राज्य है। वर्तमान में राज्य में 300 से अधिक जापानी कंपनियाँ सक्रिय हैं, जो ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रिसिशन इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं। झज्जर स्थित जापानी इंडस्ट्रियल टाउनशिप इस गहरे औद्योगिक सहयोग की प्रत्यक्ष मिसाल है। हाल ही में गुरुग्राम में आयोजित एक निवेश कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार नारायणगढ़ में जापानी कंपनियों के लिए समर्पित औद्योगिक क्लस्टर विकसित करेगी। यह निर्णय दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अग्रगामी कदम है।
वैश्विक संदर्भ में हरियाणा की भूमिका
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य नई चुनौतियों और अवसरों के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे शुल्कों एवं आपूर्ति श्रृंखला में असंतुलन ने दुनिया के कई औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित किया है। इस परिप्रेक्ष्य में, भारत और जापान के बीच सहयोग आर्थिक स्थिरता और नई आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण का आधार बन सकता है।
जापान वर्तमान में एशिया में सप्लाई चेन रेज़िलियंस, ग्रीन एनर्जी, सेमीकंडक्टर निर्माण, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और ई-मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है — और ये सभी क्षेत्र हरियाणा सरकार की प्राथमिकताओं से मेल खाते हैं। इस यात्रा के दौरान हरियाणा सरकार का उद्देश्य इन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष सहयोग और तकनीकी साझेदारी के अवसर तलाशना है।
हरियाणा राज्य पहले से ही उत्कृष्ट बुनियादी ढाँचे, दिल्ली-एनसीआर से निकटता, मजबूत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क, और उद्योग-अनुकूल नीतियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में निवेशकों को सरल प्रक्रियाएँ, श्रम सुधार, और पारदर्शी शासन की गारंटी देकर व्यावसायिक माहौल को और सुदृढ़ किया है।
मुख्यमंत्री की दृष्टि : “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना के साथ आगे बढ़ता हरियाणा
मुख्यमंत्री का मानना है कि निवेश केवल पूंजी का प्रवाह नहीं, बल्कि विचारों, तकनीकी और संस्कृतियों का आदान-प्रदान भी है। जैसे उन्होंने अपने आधिकारिक आवास “संत कबीर कुटीर” के द्वार आम नागरिकों के लिए खोल दिए हैं, वैसे ही अब वे हरियाणा के द्वार विदेशी निवेशकों के लिए भी खोल रहे हैं — एक ऐसे राज्य के रूप में जो विश्वास, स्थिरता और सहयोग का पर्याय बन रहा है।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच “वसुधैव कुटुम्बकम् — विश्व एक परिवार है” के सिद्धांत पर आधारित है। वे हरियाणा को केवल औद्योगिक रूप से नहीं, बल्कि प्रौद्योगिक, कौशल और नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में अग्रसर हैं।
यह जापान यात्रा हरियाणा और जापान के बीच आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक साझेदारी को नई दिशा और गहराई प्रदान करेगी — जिससे न केवल दोनों पक्षों को लाभ होगा, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को भी मज़बूती देगी।