हाईकोर्ट ने पूछा, जलमग्न गुड़गांव पर सरकार चुप क्यों ?

punjabkesari.in Wednesday, Aug 31, 2016 - 11:04 AM (IST)

चंडीगढ़: देश के सबसे मशहूर, विकसित और योजनाबद्ध तरीके से बसाए शहर को पानी में डुबो दिया, दुनियाभर में चर्चा का मुद्दा बना, क्यों नहीं इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जाए। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी एक जनहित याचिका में दाखिल अर्जी पर सुनवाई के दौरान दी। 

 

हाईकोर्ट ने कहा कि एक्सट्रा डेवलपमैंट चार्ज के तौर पर हुड्डा के सैक्टरों से 13984.64 करोड़ रुपए जमा किए फिर भी शहर का यह हाल है, यदि प्रशासन इस शहर की व्यवस्था को संभालने में नाकाम है तो बता दें और यह काम किसी और को सौंपा जाए। सरकार के 12646.88 करोड़ विकास कार्य पर खर्चने के दावों की पानी में डूबे गुड़गांव ने पोल खोल का रख दी है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान ई.डी.सी. से जमा किए पैसे और इसे कहां-कहां लगाया है इसका ब्यौरा हाईकोर्ट में तलब किया है। 

 

हाईकोर्ट में मंगलवार को फोटो और मीडिया क्लिपिंग के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार गुडग़ांव में सीवरेज और डे्रनेज व्यवस्था ठप होने से पूरा शहर पानी में डूब गया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि अब समय आ गया है जब इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जाए। 

 

सरकार और ए.जी. ऑफिस को फटकार 
कोर्ट ने ए.जी. ऑफिस से कहा कि ए.जी. ऑफिस का कार्य दोषी अधिकारियों की पैरवी करना नहीं, बल्कि राज्य सरकार का पक्ष रखना है ऐसे में इन दोषी अधिकारियों को किसी भी स्थिति में बख्शा न जाए।

 

सरकार द्वारा सौंपी जाने वाली स्टेट्स रिपोर्ट जमीनी हकीकत से दूर है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि अरबों रुपए सीवर और ड्रेनेज पर खर्च करने की सरकार बात कर रही है और पूरा गुड़गांव पानी में डूबा हुआ है।


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