शहीदों के सम्मान में सड़कों के नामकरण की मांग की
punjabkesari.in Saturday, Mar 29, 2025 - 05:56 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : शहीद परिवार कल्याण समिति के संयोजक डॉ. टी.सी. राव ने रेवाड़ी नगर परिषद द्वारा हाल ही में किए गए सड़क और चौक के नामकरण पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। डॉ. राव ने कहा कि इन नामकरणों में शहीदों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है, जबकि हमारे वीर सैनिकों के बलिदानों को सम्मानित किया जाना चाहिए था। उनका कहना है कि जब रेवाड़ी में कुछ संस्थानों के नाम पहले से ही किसी एक ही हस्ती के नाम पर रखे गए हैं, तो यह शहीदों के योगदान को कम करके आंकने जैसा है।
डॉ. राव ने मुख्यमंत्री हरियाणा को एक पत्र लिखकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध किया है। रेवाड़ी जिले के शहीदों का भी रेवाड़ी शहर पर हक है, और यह हक उन्हें मान-सम्मान के साथ मिलना चाहिए। भारत सरकार ने इन वीर सैनिकों को बड़े-बड़े ताम्रपत्रों और अलंकरणों से सम्मानित किया है, लेकिन उनके बलिदानों की सराहना के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
कुछ लोग राजनेताओं को खुश करने के लिए नामकरण कर रहे हैं जो शहीदों का अपमान है। डॉ. राव ने कहा कि नगर परिषद, डिप्टी कमिश्नर और अन्य संबंधित विभागों को नामकरण करते समय सरकार के मापदंडों और नीतियों का पालन करना चाहिए, ताकि वीर सैनिकों को उचित सम्मान मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि बहादुर सैनिकों के नाम पर सड़कें, चौक और संस्थानों के नामकरण से युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत होती है और अधिक से अधिक लोग सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे न केवल हमारे वीरों के बलिदानों को याद रखा जाता है, बल्कि यह हमारी नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनता है।
डॉ. राव ने यह भी उल्लेख किया कि रेवाड़ी में पहले ही कुछ महत्वपूर्ण चौकों के नाम बाहर के लोगों के नाम पर रखे जा चुके हैं, जो बिलकुल गलत है। अगर उस समय इस मुद्दे पर आवाज उठाई जाती तो यह नामकरण रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रेवाड़ी शहर में शहीदों के नाम पर भी सड़कें और चौक नामित किए जाएं, ताकि उनके बलिदान को सही मायने में सम्मान मिल सके।
शहीद परिवार कल्याण समिति, पूर्व सैनिकों और स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर राज्य सरकार से इस मांग को शीघ्र मंजूरी देने और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध कर रही है। समिति इस बात को लेकर आशावान है कि सरकार इस मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी और हमारे वीर सैनिकों के योगदान को हमेशा याद रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।