कुछ ही दिनों में फरीदाबाद में भी हो सकेगी कोरोना सैंपल की जांच

punjabkesari.in Monday, Mar 30, 2020 - 10:39 AM (IST)

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : अब वह दिन दूर नहीं जब कोरोना संक्रमण के कोविड-19 वायरस की जांच फरीदाबाद में होने लगेगी। अबतक कोविड-19 संक्रमण के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए सैम्पल फरीदाबाद से दिल्ली एनसीडीसी और एनआईवी पुणे की लैबों में भेजे जा रहे थे। इसके लिए एनआईटी-3 स्थित ईएसआई मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हरियाणा की चौथी सबसे बड़ी वायरोलॉजी लैब तैयार की जा रही है।

लैब का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। केवल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मंजूरी मिलने की देर हैं। इससे पहले हरियाणा के चण्ड़ीगढ़, रोहतक के पीजीआई और सोनीपत के खानपुर में वायरोलॉजी लैबें स्थापित हैं। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डिप्टी डीन डॉ. एके पाण्डेय ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आगामी एक सप्ताह लैब शुरू हो सकती है। इसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ  मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से रिवर्स टेस्टिंग पॉलीमियर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) की मांग की है।

आरटीपीसीआर कोरोना वायरस संक्रमण जांच के आधुनिक तकनीक की मशीन है। जो कुछ दिनों में उपलब्ध हो जाएगी। इसकी बाजार कीमत करीब 25 से 30 लाख है। लेकिन अन्य इक्यूपमेंट पर भी लाखों का खर्च आएगा। यदि प्रस्तावों को जल्द मंजूरी मिल गई तो फरीदाबाद प्रदेश और दिल्ली एनसीआर को भी इसका लाभ होगा। डॉ पांडेय ने बताया कि वायरोलॉजी लैब स्थापित करने की प्रक्रिया बहुत पहले से जारी थी। इसके लिए मान्यता मिल चुकी है। लैब स्थापित करने के लिए काम शुरू हो चुका है। इन दिनों कोविड-19 की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब की जरूरत है। 

चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच जिनॉमिक टेस्ट के जरिए हो सकती है। इसके लिए विशेष तरह की कोविड-19 संक्रमण जांच कीट मंगवाई जा रही है। यह कीट संख्या पर निर्भर करेगा की हम एक दिन में कितने टैस्ट कर पाते हैं। आईसीएमआर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की जांच किट को मान्यता दे दी है। इससे अमेरिकन यूरोपियन देशों से निर्यात होने वाली जांच किट की जरूरत नहीं होगी। किट आसानी से उपलब्ध होगी तो कोरोना जांच में कोई परेशानी नहीं होगी।


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Isha

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