दिल की सेहत के लिए रोज़मर्रा की आदतें सबसे अहम

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 04:51 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : देश में दिल की बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं और अब यह समस्या केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है। चंडीगढ़ सहित कई शहरों में युवा भी हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और शुगर जैसी समस्याओं के कारण दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दवाइयों और महंगे इलाज से पहले ज़रूरी है कि लोग अपनी रोज़मर्रा की आदतों को सुधारें। ट्रिनिटी अस्पताल, चंडीगढ़ के डॉ. गुरिंदरजीत सिंह, एम.डी. (मेडिसिन) का कहना है कि दिल की बीमारी अचानक नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे हमारी जीवनशैली से जुड़ी गलतियों की वजह से बढ़ती है। “दिल रातों-रात खराब नहीं होता। यह हमारी रोज़ की आदतों से कमजोर होता है। हम क्या खाते हैं, कितनी कसरत करते हैं, सिगरेट या शराब से कितनी दूरी रखते हैं और तनाव को कैसे संभालते हैं—यही बातें तय करती हैं कि हमारा दिल मज़बूत रहेगा या नहीं। अगर लोग कुछ बुनियादी नियम मानें और गलतियों से बचें, तो 80 प्रतिशत दिल की बीमारियों को रोका जा सकता है। रोकथाम मुश्किल नहीं है, बस अनुशासन और जागरूकता की ज़रूरत है,” उन्होंने कहा।

 

डॉ. सिंह के अनुसार, सही खानपान दिल की सेहत की पहली शर्त है। ताज़े फल, सब्ज़ियाँ, दालें, अनाज और मेवे रोज़ाना की डाइट का हिस्सा बनने चाहिए। बाजरा, जौ, रागी और हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि सरसों, मूंगफली या ऑलिव ऑयल जैसे तेल संतुलन में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, लेकिन तली-भुनी और पैकेट वाली चीज़ों से बचना चाहिए।उन्होंने बताया कि रोज़ाना आधा घंटा तेज़ चलना, साइकिल चलाना या योग करना दिल को मज़बूत बनाता है और खून का संचार बेहतर करता है। पर्याप्त पानी पीना और सात से आठ घंटे की नींद लेना भी उतना ही ज़रूरी है। समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना किसी भी बीमारी को समय रहते पकड़ने का सबसे अच्छा तरीका है।

 

डॉ. सिंह ने चेतावनी दी कि कुछ गलतियाँ दिल के लिए सबसे खतरनाक साबित होती हैं। ज़्यादा नमक और चीनी खाना, धूम्रपान और शराब का सेवन और घंटों तक बैठे रहना दिल की बीमारियों को दावत देते हैं। उन्होंने कहा कि छाती में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना या अचानक थकान जैसे लक्षणों को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय पर डॉक्टर को दिखाना कई बार जान बचा सकता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि दिल की बीमारी अब न उम्र देखती है और न इलाक़ा। गाँवों से लेकर शहरों तक हर जगह यह खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में परिवारों, स्कूलों और दफ़्तरों को मिलकर जागरूकता फैलानी होगी। अगर समाज सुबह की सैर, योग और हेल्दी खाना अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना ले, तो इसका असर लंबे समय तक दिखेगा। चंडीगढ़ से उठता संदेश साफ है—दिल की मज़बूती अस्पताल में नहीं बल्कि रोज़ की आदतों में छिपी है। सही आदतें अपनाकर और गलतियों से बचकर लोग न सिर्फ़ अपनी ज़िंदगी लंबी कर सकते हैं, बल्कि पूरे समाज में दिल की बीमारियों का बोझ भी घटा सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Gaurav Tiwari

Related News

static