इंस्पेक्टर्स को प्रोपर ऑफिसर बनाने से बढ़ा भ्रष्टाचार : नवीन गुप्ता
punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 08:14 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): प्रदेश व जिला के टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर वीरवार को हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन, जिला बार एसोसिएशन और सामाजिक संस्था मानव आवाज ने संयुक्त पत्रकार वार्ता कर सरकार से भ्रष्टाचार को खत्म करने और प्रदेश में फिर से इंस्पेक्टरी राज को ना पनपने देने की मांग की। हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट नवीन गुप्ता ने कहा कि इंस्पेक्टर्स को नियम विरूद्व प्रोपर ऑफिसर का दायित्व देकर शक्तियां सौंपने से टैक्सेशन विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है। इससे न केवल व्यापारियों के लिए कई परेशानियां खड़ी हुई हैं, बल्कि सरकार के स्टार्टअप के दावे भी दम तोड़ रहे हैं। जीएसटी नंबर लेना नामुमकिन सा काम हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी विभाग में इंस्पेक्टर्स का काम जीएसटी का नंबर व वेरिफिकेशन करना था। लेकिन सरकार ने 28 दिसंबर 2023 में इंस्पेक्टर को प्रोपर ऑफिसर बना दिया जो अब भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को पलीता लगा रहे हैं। एडवोकेट नवीन गुप्ता ने सरकार से इस पद को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो टैक्स बार एसोसिएशन न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
इंस्पेक्टरी राज को मिल रहा है बढ़ावा : राजीव वत्स
जिला टैक्सेशन बार एसोसिएशन गुरूग्राम के अध्यक्ष राजीव वत्स ने कहा कि सरकार इंस्पेक्टर को प्रोपर ऑफिसर की शक्तियां देकर प्रदेश में इंस्पेक्टरी राज को बढ़ावा दे रही है। ये इंस्पेक्टर व्यापारियों से गैर जरूरी कागजों की मांग करते हैं। इससे सिर्फ व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी नहीं हो रही, बल्कि सरकार को भी राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। व्यापारियों को जीएसटी देने के लिए फायर सेफ्टी एनओसी, फूड एनओसी, पॉल्यूशन कंट्रोल एनओसी, म्यूनिसिपल कारपोरेशन एनओसी, व्यक्तिगत बचत खाता, फर्म के निदेशक की प्रॉपर्टी ऑनरशिप की जानकारी, रेंट एग्रीमेंट की मांग की जा रही है।
वैट के 30 हजार करोड़ की वसूली पेंडिंग : अभय जैन
मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने कहा कि ये प्रोपर ऑफिसर भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके है। हरियाणा में वैट के 30 हजार करोड़ रुपये पेंडिंग हैं। मिलीभगत से इस मामले को लंबित रखा जा रहा है। अप्रैल 2025 में प्रदेश सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू की थी, फिर भी ये 30 हजार करोड़ रुपये वैट के रूप में वसूले नहीं गए। 9 जनवरी 2025 जारी अपने आदेशों में सरकार द्वारा कहा गया था कि इंस्पेक्टर (प्रोपर ऑफिसर) किसी पर भी एक्शन लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
रजिस्ट्रेशन, कैंसिलेशन प्रोसेस हो आसान :
एमएसएमई चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विनोद गुप्ता, के.के. बॉम्ब, पवन जिंदल, टैक्स बार के उपाध्यक्ष तरूण राघव, कोषाध्यक्ष अमित वर्मा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन, कैंसिलेशन व अमेंडमेंट प्रोसेस को आसान किया जाए। पूरे देश में इंस्पेक्टर को प्रोपर ऑफिसर हरियाणा के अलावा किसी राज्य में नहीं बनाया गया है। रविंद्र जैन एडवोकेट ने भी टैक्स बार की मांगों का समर्थन करते हुए उन्हें पूरा करने के लिए सरकार से मांग की। कादीपुर औद्योगिक एसोसिएशन से प्रधान श्रीपाल शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने इंस्पेक्टरी राज को समाप्त करने के खूब प्रयास किए थे, लेकिन आज भी इंस्पेक्टरी राज कायम है।